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Photo Journalist Murder: अफगानिस्तान में भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या

Photo Journalist Murder: दानिश सिद्दिकी की हत्या कंधार के स्पिन बोल्डक इलाके में एक झड़प के दौरान हुई। दानिश की गिनती दुनिया के बेहतरीन फोटो जर्नलिस्ट में होती थी।

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Newstrack NetworkPublished By Sushil Shukla
Published on: 16 July 2021 1:37 PM IST (Updated on: 16 July 2021 1:45 PM IST)
Indian Photojournalist Danish Siddiqui
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दानिश सिद्दीकी (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

Photo Journalist Murder: अफगानिस्तान में भारतीय फोटो जर्नलिस्ट की कवरेज के दौरान हत्या हो गई है। पत्रकार का नाम दानिश सिद्दीकी (danish siddiqui) है। अफगानिस्तान (afghanistan) में लगातार हालात बिगड़ रहे हैं और जगह-जगह हिंसा जारी है।

अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में कवरेज के लिए गए भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दिकी की हत्या कर दी गई है। दानिश सिद्दिकी की हत्या कंधार के स्पिन बोल्डक इलाके में एक झड़प के दौरान हुई। दानिश की गिनती दुनिया के बेहतरीन फोटो जर्नलिस्ट में होती थी। वह मौजूदा वक्त में अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के साथ कार्यरत थे और अफगानिस्तान में जारी हिंसा के कवरेज के लिए गए थे।

साल 2018 में दानिश सिद्दीकी को Pulitzer Prize से नवाजा गया था, ये अवॉर्ड उन्हें रोहिंग्या मामले में कवरेज के लिए मिला था। दानिश सिद्दीकी ने अपने करियर की शुरुआत एक टीवी जर्नलिस्ट के रूप में की थी, बाद में वह फोटो जर्नलिस्ट बन गए थे। दानिश सिद्दीकी ने साल 2008 से 2010 के बीच इंडिया टुडे ग्रुप के साथ भी काम किया है।

हाल में दिल्ली में हुई हिंसा, कोरोना वायरस के संकट, लॉकडाउन, ऑक्सीजन संकट के दौरान दानिश सिद्दीकी द्वारा क्लिक की गई तस्वीरों ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। दानिश सिद्दीकी की इन तस्वीरों में देश के अलग-अलग हिस्सों के दर्द को दिखाया गया था।

तालिबान के साथ अफगान सैनिकों की जंग

जानकारी के मुताबिक दानिश सिद्दिकी की मौत उस समय हुई जब तालिबान और अफगान सरकार के सुरक्षाबलों के बीच जंग हो रही थी (Taliaban Afghanistan Fight) जो अब भी जारी है। विदेशी सैनिक 20 साल चली लड़ाई के बाद अफगानिस्तान से जा रहे हैं, जिसे तालिबान अपनी जीत के तौर पर देख रहा है और लगातार देश के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिस्सों पर कब्जा करता जा रहा है। बीते दिनों तालिबान ने दावा किया था कि उसने देश के 85 फीसदी हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया है।

सरकारी इमारतों को क्षति पहुंचा रहा तालिबान

तालिबान ने देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में स्थित कई जिलों और बॉर्डर क्रॉसिंग को अपने कब्जे में ले लिया है. सरकार का आरोप है कि तालिबान ने 34 प्रांतों में से 29 में मौजूद हजारों सरकारी इमारतों को क्षति पहुंचाई है (Violence in Afghanistan) जबकि तालिबान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। अफगान सरकार के वरिष्ठ अधिकारी नादेर नादेरी ने काबुल में कहा कि सुरक्षाबल तालिबान को पीछे खदेड़ने की कोशिश कर रहा हैं, ताकि उसके कब्जे वाले जिलों को दोबारा अपने नियंत्रित में लिया जा सके।



Sushil Shukla

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