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Prayagraj News: कहानी उस गांव के महिलाओं की जिनको एक-एक बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है

Prayagraj News: आध्यात्म और धर्म की दुनिया से बाहर निकलकर राजनीति में प्रवेश करने वाले आचार्य हरिकृष्ण एवं उनकी टीम पहुंची तो उन्हें भी शक्ति के विकेंद्रीकरण की थ्योरी बिखरी हुई नजर आयी।

Syed Raza
Published on: 25 Jun 2023 4:28 PM GMT (Updated on: 25 Jun 2023 5:33 PM GMT)
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Prayagraj News: नीता उम्र 50, मंजू उम्र 80, और अनारकली उम्र 65 जिनकी आंखों के आंसू सुख चुके हैं। आभाव इनकी दिनचर्या में शामिल हो चुका है और कंठ पानी के आभाव में पत्थर बन चुका है, लेकिन ये लोग हर आने जाने वाले नेताओं, अधिकारियों से अपना दुख यह जानते हुए भी कह लेतें हैं कि कोई इसे पूरा नहीं करने वाला।

बात हो रही है कर्मा डेरा की जहां रविवार को आध्यात्म और धर्म की दुनिया से बाहर निकलकर राजनीति में प्रवेश करने वाले आचार्य हरिकृष्ण एवं उनकी टीम पहुंची तो उन्हें भी शक्ति के विकेंद्रीकरण की थ्योरी बिखरी हुई नजर आयी। अभाव से लबरेज बुजुर्ग महिलाओं की पानी के अभाव में सुख चके कंठ, विधवा पेंशन से वंचित लाचार विधवा होने का एहसास उन्हें खाये जा रहा है। ये असलियत केवल मंजू, अनारकली और नीता तक सीमित नहीं है। ऐसी सैकड़ों महिलाएं हैं जिन्हें अपने होने तक का एहसास नही है। कर्मा डेरा, मंतोरिय का पुरा, जारी और फिर जारी बाजार में जनसंपर्क अभियान चलाया गया। जिसका नेतृत्व आचार्य हरिकृष्ण शुक्ल और उनकी टीम ने किया। इस दौरान टीम ने जब लोगों की हकीकत जानी तो उनके होश उड़ गए। जरा सोचिए जहां पानी न हो वहां कैसे जीवन होगा। यहां के लोगों की इस दशा को देखकर हर कोई दंग हो जाएगा।

Syed Raza

Syed Raza

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