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Varanasi News: गुरु पूर्णिमा पर मुस्लिम समुदाय के शिष्य भी गुरुओं से लेने पहुंचे आशीर्वाद, भेंट की हनुमान चालीसा
Varanasi News: गुरुपूर्णिमा के अवसर पर हनुमान चालीसा फेम नाजनीन अंसारी, मुस्लिम धर्मगुरु अफसर बाबा के साथ बड़ी संख्या में मुसलमान पातालपुरी मठ पहुंचे, अपने गुरु महंत बालक दास जी की आरती की एवं रामनामी दुपट्टा ओढाकर गुरु पद का सम्मान किया।
Varanasi News: राम भक्ति की धारा बहाने वाला रामानंदी परंपरा का पातालपुरी मठ ने गुरुपूर्णिमा पर सबके लिए दरवाजे खोल दिये है। पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास जी महाराज ने राम भक्ति के लिए सभी भेद को खत्म कर रामानन्द की वही परम्परा स्थापित की है, जिसमे उन्होंने धर्म जाति से ऊपर उठकर कबीर और रैदास को अपना शिष्य बनाया। महंत बालक दास के शिष्यों में मुसलमान भी शामिल हैं।
मुस्लिम महिलाओं ने उतारी आरती
गुरुपूर्णिमा के अवसर पर हनुमान चालीसा फेम नाजनीन अंसारी, मुस्लिम धर्मगुरु अफसर बाबा के साथ बड़ी संख्या में मुसलमान पातालपुरी मठ पहुंचे, अपने गुरु महंत बालक दास जी की आरती की एवं रामनामी दुपट्टा ओढाकर गुरु पद का सम्मान किया।धर्म के नाम पर हिंसा करने वालों के लिए यह बेहतर सबक है। धर्म जाति के नाम पर भेद मिटाकर भारत की सांस्कृतिक पहचान कायम रखने वाली काशी का यह अद्भुत नजारा भले ही विदेशियों की नजरों में खटके, लेकिन साम्प्रदायिक एकता की मिसाल बना पातालपुरी मठ आज दुनियां के लिए जरूरत है और महंत बालक दास जैसे गुरु ही जलते हुए विश्व को भक्ति की शीतलता प्रदान कर सकते हैं।
गुरु पूर्णिमा पर शांति सद्भावना का संदेश
इस अवसर पर मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने कहा कि काशी ज्ञान की नगरी है। यहां के गुरुओं ने विश्व को शांति और सद्भावना का मार्ग दिखाया है। गुरु किसी धर्म और जाति का नहीं होता वह जीवन को बदलने और बेहतर दिशा देने वाला होता है। गुरु वही है जो सब भेद खत्म कर दे। बालक दास जी महाराज ने रामभक्ति के क्षेत्र में सारे भेद खत्म कर दिए है।
मुस्लिम धर्म गुरु अफसर बाबा ने कहा कि काशी गुरुओं की नगरी है। गुरुपूर्णिमा पर मुसलमान गुरुओं के सम्मान में पीछे क्यों रहे। विद्या और ज्ञान देने वाला गुरु सदैव महान होता है और उसकी इज्जत सभी को करनी चाहिए। इस अवसर पर नजमा परवीन, अब्दुल कादिर वारसी, मुहम्मद जकी अंसारी, शब्बीर अनवर, निहलुद्दीन, कलीमुद्दीन, सैफ सिद्दीकी, शहाबुद्दीन जोसेफ, तबरेज, रजिया, शबाना आदि लोग शामिल रहे।