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Sonbhadra News: मिर्जापुर से संचालित हो रहा फर्जी परमिट का रैकेट, पुलिस जांच में हैरान कर देने वाला खुलासा, एक गिरफ्तार
Sonbhadra News: गिट्टी-बालू परिवहन के लिए फर्जी परमिट एवं एक्सपायर लाइसेंस की आईडी का पासवर्ड रिसेट कर विभागीय परमिट जारी करने से जुड़े रैकेट की छानबीन कर रही चोपन पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है।
Sonbhadra News: गिट्टी-बालू परिवहन के लिए फर्जी परमिट एवं एक्सपायर लाइसेंस की आईडी का पासवर्ड रिसेट कर विभागीय परमिट जारी करने से जुड़े रैकेट की छानबीन कर रही चोपन पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। इस मामले में ज्येष्ठ खान अधिकारी की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे की जांच के दौरान जहां मिर्जापुर से, इस रैकेट के संचालन की बात सामने आई है। वहीं मिर्जापुर के कटरा कोतवाली क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति की मास्टरमाइंड के रूप में पहचान की गई है। मिर्जापुर से लेकर सोनभद्र तक फैले फर्जी परमिट के रैकेट को लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ है। साथ ही फर्जी परमिट बिक्री के एवज में ली गई 1.88 लाख की रकम के साथ, चंदौली जिला निवासी गिरोह के एक सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
मामले की तफ्तीश में सामने आए कई नाम
बताते चलें कि खान अधिकारी की तरफ से भंडारण लाइसेंस की अवधि एक्सपायर हो जाने के बाद भी उस आईडी से परमिट जारी कर करोड़ों के राजस्व चोरी का खुलासा किया गया था और मामले में चोपन थाने में धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी, लोक सम्पत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही थी। इस मामले में मेसर्स एस कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स बिल्ली मारकुण्डी के पार्टनर सत्यप्रकाश केशरी निवासी शिवनगर कॉलोनी थाना ओबरा, मेसर्स मां दुर्गा माइनिंग एंड कंस्ट्रक्शन मीतापुर, पता प्रीतनगर चोपन के संचालक गणेश कुमार अग्रवाल निवासी राम मंदिर कॉलोनी ओबरा, इस फर्म के कम्प्यूटर ऑपरेटर श्याम कुमार प्रजापति निवासी जूड़ा, हरधन, चंदौली हालपता निवासी बिल्ली, ओबरा, आशुतोष मिश्रा निवासी गौरव नगर चोपन, रविकांत पाण्डेय पुत्र दीनानाथ पांडेय, हाल पता अहरौरा, मिर्जापुर के खिलाफ केस दर्ज किया गया था और मामले की विवेचना चौकी प्रभारी डाला राजेश प्रताप सिंह को सौंपी गई थी। बताते हैं कि विवेचना के दौरान पता चला कि इस रैकेट का मास्टर माइंड दीपचंद द्विवेदी निवासी विसुंदरपुर सिविल लाइन थाना कोतवाली, शहर मीरजापुर है।
मिर्जापुर से इस तरह सोनभद्र लाया जा रहा था फर्जी परमिट
पुलिस के मुताबिक दीपचंद कूटरचित ई-प्रपत्र तैयार करता है। उसे वह रविकांत पाण्डेय के माध्यम से आशुतोष मिश्रा तक पहुंचाता है और आशुतोष उसे वाहन स्वामियों-क्रशर संचालन से जुड़े लोगों तक पहुंचाकर उसकी रकम वसूलने का काम करता है। यह रकम मिर्जापुर पहुंचती है और वहीं से उसकी हिस्सेदारी तय होती है।
बंद पड़ी खदानों के लाइसेंस पर जारी किया जा रहा था फर्जी परमिट: सीओ
सीओ सिटी राहुल पांडेय ने बताया कि खनन विभाग की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे की जब जांच हुई तो पता चला कि बंद पड़ी खदानों के लाइसेंस पर गलत फार्म सी जारी कर सरकारी राजस्व और रायल्टी को क्षति पहुंचाई जा रही है। इस मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है और गिरोह के सक्रिय सदस्य रविकांत पाण्डेय निवासी परसहटा, थाना धानापुर, चंदौली को गिरफ्तार किया गया है। पूरा मामला 1.40 करोड़ का है। फिलकहाल पकड़े गए आरोपी के पास एक लाख 88 हजार की बरामदगी हुई है।
गिरफ्तारी व खुलासे में इनकी रही प्रमुख भूमिका
इस मामले की जांच और कार्रवाई में प्रभारी निरीक्षक चोपन विश्वनाथ प्रताप सिंह, डाला चौकी इंचार्ज राजेश प्रताप सिंह, मुख्य आरक्षी शिवसरन अमित तिवारी, कांस्टेबल मुकेश कुमार की टीम शामिल थी।