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Khalistan Supporters In Canada: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की फिर शर्मनाक करतूत, तिरंगे का किया अपमान, भारतीय दूतावास पर जमकर नारेबाजी
Khalistan Supporters In Canada: कनाडा में खालिस्तान समर्थक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार खालिस्तान समर्थकों की हरकतों पर अंकुश लगाने का कोई प्रयास नहीं कर रही है।
Khalistan Supporters In Canada: कनाडा में खालिस्तान समर्थक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार खालिस्तान समर्थकों की हरकतों पर अंकुश लगाने का कोई प्रयास नहीं कर रही है। ट्रूडो सरकार की मेहरबानी की वजह से खालिस्तान समर्थक देश में भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में खालिस्तान समर्थक आतंकी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने वैंकूवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर प्रदर्शन किया।
इस दौरान खालिस्तान समर्थकों ने तिरंगे का अपमान करते हुए भारत विरोधी जमकर नारेबाजी की। खालिस्तान समर्थक इससे पूर्व भी कई बार भारत विरोधी प्रदर्शन कर चुके हैं मगर कनाडा सरकार की ओर से इस पर रोकथाम लगाने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
खालिस्तानियों की हरकतों पर कोई रोक नहीं
वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर प्रदर्शन के दौरान खालिस्तान समर्थकों ने एक हाथ में खालिस्तान का झंडा तो दूसरे हाथ में कनाडा का झंडा ले रखा था। आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़े इन सदस्यों ने प्रदर्शन के दौरान भारतीय तिरंगे का अपमान किया। सोशल मीडिया पर जारी तस्वीरों में साफ तौर पर दिख रहा है कि खालिस्तान समर्थक भारतीय तिरंगे के ऊपर जूते पहन कर खड़े हुए हैं।
पिछले महीने की 25 तारीख को भी खालिस्तान समर्थकों ने इसी तरह की हरकत की थी। उसे दिन भी खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय तिरंगे का अपमान करते हुए भारत विरोधी नारेबाजी की थी। कनाडा के प्रशासन और पुलिस की ओर से इस तरह की हरकतों पर रोकथाम नहीं लगाई जा रही है।
दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण
हाल के दिनों में कनाडा और भारत के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो चुके हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से पिछले महीने आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया गया था। ट्रूडो ने कनाडा की संसद में यह बड़ा आरोप लगाया था जिस पर भारत ने तीखी आपत्ति जताई थी। भारत ने मांग की थी कि ट्रूडो सरकार को इस बाबत सबूत मुहैया कराने चाहिए मगर कनाडा सरकार की ओर से आज तक इस बाबत कोई सबूत नहीं दिए गए।
दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बाद कनाडा ने टोरंटो से भारतीय राजनीतिकों को निष्कासित कर दिया था। इसके बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए कनाडा के कई राजनयिकों के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की थी।
भारत ने कनाडा के वीजा पर भी रोक लगा रखी है। हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल में कहा है कि भारतीय राजनीतिकों की सुरक्षा की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने के बाद वीजा सेवाओं को फिर से शुरू किया जा सकता है।