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Coronavirus: युवाओं के लिए खतरनाक बना 'ओमिक्रॉन' वेरिएंट! नए वेरिएंट पर एक्सपर्ट ने कही ये बात

Coronavirus Omicron Variant: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर एक राहत भरी खबर सामने आ रही है। दरअसल, दक्षिण अफ्रीकी जानकारों का कहना है कि यह वेरिएंट बिना किसी प्रमुख सिंड्रोम के हल्की बीमारी की वजह बन रहा है।

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Newstrack NetworkPublished By Shreya
Published on: 28 Nov 2021 4:53 AM GMT
Coronavirus: युवाओं के लिए खतरनाक बना ओमिक्रॉन वेरिएंट! नए वेरिएंट पर एक्सपर्ट ने कही ये बात
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(फोटो- न्यूजट्रैक) 

Coronavirus Omicron Variant: कोरोना वायरस का नया वेरिएंट (Coronavirus Ka Naya Variant) मिलने से दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है। विश्व के तमाम देशों ने इस वेरिएंट की एंट्री अपने देश में रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इनमें दक्षिण अफ्रीका से अतंरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाना एक है। कोविड-19 के 'ओमिक्रॉन' (Omicron) वेरिएंट को डेल्टा से भी खतरनाक माना जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस पर वैक्सीन (Covid Vaccine) भी बेअसर है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organisation- WHO) की ओर से शुक्रवार को इस वेरिएंट (B.1.1529) को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' (Variant Of Concern) में रखा गया है।

इस बीच ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) को लेकर एक राहत भरी खबर सामने आ रही है। दरअसल, दक्षिण अफ्रीकी जानकारों का कहना है कि यह वेरिएंट बिना किसी प्रमुख सिंड्रोम के हल्की बीमारी की वजह बन रहा है। इस वेरिएंट के परिणामस्वरूप हल्की बीमारी ही देखी जा रही हैं, जिसमें मांसपेशियों में दर्द, थकान और दो दिनों तक बीमार रहना जैसे लक्षण हैं। यह जानकारी दक्षिण अफ्रीकी मेडिकल एसोसिएशन (South African Medical Association) की अध्यक्ष एंजेलीक कोएट्जी ने दी है। अधिकारी का यह भी कहना है कि नया स्ट्रेन वैक्सीन ले चुके लोगों में नहीं पाया गया है।

कोरोना वायरस (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

मरीजों में नहीं मिले गंभीर लक्षण

एंजेलीक कोएट्जी का कहना है कि अब तक संक्रमितों में सूंघने की क्षमता खोना जैसे लक्षण नहीं देखे गए हैं। कोरोना मरीजों में हल्का कफ हो सकता है, जो कि कोई प्रमुख लक्षण नहीं है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में भी इस वेरिएंट से संक्रमित हुए मरीजों की संख्या ज्यादा नहीं है। कुछ लोग घर पर ही इलाज कर रहे हैं। लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वाले सभी युवा हैं, जिनकी उम्र 40 या फिर इससे कम है। मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष ने कहा कि यह वेरिएंट फैल सकता है, लेकिन हमें यह समझ नहीं आ रही है कि आखिर इसका इतना प्रचार क्यों हो रहा है? इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। दो हफ्तों के बाद ही इसके बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा सकती है।

बता दें कि कोरोना वायरस का यह नया वेरिएंट (Coronavirus New Variant) सबसे पहले 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रिका (South Africa) में मिला है। जिसके बाद से यहां पर कोरोना के मामलों (Corona Ke Mamle) में भारी वृद्धि देखी गई है। कहा जा रहा है कि नए मामलों में से 90 फीसदी केसेस के लिए यह स्वरूप ही जिम्मेदार है। हालांकि मरीजों की संख्या में वृद्धि होने के इसके बाद भी देश में संक्रमण के अपेक्षाकृत कम मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। लेकिन जिस रफ्तार से ओमिक्रॉन युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है, उससे डॉक्टर परेशान हैं।

ऐसे लोगों में तेजी से फैल रहा नया वेरिएंट

दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती तौर पर माना जा रहा है कि यह नया वेरिएंट वैक्सीनेट ना हुए लोगों में तेजी से फैल रहा है। दक्षिण अफ्रिका की बात की जाए तो यहां पर करीब 40 फीसदी वयस्कों को ही वैक्सीन लगी है। इनमें भी 20 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों में यह संख्या बहुत कम है।

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