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Monkey B Virus से पहली मौत, कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक, 80% मृत्यु दर
Monkey B Virus: कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक वायरस की चीन में एंट्री हो चुकी है, इससे एक शख्स की मौत भी दर्ज की जा चुकी है।
Monkey B Virus: कोरोना वायरस के बीच अब चीन में एक और खतरनाक वायरस की एंट्री हो चुकी है। बंदर से जुड़े इस वायरस के चलते चीन में एक 53 साल के पशुओं के डॉक्टर की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि यह वायरस कोरोना से भी ज्यादा घातक है। इस वायरस का नाम मंकी बी वायरस है। चीन के हेल्थ विशेषज्ञों का कहना है कि बंदरों के साथ काम करने वाले लोगों के लिए ये वायरस ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।
बीजिंग में जानवरों के एक डॉक्टर में मंकी बी वायरस से मौत का यह पहला मामला सामने आया है। बताया गया है कि ये पशु चिकित्सक एक इंस्टीट्यूट में नॉन-ह्यूमन प्राइमेट्स पर रिसर्च कर रहे थे और ये मार्च महीने में दो मरे हुए बंदरों पर रिसर्च कर रहे थे। ग्लोबल टाइम्स ने इस पहली मौत की पुष्टि की है। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, डॉक्टर के संपर्क में आए सभी लोग अब तक पूरी तरह सुरक्षित हैं।
जानकारी के मुताबिक, मार्च की शुरुआत में 2 मृत बंदरों का डिसेक्शन करने के बाद वेटरनरी सर्जन (Veterinary Surgeon) इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हो गए थे। डॉक्टर में करीब एक महीने बाद उल्टी के शुरुआती लक्षण दिखाई दे रहे थे। उन्होंने कई हॉस्पिटल्स में इसका इलाज भी कराया, लेकिन 27 मई को उनकी मौत हो गई। इसके बाद डॉक्टर के शरीर से कई सैंपल्स लिए गए, जिसमें शख्स के मंकी बी वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।
क्या होता है मंकी बी वायरस (Kya Hota Hai Monkey B Virus)?
चीनी सीडीसी के मुताबिक, यह मंकी बी (बीवी) वायरस आमतौर पर किसी मरे हुए बंदर के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस मैकाक बंदरों से फैलता है, जो इस वायरस को चिंपाजी बंदरों में भी फैला सकते हैं। जिसके चलते उनकी मौत भी हो सकती है। वहीं, संक्रमित मैकाक बंदरों के संपर्क में आने पर यह वायरस इंसानों में भी फैल सकता है। मंकी बी वायरस को हर्पीस बी और हर्पीसवायरस बी के नाम से भी जाना जाता है।
मंकी बी वायरस के लक्षण (Monkey B Virus Ke Lakshan)
इस वायरस के लक्षण की बात करें तो सबसे पहले संक्रमित होने वाले शख्स को बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्या होती है। इसके बाद मरीज को छोटे-छोटे फोड़े फुंसियां हो सकती हैं। साथ ही सांस में तकलीफ, उल्टी होने जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। केवल इतना ही नहीं इस वायरस से गंभीर रूप से बीमारी होने पर मरीज के दिमाग में सूजन हो जाती है। जिसके चलते नर्वस सिस्टम बुरी तरह प्रभावित हो सकता है और यहां तक कि ब्रेन डैमेज भी हो सकता है और मरीज की मौत हो जाती है।
सबसे खतरनाक बात यह है कि इस वायरस से संक्रमित लोगों में मृत्यु दर 70 से 80 प्रतिशत है। इलाज ना मिलने पर करीब 70 से 80 प्रतिशत मरीजों की जान जा सकती है।
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