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UPSC Result 2021: प्रयागराज की अंशुल सिंह बनी IAS, जाने पीसीएस से आईएएस बनने का कैसा रहा पूरा सफर
UPSC Result 2021: यूपी के प्रयागराज जनपद में रहने वाले अंशुल सिंह ने पांचवें प्रयास के बाद UPSC Civil Services Final Result 2021 में 435वीं रैंक हासिल की है।
Prayagraj UPSC Result 2021 : कहते हैं कड़ी मेहनत और सच्ची लगन हो तो इंसान कामयाब जरूर होता है और इसी कहावत को सच करके दिखाया है प्रयागराज की अंशुल सिंह ने। प्रयागराज के जार्जटाउन की रहने वाली अंशुल सिंह ने पांचवें प्रयास में UPSC में 435वीं रैंक हासिल कर अपनी मेधा का लोहा मनवाया है। उनके पिता कपिल देव सिंह आगरा मंडल में RTO के पद पर तैनात हैं। मां सरोज सिंह हाउस वाइफ हैं। बड़ी बहन भूमिका सिंह एमडी रेडयोलॉजी हैं। आईएएस बनी अंशुल सिंह ने बताया कि एमए करने के दौरान उन्होंने 2017 में पहली बार संघ लोक सेवा आयोग की आईएएस परीक्षा दी थी। पहली बार में उनकी तैयारी प्रॉपर ना हो पाने के कारण प्री भी नहीं निकल पाया था। इसके बाद 2018 की परीक्षा में भी उन्हें निराशा हाथ लगी।
निराशा के बाद हासिल की सफलता
मन में नेगेटिव थॉट्स तो आते थे लेकिन अपने ऊपर पूरा भरोसा होने और लगातार मेहनत के कारण 2019 की यूपीएससी की परीक्षा में अंशुल सिंह इंटरव्यू तक पहुंचीं। हालांकि, भूगोल का पेपर अच्छा ना हो पाने के कारण उनका अंतिम सिलेक्शन 15 अंकों से रह गया था। सफलता के इतना करीब पहुंचने के बाद जब सिलेक्शन नहीं हुआ तो थोड़ी निराश हुई। 2020 की परीक्षा पूरी तैयारी के साथ फिर दिया लेकिन प्रारंभिक परीक्षा में फिर लटक गईं। अंशुल को लगा कि प्रारंभिक परीक्षा पास करना ही सबसे बड़ी बाधा है। 2021 की यूपीएससी की परीक्षा में पूरा जोर लगा दिया और अंतिम परिणाम में जगह बनाकर ही मानीं।
2018 में कमर्शियल टैक्स ऑफिसर बनी अंशुल
इस बीच बीच अंशुल सिंह ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भी अपनी किस्मत आजमाई। 2018 बैच की पीसीएस परीक्षा में उनका चयन कमर्शियल टैक्स अफसर के पद पर हो गया। वर्तमान में वह कमर्शियल टैक्स ऑफिसर, हाईकोर्ट वर्क्स प्रयागराज में पोस्टेड हैं। जुलाई 2021 में उन्होंने इस पद पर ज्वाइन कर लिया था। नौकरी करते करते उन्होंने आईएएस की तैयारी की और 435वीं रैंक हासिल करने में सफल रहीं। अंशुल सिंह की कामयाबी से मां-बाप और पूरे परिवार में खुशी की लहर है। परिवार वालों का भी कहना है कि अंशुल बेहद मेहनती हैं और उनको विश्वास था कि 1 दिन उनकी बेटी आईएएस जरूर बनेगी।