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नैरोबी में बोले मोदी: इंडियंस की तारीफ सुनकर मेरा सीना चौड़ा होता है

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Published on: 10 July 2016 4:39 PM GMT
नैरोबी में बोले मोदी: इंडियंस की तारीफ सुनकर मेरा सीना चौड़ा होता है
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नैरोबी: पीएम नरेंद्र मोदी अफ्रीका के चार देशों की यात्रा के अंतिम चरण रविवार शाम केन्या की राजधानी नैरोबी पहंचे। जहां पारंपरिक तरीके से मोदी को स्वागत किया गया। यहां तकरीबन 20 हजार लोग पीएम को सुनने के लिए आए ।

पीएम नरेंद्र मोदी ने केन्या के नैरोबी में इंडियन कम्युनिटी को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कासारानी स्टेडियम में कहा- जाम्बो, नमस्कार, केम छो, सत श्री अकाल, नमस्कारम। मेरे प्रिय मित्रों, बहनों-भाइयों, केन्या में मिले सम्मान का शुक्रगुजार हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि जब किसी देश का मुखिया हिंदुस्तानियों की तारीफ करता हो तो मेरा सीना कितना चौड़ा हो जाता है। पीएम मोदी के पूरे संबोधन के दौरान कासारानी स्टेडियम में मोदी-मोदी की ही गूंज सुनाई दी। अपने बीच पीएम मोदी को पाकर लोगों का उत्साह देखने लायक था।

बता दें, कि पीएम मोदी शनिवार रात तंजानिया आए थे। उनकी तंजानिया के प्रेसिडेंट जान पोम्बे जोसेफ मागुफुली के साथ व्यापक मुद्दों पर चर्चा हुई।

देखिए वीडियो

अद्भुत नजारा- लगता है ये मिनी हिंदुस्तान है

पीएम मोदी ने नैरोबी में इंडियन कम्युनिटी को संबोधित करते हुए कहा कि मैं साउथ अफ्रीका गया, तंजानिया गया और अब आपके बीच में हूं। मैं पहले भी आपके लिए यहां आ चुका हूं। आप में से कईयों से मेरी मित्रता रही हूं। लेकिन आज जो मैं नजारा देख रहा हूं। जो इसे भारत में देख रहे हैं वो जरूर सोचते होंगे। नैरोबी का दृश्य देखकर ऐसा लग रहा होगा कि कार्यक्रम हिंदुस्तान में ही हो रहा है। जब हम यहां आते हैं तो हमें लगता है कि ये मिनी हिंदुस्तान है।

अपने आप को जड़ों से जोड़कर रखा है ये असामान्य बात

पीएम मोदी ने कहा कि सुना होगा गंगा है, सुना होगा हिमालय है। सुना होगा कोई असाम, मिजोरम है लेकिन कभी जाने का सौभाग्य नहीं मिला होगा। कुछ लोग वो भी होंगे जिनका आज हिंदुस्तान में कोई रिश्तेदार है या नहीं ये भी नहीं पता होगा। किस गांव इलाके से निकले थे ये भी पता नहीं होगा। लेकिन इसके बावजूद भी इतने लंबे समय तक आपने अपने आप को जड़ों से जोड़कर रखा है ये असामान्य बात है।

हमारे पूर्वजों की उस विरासत हमारे पूर्वजों की गाथाएं को आपने जी कर दिखाया है। हर हिंदुस्तानी को आप पर गर्व है। वरना आज घर में भी बच्चा मातृभाषा के बजाय दूसरी भाषा में पढ़ने लगे तो पूरा परिवार मातृभाषा छोड़ देता है। लेकिन आपने नहीं छोड़ा।

भारत और अफ्रीका की सुख-दुख की यात्रा साथ चली

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए अफ्रीका के देश अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत और अफ्रीका की सुख-दुख की यात्रा साथ चली है। भारत का भी प्रयास है कि अफ्रीका के सभी देशों के साथ अटूट संबंध हो। एक दूसरे की शक्ति को पहचानें। एक दूसरे की आवश्यकता पहचानें और कंधे से कंधा मिलाकर नई ऊंचाइयों को पाने के लिए कोई कसर ना छोड़ें।

हम लोगों ने पूरी दुनिया को परिवार माना है। मानवता को अपनी रगों में जीकर देखा है। जब हम इंडिया अफ्रीका संबंधों को बेहतर बनाने की बात करते हैं तो मतलब हम पूरी दुनिया की बेहतरी की बात करते हैं। मेरे प्यारे देशवासियों आप यहां कितने ही दूर क्यों ना हों लेकिन हिंदुस्तान में कुछ भी बुरा हो जाए तो आपको कष्ट होता है कि नहीं? यह कैसा रिश्ता है? यही तो मानवता की घुट्टी है। आप देश के सच्चे ब्रांड एंबेसडर हैं।

हिंदुस्तानियों की तारीफ सुनकर मेरा सीना चौड़ा होता है

पीएम मोदी ने कहा कि आज तक मुझे किसी देश के मुखिया ने उनके देश में रहने वाले हिंदुस्तानियों की एक शिकायत नहीं की है। ऊपर से वो हमेशा अपने देश में रहने वाले भारतीयों का गौरवगान करना नहीं भूलते। आप कल्पना कर सकते हो जब किसी देश का मुखिया इंडिया के पीएम से मिलकर हिंदुस्तानियों की तारीफ करता हो तो मेरा सीना कितना चौड़ा हो जाता है। आप लोगों के कारण विश्व के लोगों में भारत की ओर देखने का नजरिया आनंद देने वाला बनता है।

भारत में कुछ अच्छा होता हो तो आप खुशियों से भर जाते हो कि नहीं? मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। एक बार मैं केरल गया तो एक कच्छ के परिवार के साथ मेरा भोजन था। बातों-बातों में मैं बारिश की चर्चा कर रहा था लेकिन उन्होंने कोई रिस्पांस नहीं किया। जिस दिन मैं निकलने वाला था उस दिन उन्होंने मिठाई बनाई। सभी खुश थे। मैंने पूछा बोले आपको पता नहीं अभी कच्छ में बारिश हो गई है। इसी तरह आपको हिंदुस्तान से जब अच्छी खबरें मिलती होंगी तो आप खुश होते हैं।

किसी हिंदुस्तानी को सिर झुकाना पड़े हमने ऐसा कोई काम नहीं किया

जब 2014 में हिंदुस्तान में लोकसभा चुनाव के नतीजे आ रहे थे तो आप लोग टीवी के सामने से हट नहीं रहे थे। चुनाव हिंदुस्तान में हो रहा था लेकिन मिठाइयां यहां बंट रही थी। आज मैं बड़े गर्व के साथ सिर झुकाकर आपके सामने निवेदन करना चाहता हूं कि दो साल में इस सरकार ने एक के बाद एक वो कदम उठाए हैं कि विश्वभर में फैला हर हिंदुस्तानी गर्व कर सकता है। दो साल में सरकार ने कोई ऐसा काम नहीं किया कि किसी हिंदुस्तानी को सिर झुकाना पड़े।

आज पूरा विश्व आर्थिक संकट से गुजर रहा है। चारों तरफ आर्थिक मंदी की खबरें आ रही हैं। ऐसी स्थिति में एक अकेला हिंदुस्तान तेज गति से तरक्की कर रहा है। चाहे वर्ल्ड बैंक हो, आईएमएफ या क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां हिंदुस्तान को ब्राइट स्पॉट बता रही हैं। यह अचानक नहीं हुआ है।

देश को और ऊँचाइयों तक ले जाना है

आपको मालूम है 2014 में मोदी के लिए कहा जाता था कि इसको अनुभव नहीं है। ये तो छोटा सा गुजरात देखता था। इसे फॉरेन पॉलिसी नहीं पता। ये प्रधानमंत्री बनकर क्या करेगा। ये सवाल सही था मैंने प्रधानमंत्री बनने के बाद संसद देखी। मेरी तो पूरी जिंदगी जनसभा में गई लोकसभा नई थी। आशंकाएं स्वाभाविक थी। मेरी उन लोगों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं। दो साल में हिंदुस्तान सूखा से ग्रसित रहा। कुछ इलाकों में पानी के लिए ट्रेन लगानी पड़ी।

ईश्वर भी हर पल मेरी कसौटी करता ही रहता है। इसके बावजूद भी 7.6 प्रतिशत ग्रोथ रेट रहा। देश को और ऊंचा देश को लेकर जाना है। आठ प्रतिशत तक ले जाना है। इसके लिए सुविचारित रूप से एक के बाद एक योजनाएं बनाईं।कभी-कभी भारत में सरकार की पहचान एक नई चीज घोषित कर दे उसके साथ जुड़ जाती थी। जो कोशिश की थी उसका लाभ हुआ कि नहीं यह देखने की किसी को फुर्सत नहीं थी। हमने बल दिया गुड गर्वनेंस पर।

जब देश की जनता काम करती हो तो मुझे भी दौड़ने का मजा आता है

बड़ी-बड़ी बातें करने के लिए लाल किले का बहुत इस्तेमाल किया। लेकिन मेरा मानना था कि छोटे-छोटे लोगों की छोटी जरूरते हैं, लाल किले से उनकी बात होनी चाहिए। कोई तो हो जो छोटे लोगों की छोटी-छोटी बातों को याद करे। मैं सवा सौ करोड़ लोगों की ताकत को अनुभव करता हूं। आज देश उन्हीं की वजह से आगे बढ़ रही है। जनता जनार्दन तो ईश्वर का दूसरा रूप होती है। जब देश की जनता काम करती हो तो मुझे भी दौड़ने का मजा आता है।

नरेंद्र मोदी एप से मेरे पल-पल का हिसाब देख सकते हैं

पीएम मोदी ने कहा कि समय सीमा में स्कूल में टॉयलेट बनाना हो तो बनाना है। किसी काम को 100 दिन में करना है तो करना है। देखेंगे, करेंगे, सुना है, सुनेंगे, क्या यही चलता रहेगा क्या? मैं नहीं जानते हैं कि आप में से कितने लोगों ने नरेंद्र मोदी एप डाऊनलोड किया है। आप इस एप से मोदी का पल-पल का हिसाब देख सकते हैं।एक हजार दिन में हम हर घर में बिजली पहुंचा देंगे। पहले एक दिन में जितनी सड़क बनती है अब उसके डबल बन रही है। सामान्य लोगों की जिंदगी में बदलवा लाने के लिए एक के बाद एक प्रयास किए जा रहे हैं। हमने मुद्रा योजना बनाई। छह महीने में अब तक साढ़े तीन करोड़ लोगों को सवा लाख करोड़ रुपया दिया है। बिना किसी गारंटी के।

हम उपनिषद से उपग्रह तक पहुंचे हैं

देशवासियों की शक्ति के आधार पर देश को आगे ले जाना। गरीबों को ताकत देना, हम उस राह पर चल पड़े हैं। साथ साथ दुनिया आधुनिक होनी चाहिए। अभी भारत ने एक साथ 20 सेटेलाइट छोड़े। इनमें से दो तो कॉलेज स्टूडेंट्स ने बनाए थे। दुनिया के समृद्ध देश भी भारत के वैज्ञानिकों का लोहा मान रहे हैं। हम उपनिषद से उपग्रह तक पहुंचे हैं। देश चल पड़ा है। देश ने सपने संजो लिए है। देश उन सपनों को पूरा करने के लिए संकल्पवान है। सवा सौ करोड़ लोग पूरी ताकत से जुट चुके हैं।

दुनिया में दो मुसीबतें- एक आतंकवाद और दूसरी ग्लोबल वार्मिंग

दुनिया में दो मुसीबतें हैं एक आतंकवाद और दूसरी ग्लोबल वार्मिंग। आज दुनिया के सभी मानवतावादी शक्तियों के साथ आने की जरूरत है। हमने पूरे विश्व में पूरे विश्वास के लिए साथ यह बात पहुंचाई है कि यदि आप मानवतावाद में विश्वास करते हो तो आइए एकजुट हो जाइए। दुनिया की मानवतावादी शक्तियां जितनी जल्दी एक हो जाएंगी अमानवीय शक्तियों का अंत हो जाएगा।

नीड नहीं ग्रीड है ग्लोबल वॉर्मिंग का कारण

नीड के कारण ग्लोबल वार्मिंग नहीं बल्कि ग्रीड के कारण है। हमें प्रकृति की रक्षा करनी है। यदि आज हम पानी पी रहे हैं हवा में सांस ले पा रहे हैं तो ये हमारे पूर्वजों के कारण। हमारा दायित्व है कि हम भी आने वाले पीढ़ियों के लिए प्रकृति की रक्षा करें।

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