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Corona Leak: अमेरिकी मीडिया कोरोना लीक थ्योरी को दबाने के लिए कठघरे में

Corona Leak: अमेरिका की दो प्रमुख फेडरल एजेंसियों ने माना है दुनियाभर में महामारी फैलाने वाला कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से लीक हुआ था। ये एजेंसियां हैं - ऊर्जा विभाग और एफबीआई।

Neel Mani Lal
Published on: 1 March 2023 9:53 AM GMT
Corona Leak
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कोरोना लीक मामला (फोटो: सोशल मीडिया)

Corona Leak: अमेरिका की दो प्रमुख फेडरल एजेंसियों ने माना है कि दुनियाभर में महामारी फैलाने वाला कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से लीक हुआ था। ये एजेंसियां हैं - ऊर्जा विभाग और एफबीआई। कोरोना महामारी की शुरुआत में ही अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी और सबसे प्रमुख रूप से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने लैब लीक थ्योरी को बढ़ावा दिया था। ट्रम्प ने खुले तौर पर चीन को दोषी और जिम्मेदार ठहराया था।

लैब लीक थ्योरी को अमेरिका में वामपंथी

उन्होंने तो कोरोना वायरस को सीसीपी (चीन कम्युनिस्ट पार्टी) वायरस करार दिया था। लेकिन लैब लीक थ्योरी को अमेरिका में वामपंथी झुकाव वाले ग्रुपों, डेमोक्रेटिक पार्टी और मेनस्ट्रीम मीडिया द्वारा नकारा गया। इसे नस्लवादी आरोप करार दिया गया और मीडिया में इसे फैलने से रोका गया। लेकिन तब से यह स्वीकार किया जा रहा है कि इस सिद्धांत को खारिज नहीं किया जा सकता है।

राष्ट्रपति उम्मीदवार का आरोप

अमेरिका में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने लैब लीक थ्योरी पर तीखी प्रतिक्रिया की है। उन्होंने कहा कि - अब हमारे पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि हमें कोरोना महामारी के लिए चीन को भी जवाबदेह ठहराना चाहिए। टेक कंपनियों और मुख्यधारा के मीडिया को 'नस्लवादी' के रूप में लेबल करने के लिए माफी मांगने की जरूरत है, जिन्होंने आधिकारिक बयान पर सवाल उठाने की हिम्मत की और कहा कि महामारी के लिए चीन जिम्मेदार था। इसका नस्लवाद से कोई लेना-देना नहीं था; यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर हमला करने के बारे में था।

डब्लूएचओ भी संतुष्ट नहीं

जब ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने 2020 में वुहान में वायरस की उत्पत्ति की स्वतंत्र जांच का आह्वान किया, तो चीन ने ऑस्ट्रेलिया के निर्यात पर व्यापार प्रतिबंध लगाकर जवाबी कार्रवाई की। चीन का दावा है कि 2021 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ उसकी संयुक्त जांच प्रयोगशाला रिसाव सिद्धांत के खिलाफ एक "आधिकारिक निष्कर्ष" पर आई थी, लेकिन डब्लूएचओ खुद कहता है कि कोरोना की उत्पत्ति पर सभी परिकल्पनाएँ खुली हैं। और जब डब्ल्यूएचओ ने और जांच की मांग की तो चीन ने सहयोग करने से इनकार कर दिया। ब्रिटेन की विदेशी ख़ुफ़िया सेवा एमआई6 के पूर्व प्रमुख ने अनुमान लगाया तथा कि कोई भी प्रत्यक्ष प्रमाण जो संभावित प्रयोगशाला रिसाव की ओर इशारा कर सकता है, चीनी अधिकारियों द्वारा अब तक नष्ट कर दिया गया होगा।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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