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Camel Snake Video: ऊँट को साँप क्यों खिलाया जाता है, वीडियो में देखें ये चौकाने वाला राज

Camel Eating Snake Video: ऊँट को शाकाहारी जीव की श्रेणी में रखा जाता है पर रेगिस्तान के इस शाकाहारी जीव को ज़हरीला साँप खिलाया जाता है।

Akshita Pidiha
Published on: 31 July 2023 6:08 PM IST
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Camel Eating Snake Video: रेगिस्तान का जहाज़ कहने वाले ऊँट को कौन नहीं जानता। इसे रेगिस्तान में सबसे महत्वपूर्ण जीव कहा जाता है। क्योंकि महीने तक बिना पानी के रह सकता है। बिना थके मीलों तक चल सकता है। जिससे वहाँ के लोगों का जीवन सरल हो जाता है। ऊँट को शाकाहारी जीव की श्रेणी में रखा जाता है पर रेगिस्तान के इस शाकाहारी जीव को ज़हरीला साँप खिलाया जाता है।

आज हम इसके पीछे के कारण के बारे में जानते हैं । मरुस्थलीय जगह में रहने वाले इस जीव को ज़हरीले साँप को ज़िंदा खिलाने का एक कारण होता है । ऐसा माना जाता है कि साँप को एक अजीब बीमारी होती है । इस बीमारी के समय ऊँट ना तो चल फिर पाता है ना ही कुछ खा पाता है । साथ ही ऊँट के पैर और मुँह में काफ़ी दर्द होता है और कभी कभी इतना दर्द होता है कि इससे ऊँट की मौत भी हो जाती है । जिसे ठीक करने के लिए ऊँट को ज़हरीला साँप खिलाया जाता है ।

जिंदा सांप निगलना

हालाँकि ऊँट हर तरह की घास खा लेता है । यहाँ तक की केकटस भी । ऊँट के मालिकों के द्वारा कहा जाता है कि साँप के ज़हर से ही इसे ठीक किया जाता है। इसे कुछ लोग धार्मिक मान्यता से जोड़कर देखते है। इस बीमारी को ह्यम कहते हैं। इसका मतलब ही 'जिंदा सांप निगलना' बताया जाता है। दरअसल ऊँट साँप खुद से नहीं खाते हैं। बीमारी होने पर ऊँट के मुँह को दो लोगों के द्वारा खोला जाता है, वहीं तीसरा व्यक्ति ज़िंदा साँप को ऊँट के मुँह में डालता है और उसके बाद ऊँट को बहुत सारा पानी पिलाया जाता है ताकि ऊँट सीधे उसे निगल लेऔर साँप उसके पेट के अंदर चला जाए।

17वीं शताबदी से अपनाई जा रही है यह तकनीक

ऐसा करने से सांप का ज़हर ऊंट के शरीर में फ़ैल जाता है। वहीं, जैसे-जैसे ज़हर का असर कम होता है, ऊंट ठीक होता जाता है। ज़हर का असर पूरा खत्म होते ही ऊंट फिर से खाने-पीने लग जाता है। ये तकनीक 17वीं शताबदी से चली आ रही है।

ऊँट को जिन्दा सांप खिलाने का दूसरा कारण यह भी

एक और कारण यह दिया जाता है कि साँप के ज़हर से ज़हर का एंटीडॉट बनाया जाता है, जो साँप को निगलने के बाद ऊँट के आंसू के रूप में निकलता है। फिर उसे एकत्र कर व्यापार के रूप में उपयोग किया जा रहा है। हालाँकि ये भी एक मिथ ही है। पर इन सभी बातों का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कोई अर्थ नहीं है।जानवरों के डॉक्टर, और वैज्ञानिक इसे मिथ मानते हैं। और जानवरों के डॉक्टर की यही सलाह दी जाती है ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द ऊँट को डॉक्टर के पास दिखाना चाहिए।



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Akshita Pidiha

Akshita Pidiha

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