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कई चुनौतियों से निपटना होगा नई सरकार को

Manali Rastogi
Published on: 21 July 2018 10:35 AM GMT
कई चुनौतियों से निपटना होगा नई सरकार को
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं। देश की सच्चाई ये है कि अपने जन्म के 71 साल बाद भी पाकिस्तान कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है। लंबे समय से चली आ रही नेतृत्व की खींचतान के अलावा विकराल रूप धारण करते चरमपंथ और आर्थिक पतन की वजह से कई नई चुनौतियां सिर उठा रही हैं।

  • पकिस्तान की बहुत बड़ी समस्या है कि वह समाज पर हावी होते चरमपंथ के मूल कारणों पर ध्यान नहीं दे रहा है। और न ही उससे सख्ती से निपट पा रहा है। इसी चुनाव प्रचार के दौरान हुए देश में अलग अलग हमलों में 175 लोग मारे जा चुके हैं।
  • 13 जुलाई को बलूचिस्तान में एक चुनावी रैली के दौरान हुए बम विस्फोट देश के इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा आतंकी हमला था। इस धमाके में 149 लोग मारे गए। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली है। इससे पता चलता है कि चरमपंथी गुट किस तरह ताकतवर हो रहे हैं।
  • आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान की हालत अच्छी नहीं है। अर्थव्यवस्था बेपटरी है, बाहरी कर्ज बढ़ता जा रहा है, करेंसी गिरती जा रही है, और विदेशी मुद्रा भण्डार चिंताजनक स्थिति में है। बढ़ती चीनी इम्पोर्ट के कारन देशी विनिर्माण क्षेत्र का कोई पुरसा हाल नहीं है।
  • पाकिस्तान की नयी सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती जनसँख्या को कंट्रोल करना भी है। सन 60 के मुकाबले पकिस्तान की जनसंख्या पांच गुनी हो गई है।प्राकृतिक संसाधनों पर जबरदस्त दबाव है।
  • पाकिस्तान की सत्ता और सेना का चोली-दामन का साथ है। देश के 71 साल के इतिहास में सैन्य और असैन्य नेतृत्व के बीच हमेशा से खींचतान रही है। नई सरकार के लिए सेना से संबंधों में संतुलन बनाये रखना एक बड़ी चुनौती साबित होगी।
  • चुनाव में जो भी पार्टी जीते, उसके लिए विदेश नीति बहुत बड़ी चुनौती होगी। भारत के प्रति सरकार क्या रखे ये तय करना होगा। भारत और पाकिस्तान के रिश्ते कई साल से तनावपूर्ण हैं।
  • आतंकवाद और कश्मीर के मुद्दे पर दोनों देशों में टकराव बना ही हुआ है और दोनों देशों के सम्बन्ध सुधरने के कोई संकेत तो दिखाई नहीं दे रहे हैं। अमेरिका से भी रिश्ते बिगड़े हुए हैं। इन वजहों से पाकिस्तान की चीन से करीबियां बढ़ती जा रही हैं। चीन खूब निवेश कर रहा है जिससे ये दर बन गया है कि पाकिस्तान कहीं उसका आर्थिक गुलाम न बन जाये।

Manali Rastogi

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