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Y-FACTOR: मैं इस तरह घूस लेता था, जानें कबूलनामे के बाद कैसे उठ गया बवंडर Yogesh Mishra EP- 297
आप कल्पना कीजिये कि यदि भ्रष्ट अफ़सर , भ्रष्ट नेता अपने अपने भ्रष्टाचार की कहानी सुनाने लगें तो भ्रष्टाचार कितना दूर हो जायेगा।
आप लोगों ने भ्रष्टाचार को लेकर तमाम स्वयंसेवी संगठनों व राजनीतिक दलों को लड़ाई लड़ते देखा होगा। और यह भी देखा-सुना होगा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने का संकल्प दोहराते हुए केंद्र व राज्यों में सरकारें बन चुकी हैं। यह भी देखा होगा कि हर नेता व हर राजनीतिक दल हमेशा यह कहता है कि उसे भ्रष्टाचार दूर करना है। देश के एक प्रधानमंत्री राजीव गांधी रहे, उन्होंने यहाँ तक क़ुबूल किया कि जो सौ पैसा हम केंद्र से नीचे भेजते हैं,उसमें से पच्चासी पैसा कट में निकल जाता है, भ्रष्टाचार में चला जाता है। केवल पंद्रह पैसा ही नीचे पहुँचता है। नरेंद्र मोदी जो आज के प्रधानमंत्री हैं, उनका दावा है कि उन्होंने एक भ्रष्टाचार मुक्त सरकार दे रखी है। और जो सौ पैसा वह भेजते हैं, वह पूरा का पूरा सौ पैसा नीचे पहुँचता है। ऐसे तमाम दावे, तमाम संकल्प, तमाम तरह की गतिविधियाँ भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए ट्रांसपरेंसी का ज़िक्र करते हुए लोग मिलेंगे।
लेकिन आप कल्पना कीजिये कि यदि भ्रष्ट अफ़सर , भ्रष्ट नेता अपने अपने भ्रष्टाचार की कहानी सुनाने लगें तो भ्रष्टाचार कितना दूर हो जायेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ समाज के विभिन्न फलकों पर लड़ी जा रही लड़ाई को कितनी ताक़त मिलेगी, कितना बल मिलेगा। लेकिन हमारे यहाँ यह संभव ही नहीं है। क्योंकि लोकतंत्र है। लोकतंत्र में कई बार ही नहीं हमेशा लोक हावी होता है। और भ्रष्टाचार लोक तक पसर चुका है। लेकिन चीन में इस तरह का चलन शुरू हो गया है। वहाँ इस तरह के टीवी सीरियल दिखाये जा रहे हैं, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोपी अफसर और नेता अपनी दास्तान बताते हैं और कबूल करते हैं कि वे किस तरह मोटी रकम घूस में लेते थे। यह काफी रोचक होता है, खासकर ऐसे अफसरों को देखना जिनके बारे में आप जानते हैं, जिनकी चर्चा आपने सुन रखी है।
यह कोरी कल्पना नहीं है, चीन के एक सरकारी चैनल पर ऐसी ही सीरीज का प्रसारण इन दिनों किया जा रहा है जिसमें भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी अपनी कथित करतूतों को क़ुबूल करते हैं। यह सीरीज चीन की सरकार द्वारा चलायी जा रही भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम का हिस्सा है। इन दिनों चीन में इस सीरीज की खूब चर्चा है। यह सीरीज चीन के सरकारी चैनल सीसीटीवी पर पांच किस्तों में दिखाई जा रही है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पिछले कुछ सालों से भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी मुहिम चला रहे हैं। इसके तहत कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े कई लोग गिरफ्तार किए गए । जेल में डाले गए। बताया जाता है कि जिनपिंग के कार्यकाल में 2013 से अब तक भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपों के तहत 10 लाख से अधिक अधिकारियों को सजा दी जा चुकी है। वैसे, आलोचकों का कहना है कि भ्रष्टाचार विरोधी अभियान दरअसल, जिनपिंग के लिए अपने राजनीतिक दुश्मनों और आलोचकों को हटाने का भी जरिया बना हुआ है।
टीवी सीरीज में जिन लोगों के कथित कबूलनामे दिखाए जा रहे हैं, उनमें पूर्व जन सुरक्षा मंत्री सन लिजुन भी शामिल हैं। हांगकांग में चले विरोध प्रदर्शनों और लोकतंत्र समर्थक अभियान के दौरान वहां की सुरक्षा का जिम्मा सन लिजुन पर ही था। उन पर रिश्वतखोरी, स्टॉक मार्केट में गड़बड़ करने, अवैध हथियार रखने और पैसा देकर सेक्स करने जैसे आरोप लगे हैं। सीरीज के मुताबिक, सन लिजुन ने करीब 1.4 करोड़ डॉलर की रिश्वत ली थी। सीरीज में बताया गया है कि सन लिजुन को रिश्वत पहुंचाने वाले शख्स को लिजुन ने बाद में पूर्वी ज्यांगसु प्रांत का पुलिस प्रमुख बना दिया था।
यह पहली बार नहीं है जब सीसीटीवी चैनल ने इस तरह के कबूलनामे का प्रसारण किया हो। पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है कि आरोपी अधिकारियों को अदालत में पेश किए जाने से पहले ही चैनल पर उनका बयान चलवाया गया। जनता को दिखाया गया। इन बयानों में आरोपी खुद पर लगे आरोप स्वीकार करते नजर आते हैं।
इसी सीरीज के एक एपिसोड में 'चाइना असोसिएशन फॉर साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी' के चेंग गांग का भी बयान दिखाया गया है। गांग अभी कैद में हैं । उन पर आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से पैसे कमाए और इन पैसों से 72 हजार वर्ग मीटर में फैला एक आलीशान घर बनवाया।
भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों में जिन आरोपियों पर आरोप साबित हो चुके हैं उनकी सारी संपत्ति छीन ली गईं हैं। साथ ही उनकी कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता भी खत्म कर दी गई है। ऐसे लोगों को ऐसी सजा दी गयी है कि उन्हें जीवन भर जेल में ही रहना होगा। मुमकिन है कि उन्हें मौत की सजा दी जाए। सीरीज के दूसरे एपिसोड में वांग फुयू नाम के पूर्व अधिकारी का कथित कबूलनामा दिखाया गया था। इस एपिसोड के प्रसारित होने के एक दिन बाद ही फुयू को मौत की सजा सुना दी गई।
चीन में इस सीरीज को करोड़ों दर्शकों द्वारा देखा गया है। सोशल मीडिया पर यह सीरीज़ खूब देखी जा रही है। खूब सराही जा रही है। लोग सोशल मीडिया पर इस सीरीज की समीक्षा में लगे हैं। भ्रष्टाचार के कबूलनामे देख-सुन कर लोग बहुत गुस्से में हैं। लोगों अलग अलग तरह की प्रतिक्रियाएँ व्यक्त कर रहे हैं। कई लोगों ने तो अपनी प्रतिक्रियाओं में यहाँ तक लिखा है कि कैसे ये अधिकारी इस तरह का काम करते हैं। यह भी लिखा गया है कि इनको इतने पैसों की ज़रूरत क्यों आन पड़ी। यह भी लिखा गया है कि इन्हें महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया किसने ? यह भी लिखा गया है कि जिसने बिठाया उसके ख़िलाफ़ भी कोई न कोई कार्रवाई ज़रूर होनी चाहिए । चीन के लोगों का ग़ुस्सा इस सीरीज़ को देख कर सातवें आसमान पर है। देखना है कि यह सीरीज़ जारी रहती है या बंद कर दी जाती है। और इस सीरीज़ से चीन में भ्रष्टाचार कितना कम होता है। और ऐसे हथकंडे भ्रष्टाचार को कम करने का माध्यम हो सकते हैं या फिर ये भी लोगों को संतुष्ट करने या भुलावा देने के काम ही आते रहेंगे।