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पाकिस्तान की 3 कद्दावर महिला नेता जो सुंदर, सुशील और !@#$ भी हैं

Rishi
Published on: 1 July 2018 11:23 AM GMT
पाकिस्तान की 3 कद्दावर महिला नेता जो सुंदर, सुशील और !@#$ भी हैं
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लाहौर : पाकिस्तान में चुनाव होने हैं, सभी दलों ने कमर कस ली है। बोल बचन भी तेज हो चुके हैं। लेकिन कुछ कमी थी, वो ये कि वहां से उन महिला नेताओं के बारे में कोई खबर नहीं आ रही थी। जिनके आगे पीछे न सिर्फ राजनीति घूमती है बल्कि ये चुनाव भी प्रभावित करने का दम रखती हैं। ऐसे में हम आपको बताते हैं वो तीन नाम जिनके चर्चे देश भर में हो रहे हैं।

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मरियम नवाज:

44 साल की मरियम नवाज पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी हैं। पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। मरियम ने 2012 में राजनीति में कदम रखा था। 2013 के आम चुनाव में पिता नवाज की सीट पर चुनाव कैंपेन की जिम्मेदारी निभाई। इस बार वह पहली बार लाहौर की एनए-127 सीट से चुनाव लड़ रही हैं। उनकी कुल संपत्ति 90 करोड़ रुपए है।

आयशा:

आयशा गुलाली ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से अलग पार्टी बनाई है। जिसका नाम पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (गुलाली) है। आयशा 2013 में पीटीआई से सांसद चुनी गई थीं। आयशा ने पार्टी के चेयरमैन इमरान खान पर शोषण और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

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नूर:

शाहरुख खान की चचेरी बहन नूर जहां खैबर पख्तूनख्वा की असेंबली सीट पीके-77 से निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। वे सभासद रह चुकी हैं। 1947 में शाहरुख के पिता मीर ताज दिल्ली आ गए थे, पर चाचा गुलाम वहीं रुक गए थे।

436 महिलाओं ने नामांकन किया:

इस बार नेशनल असेंबली के लिए 21 हजार 482 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा है। इनमें 436 महिलाएं हैं। सबसे ज्यादा 231 पंजाब प्रांत से हैं। दो ट्रांसजेंडर भी हैं। 2013 में 28 हजार 302 नामांकन हुए थे। तब पार्टियों ने सामान्य सीटों पर 61 महिलाओं को टिकट दिया था। 74 महिलाएं निर्दलीय उम्मीदवार थीं।

भारत में 9 महिलाएं केंद्रीय मंत्री, पाक में 3 महिलायें थी मंत्री

भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल में 9 महिला मंत्री हैं। पाकिस्तान में नवाज शरीफ की 25 सदस्यीय कैबिनेट में सिर्फ 2 महिला मंत्री थीं। नवाज के इस्तीफा देने के बाद नए प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी की 43 सदस्यीय कैबिनेट में भी सिर्फ 3 महिला मंत्री थीं।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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