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Sonbhadra News: आकाश से पानी, सीधे धरती की कोख में, इस कायाकल्प से मिटेगी सोनभद्र की प्यास

Sonbhadra News: सूखे-बेकार पड़ी बोरिंग को बनाया माध्यम, 2250 में 1850 का निर्माण पूरा, 112 करोड़ लीटर भूजल संरक्षण का बना प्लान।

Kaushlendra Pandey
Published on: 25 Jun 2023 11:11 AM IST
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Sonbhadra News: सूखे-बेकार पड़ी बोरिंग को बनाया माध्यम, 2250 में 1850 का निर्माण पूरा, 112 करोड़ लीटर भूजल संरक्षण का बना प्लान।

सोनभद्र में रिचार्ज पिट के जरिए जलसंकट से जंग लड़ी जाएगी। पूर्वांचल के बुंदेलखंड का दर्जा रखने वाले सोनभद्र में तेजी से गिरते भूजल स्तर को रोकने में जल्द ही रिचार्ज पिट बड़ी भूमिका निभाते नजर आएंगे। बारिश के पानी को सीधे भूगर्भ में पहुंचाने के लिए दो माह पूर्व शुरू किए गए रिचार्ज पिट निर्माण का अभियान करीब-करीब अंतिम चरण में पहुंच गया है। निर्मित किए जा रहे 2250 रिचार्ज पिटों में से अब तक लगभग 1850 का निर्माण भी पूर्ण किया जा चुका है। मानसूनी सीजन की पहली बारिश के दौरान इसका अच्छा परिणाम भी देखने को मिला। इसको देखते हुए डीएम चद्रविजय की तरफ से शेष पिटों का भी निर्माण शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

गांवों में प्यास बुझाने को रोजाना, 508 टैंकरों को लगाना पड़ रहा कई चक्कर

बताते चलें कि एक तरफ जहां पांच सालों में जिले का जलस्तर चार मीटर तक खिसकने का आंकड़ा सामने आ चुका है। वहीं 312 ग्राम पंचायतों में 508 टैंकरों के माध्यम से प्रतिदिन 1458 ट्रिप पानी की आपूर्ति कर, लोगों की प्यास बुझाई जा रही है। हालत यह है कि महज मई-जून माह में ही 63809 ट्रिप पानी की आपूर्ति करनी पड़ी है। इसको देखते हुए जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह की तरफ से ग्राम पंचायतों में खराब पड़े बोरिंग का डीप रिचार्ज पिट के रूप में उपयोग की योजना बनाई गई।

कुछ इस तरह दिया गया योजना को मूर्तरूप

सबसे पहले ग्राम पंचायतों में खराब बोरिंग का चिन्हीकरण किया गया। इसके बाद अगल-बगल 6 फीट गहराई तक गड्ढा खोदकर, पक्का टैंक बनाया गया। इसके बाद टैंक में मिट्टी, गिट्टी और मोरंग का प्रयोग करते हुए तीन लेयर का फिल्टर तैयार किया गया। जो बोरिंग खराब थी, उसमें छेद कर मेस और स्टील जाली लगाई गई, ताकि सही तरीके से पानी सीधे भूगर्भ में पहुंच सके।


विशेषज्ञों का आंकलन है कि एक रिचार्ज पिट में औसतन 100 एमएम बरसात होने पर पांच से सात लाख लीटर जल भूगर्भ में पहुंचेगा। पांच लाख लीटर के आंकड़े को ही सच माने तो रिचार्ज पिट के जरिए अभियान के पहले चरण में 2250 बोरिंग के जरिए बारिश से मिलने वाले 11 करोड़ लीटर पानी को सीधे भूगर्भ में भेजने की योजना है। बताते चलें कि भूजल में महज वर्ष 2017 से 2022 के बीच लगभग चार मीटर की गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट इसलिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि यह आंकड़ा बारिश से पहले नहीं बल्कि बारिश के बाद का है।

सोनभद्र के सभी ब्लाकों में हालात चिंताजनक

विभागीय आंकड़ें बताते हैं कि दुद्धी, म्योरपुर और कोन ब्लाक में हालात जहां सेमी क्रिटिकल श्रेणी में पहुंच गए हैं। वहीं बभनी, चतरा, चोपन, घोरावल, म्योरपुर, करमा, राबटर्सगंज ब्लाक में भी स्थिति चिंताजनक है। पिछले पांच सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो बभनी में 5.22 मीटर, चतरा में 3.14 मीटर, चोपन (कोन शामिल) में 2.65 मीटर, दुद्धी में 1.48 मीटर, घोरावल (करमा शामिल) में 4.40 मीटर, म्योरपुर में 3.80 मीटर, नगवां में 6.58 मीटर, राबटर्सगंज में 1.75 मीटर गिरावट दर्ज की गई है।

उत्साहजनक रहे परिणाम तो और तेज होगा अभियान

डीएम चंद्रविजय सिंह बताते हैं कि सोनभद्र की ज्यादातर एरिया पथरीली है। इस कारण यहां प्राकृतिक रूप से पर्याप्त भूजल रिचार्ज नहीं हो पा रहा है। इसको देखते हुए बेकार तथा सूखे पड़े बोरिंग को रिचार्ज पिट की शक्ल देकर, भूजल संरक्षण और उसे ज्यादा से ज्यादा रिचार्ज करने की योजना पर काम शुरू किया गया। अभियान के पहले चरण में कुल 2250 रिचार्ज पिट की योजना बनी, जो अब अंतिम दौर में है। इसमें ढाई सौ पिट डीएमएफ कोटे से और 2000 ग्राम पंचायत कोटे से है। कहा कि परिणाम उत्साहजनक रहे तो इसे और गति दी जाएगी।

लोगों से की आगे आने की उम्मीद

डीएम ने वाटर रिचार्जिंग के लिए लोगों से आगे आने की अपील करते हुए कहा कि अपना घर बनवाते समय बोरवेल रिचार्ज पिट का निर्माण अवश्य करवाएं। ताकि ज्यादा से ज्यादा बारिश के पानी को सीधे भूगर्भ में पहुंचे और लोगों को पेयजल की समस्या से स्थाई निजात मिल सके।



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Kaushlendra Pandey

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