Afghanistan News: तालिबान को मान्यता देगा अमेरिका! विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

Afghanistan-Taliban News: तालिबान को लेकर अमेरिका ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसके बाद चर्चाएं तेज हैं कि क्या वो तालिबान को मान्यता देने के लिए राजी हो गया है?

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Newstrack NetworkPublished By Shreya
Published on: 28 Aug 2021 1:55 PM GMT
Afghanistan News: तालिबान को मान्यता देगा अमेरिका! विदेश मंत्रालय ने कही ये बात
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Afghanistan-Taliban News: अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा वैश्विक चिंता का कारण बना हुआ है। जिस तरह तालिबान का आतंक गुजरते दिन के साथ बढ़ रहा है, वैसे ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता भी बढ़ती जा रही है। एक ओर जहां तालिबान अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने की तैयारी में जुटा है तो वहीं दूसरी ओर दुनियाभर के तमाम देश पहले ही यह एलान कर चुके हैं कि वो तालिबानी सरकार को मान्यता नहीं देंगे।

इनमें से एक अमेरिका भी है, लेकिन इस बीच दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश एक एलान बयान दिया है, जिससे यह चर्चाएं तेज हो गई हैं कि क्या अमेरिका तालिबानी हुकूमत को मान्यता देने पर राजी हो गया है? दरअसल, अमेरिका की ओर से कहा गया है कि तालिबान को कूटनीतिक रूप से मान्यता देने के लिए वह संगठन से बातें नहीं बल्कि काम चाहता है। साथ ही उसके कमिटमेंट्स पर खरा उतरने की उम्मीद जताता है।

नेड प्राइस (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

अभी हमने कोई फैसला नहीं किया है

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कल यानी शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि तालिबान ने यह स्पष्ट किया है कि वे चाहते हैं कि अमेरिका की अफगानिस्तान में राजनयिक उपस्थिति बनी रहे। इसके साथ ही तालिबान यह चाहता है कि अन्य देश अफगानिस्तान में अपने राजनयिक मिशन को जारी रखें। प्राइस ने कहा कि तालिबान ने जो दूतावास अब तक वहां पर खुलें है उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया है, हालांकि अब तक हमने इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन अपने भागीदारों से इस बारे में सक्रिय रूप से चर्चा कर रहे हैं।

तालिबान से हम काम चाहते हैं बातें नहीं

प्राइस का कहना है कि हम अभी उनको जवाब देने के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि तालिबान के हमने कई बयान सुने हैं, लेकिन हम जो तलाश रहे हैं वो केवल बाते नहीं है, बल्कि काम है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि आगे किसी भी राजनयिक उपस्थिति को लेकर या मान्यता को लेकर या फिर सहायता के किसी भी सवाल को लेकर हम जिस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वह उनके द्वारा कही गई बातों का अनुसरण है और काम है, केवल बातें नहीं।

जाहिर है कि अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद अब तक तालिबान की ओर से कई एलान और वादे किए जा चुके हैं, फिर चाहे वो अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हो या फिर अफगानिस्तान के लोगों से। तालिबान ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी कई वादे किए हैं, लेकिन अभी कोई भी देश उन पर विश्वास करना नहीं चाहता, जब तक जमीनी स्तर पर उन वादों का अनुसरण न हो।

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Shreya

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