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यूएस हिंसा: इससे पहले जानिए कब-कब और क्यों सुलग उठा था अमेरिका
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने के वक्त भी जमकर हिंसा हुई थी। ट्रंप के समर्थकों को लगा कि डेमोक्रेट्स पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन जीत की ओर अग्रसर हैं। वे चुनाव जीत सकते हैं। उसके बाद वे सडकों पर उतर आये थे।
वाशिंगटन: अमेरिकी कांग्रेस में गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने इलेक्टोरल कॉलेज वोटों को प्रमाणित करने के लिए हुई बैठक को लेकर जमकर हंगामा किया।
निवर्तमान राष्ट्रपति के समर्थकों के हंगामे और हिंसा के कारण स्थिति बिगड़ गई और वाशिंगटन डीसी में कर्फ्यू लगाना पड़ा। हंगामे के दौरान ट्रंप समर्थकों की पुलिस से भी झड़प हो गई।
इसमें गोली लगने के कारण एक महिला की मौत हो गई है। अमेरिका में हिंसा का ये कोई पहला मामला है। बल्कि इसके पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। तो आइए जानते हैं, इससे पहले अमेरिका में कब-कब हिंसा की घटनाएं हुई हैं।
यूएस हिंसा: इससे पहले जानिए कब-कब और क्यों सुलग उठा था अमेरिका (फोटो:सोशल मीडिया)
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काले व्यक्ति को पुलिस द्वारा गोली मारे जाने पर हुई थी हिंसा
अमेरिका में ओहायो राज्य के कोलंबस शहर में 25 दिसम्बर 2020 को पुलिस ने एक अश्वेत आदमी को गोली मार दी थी।
घटना के वक्त आदमी पूरी तरह से निहत्था था। उसके पास कोई शस्त्र भी नहीं था। उसके बाद अमेरिका में पुलिस की बर्बरता के खिलाफ सैकड़ों अश्वेत लोग सड़कों पर उतर आये थे।
कई शहरों में जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी। उस वक्त हिंसा की आग व्हाइट हाउस तक जा पहुंची थी।
प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस तक पैदल मार्च निकाला था। राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ भी लोगों का गुस्सा देखने को मिला था।
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यूएस हिंसा: जानिए इससे पहले कब-कब और क्यों सुलग उठा था अमेरिका (फोटो:सोशल मीडिया)
अफ़्रीकी -अमेरिकी व्यक्ति की हत्या के बाद सुलग उठा था अमेरिका
अमेरिका के कोलंबस शहर में इससे पहले दिसम्बर 2020 में पुलिस ने एक अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति को गोली मारकर हत्या कर दी थी।
इस घटना के खिलाफ सैकड़ों अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक आक्रोशित हो उठे थे।
उन्होंने अमेरिका के जमकर उत्पात मचाया था।कई शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के साथ हिंसक झड़प भी हुई थी।
जमकर तोड़फोड़ की गई थी और सरकारी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था।
तीन सप्ताह से भी कम समय में कोलंबस में पुलिस द्वारा किसी अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति को गोली मार देने की यह दूसरी घटना थी।
अमेरिका में चुनाव से ठीक पहले एक और अश्वेत की पुलिस द्वारा हत्या
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले 28 अक्तूबर 2020 एक और अश्वेत की पुलिस द्वारा हत्या कर दी गई थी।
फिलाडेल्फिया में पुलिस ने 27 साल के अश्वेत को चाकू नीचे फेंकने को कहा और उसके बाद उसको गोली मार दी।
अश्वेत वॉल्टर वॉलेस जूनियर की पुलिस शूटिंग में मौत के बाद शहर में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे और लोगों ने सड़कों पर उतरकर पुलिस द्वारा कथित हत्या पर अपना विरोध दर्ज कराया था।इस घटना के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शन में 30 से अधिक लोग घायल हो गए और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
अमेरिका: अश्वेत को मौत की सजा देने के बाद अमेरिका में हिंसा
अमेरिका में 25 सितम्बर 2020 को अश्वेत क्रिस्टोफर विएलविया को फांसी की सजा सुनाई गई थी।
उसने 1999 में दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था और उसे घातक इंजेक्शन देकर मौत की साज दी गई थी।
अमेरिका में जुलाई में संघीय स्तर पर मृत्युदंड को बहाल किया था संघीय स्तर पर दी गई यह सातवीं मौत की सजा थी।
उस वक्त विएलविया के वकीलों ने नस्लीय पूर्वाग्रह से लिए गए फैसले का आरोप लगाया था। इस घटना के बाद से अश्वेत लोगों ने जमकर अमेरिका में बवाल किया था। कई शहरों में तोड़फोड़ और आगजनी की खबरें आई थी।
यूएस हिंसा: जानिए इससे पहले कब-कब और क्यों सुलग उठा था अमेरिका (फोटो:सोशल मीडिया)
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने के वक्त हुई थी हिंसा
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने के वक्त भी जमकर हिंसा हुई थी। जैसे ही चुनाव के नतीजे आना शुरू हुए थे और ट्रंप के समर्थकों को लगा कि डेमोक्रेट्स पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन जीत की ओर अग्रसर हैं।
वे चुनाव जीत सकते हैं। उसके बाद ट्रंप के समर्थक सडकों पर उतर आये थे। उन्होंने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल किया था। अमेरिका के कई हिस्सों में जोरदार प्रदर्शन हुए थे।
लोअर मैनहट्टन में प्रदर्शनकारियों की एक अनियंत्रित भीड़ के साथ पुलिस भिड़ गई थी, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने एक गली में आग लगा दी थी और एक अधिकारी के सामने सीधे थूक दिया था।
इसके अलावा वाशिंगटन स्क्वायर पार्क में शांतिपूर्ण विरोध के बाद 60 लोगों की गिरफ्तारी के बाद टकराव हुआ था. इससे पहले 'काउंट द वोट' नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने जमकर प्रदर्शन किया था। आजगनी और तोड़फोड़ की खबरें भी आई थी।
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