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Video: बहुत सी आवाज़ों की नकल कर सकती है ये ऑस्ट्रेलियाई चिड़िया

World Heritage Lyre Bird: एक वीडियो शेयर किया जा रहा, वर्ल्ड हेरिटेज" चिड़िया दिखाई गई है जो 25 तरह की आवाज़ निकालती है और दावा किया गया है कि इस चिड़िया का वीडियो बनाने में 16 फोटोग्राफरों को 62 दिन लग गए है।

Yogesh Mishra
Published on: 27 May 2023 3:44 PM IST

World Heritage Bird: सोशल मीडिया, खासकर व्हाट्सएप और फेसबुक पर बहुत सी ऐसी सामग्री है जो महीनों - वर्षों के अंतराल के बाद खूब चलाई जाती है। इन्हें पहचानना मुश्किल होता है क्योंकि जानकारियों की सुनामी में ऐसी पोस्ट्स को याद रख पाना आसान नहीं है।

बहरहाल, एक संक्षिप्त वीडियो फिर सोशल मीडिया पर चल रहा है जिसमें तमिलनाडु की एक "वर्ल्ड हेरिटेज" चिड़िया दिखाई गई है जो 25 तरह की आवाज़ निकालती है और दावा किया गया है कि इस चिड़िया का वीडियो बनाने में 16 फोटोग्राफरों को 62 दिन लग गए।

इस चिड़िया की सच्चाई जानने के लिए इंटरनेट पर तमाम रिसर्च के बाद आप पाएंगे कि ये न तो तमिलनाडु की चिड़िया है और न इसका 16 फोटोग्राफरों ने वीडियो बनाया है। दरअसल, ये चिड़िया है "लायरे बर्ड" जो ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड ज़ू में है। इसका फोटोशूट एक फोटोग्राफर माइकलॉस ने किया था, वो भी चंद मिनटों में।

लायरेबर्ड जमीन पर रहने वाले ऑस्ट्रेलियाई पक्षियों की एक प्रजाति है। वे अपने वातावरण से प्राकृतिक और कृत्रिम ध्वनियों की नकल करने की क्षमता और नर पक्षी की विशाल पूंछ की आकर्षक सुंदरता के लिए जानी जाती है। ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स प्रान्त के योजना और पर्यावरण विभाग के अनुसार, लायरेबर्ड्स लगभग किसी भी ध्वनि की नकल कर सकते हैं।

वे आमतौर पर अन्य पक्षियों, स्तनधारियों और यहां तक कि मनुष्यों द्वारा की गई तेज, विशिष्ट ध्वनियों की नकल करते हैं। वे ट्रेन की सीटी, हॉर्न, सायरन और आरी जैसी आवाज़ों की नकल कर सकते हैं।

लायरेबर्ड्स की आवाज़ 80 फीसदी तक मिमिक्री होती है, और एक नर लायरबर्ड को 20-25 प्रजातियों की कॉल की नकल में महारत हासिल होती है।

बताया जाता है कि 1920 में लायरेबर्ड के एक चूज़े को पिंजरे यानी कैद में पाला गया था। ये जिस घर में था वहां इसने घर में बजने वाली बांसुरी की नकल की, दो धुनें सीखीं और एक उतार चढ़ाव वाले स्केल की लय सीखी।

जब उसे वापस न्यूइंग्लैंड के जंगल में छोड़ा गया, तो उसके बांसुरी जैसे गाने और लय पूरे लायरेबर्ड आबादी में फैल गए। ये कहानी कितनी सच है ये तो नहीं पता लेकिन फिर भी, हर सर्दी में न्यू इंग्लैंड के ऊबड़-खाबड़, धुंध भरे वर्षावन में बांसुरी जैसी संगीत ध्वनियां गूंजती हैं जैसे कोई असली में बांसुरीवादक बजा रहा हो।



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Yogesh Mishra

Yogesh Mishra

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