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Peshawar Suicide Attack: कौन था उमर खालिद खुरासानी, जिसकी मौत का बदला TTP ने पेशावर मस्जिद में ब्लास्ट कर लिया
Peshawar Suicide Attack: टीटीपी ने सोमवार को बयान जारी कर पेशावर मस्जिद आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली। उसने कहा कि यह हमला उमर खालिद खुरासानी की मौत का बदला है।
Peshawar Suicide Attack: पाकिस्तान के पेशावर शहर में पुलिस लाइन्स में मौजूद एक बड़े मस्जिद में सोमवार को हुए आत्मघाती धमाके की गूंज अभी तक सुनाई दे रही है। इस सुसाइड अटैक में हताहतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा आंकड़ा 93 तक पहुंच गया है। अभी सैंकड़ों लोग जख्मी हालत में अस्पतालों के बिस्तर पर तरप रहे हैं। इनमें से कईयों की हालत बेहद नाजुक है।
इस फिदायीन हमले को अंजाम देने वाला आतंकी संगठन और कोई नहीं बल्कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) है, जिसने पाकिस्तानी सत्ता एवं रक्षा प्रतिष्ठान की नाक में दम कर रखा है। ये वही संगठन है जिसने पेशावर के एक आर्मी स्कूल पर हमला कर सैंकड़ों बच्चों को मौत के घाट उतार दिया था। बर्बर चरमपंथी संगठन ने एकबार फिर पाकिस्तान सरकार से बदला लेते हुए पठानों का शहर कहे जाने वाले पेशावर की धरती को खून से लाल कर दिया है।
टीटीपी ने किसकी मौत का लिया बदला ?
टीटीपी ने सोमवार को बयान जारी कर पेशावर मस्जिद आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली। उसने कहा कि यह हमला उमर खालिद खुरासानी की मौत का बदला है। खुरासानी टीटीपी के चर्चित कमांडरों में से एक था, जिसे पिछले साल अफगानिस्तान में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने मरवा दिया था। टीटीपी तभी से अपने कमांडर की मौत को लेकर पाकिस्तान पर भड़का हुआ था। खुरासानी का भाई और टीपीपी का सदस्य मुकर्रम ने कहा कि पूरी तैयारी के साथ पेशावर मस्जिद हमले को अंजाम दिया गया।
कौन था उमर खालिद खुरासानी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उमर खालिद खुरासानी का जन्म पाकिस्तान की मोहम्मद एजेंसी में हुआ था। उसका असली नाम अब्दुल वली मोहम्मद था। शुरूआती पढ़ाई अपने गांव साफो में करने के बाद वह कराची चला गया और वहां मदरसों में शिक्षा हासिल की। बताया जाता है कि उसी दौरान वह कट्टरपंथ के संपर्क में आया। जिसके कारण बेहद कम उम्र में उसने आतंक की राह पकड़ ली।
बताया जाता है कि उसने अपनी शुरूआत कश्मीर में सक्रिय इस्लामी जिहादी संगठन हरकत उल मुजाहिदीन से की थी। बालिग होने पर उसने तहरीक ए तालिबान को ज्वाइन कर लिया। साल 2014 के आसपास उसने टीटीपी से अलग होकर जमात-उल-अहरार नामक जिहादी संगठन का गठन किया। इस संगठन के निशाने पर आम लोग, अल्पसंख्यक और सैन्य कर्मी होते थे। जमात-उल-अहरार पर पाकिस्तान में कई बर्बर हमलों को अंजाम देने का आरोप है।
कुछ समय बाद उमर खालिद खुरासानी ने अपने संगठन का विलय टीटीपी में कर लिया और फिर कमांडर बन गया। खुरासानी अफगानिस्तान के नांगरहार और कुनार प्रांत से पाकिस्तान में आतंकी हमलों को अंजम देता था। खुरासानी की सक्रियता अफगानिस्तान, पाकिस्तान से लेकर कश्मीर तक थी। उसकी आतंकी गतिविधियों को देखते हुए अमेरिकी विदेश विभाग ने उस पर 30 लाख डॉलर का इनाम रख दिया था।
आईएसआई ने मरवाया
अफगानिस्तान में छिपकर पाकिस्तान में आतंकी हमलों को अंजाम देने वाला उमर खालिद खुरासानी पाकिस्तानी रक्षा प्रतिष्ठान के लिए खतरा बन चुका था। उससे मारने की कई बार कोशिश की गई थी लेकिन हर बार वह बच निकलता था। लेकिन अगस्त 2022 में अफगानिस्तान के पाकटीका इलाके में खुरासानी की गाड़ी को निशाना बनाकर बम धमाका किया गया। उसकी गाड़ी में टीटीपी के दो और कमांडर भी मौजूद थे। इस धमाके में सभी की मौत हो गई थी। इससे पहले दिसंबर 2021 और फरवरी 2022 में उसपर जानलेवा हमले हो चुके थे। खुरासानी और अपने अन्य कमांडरों के मौत से बौखलाए तहरीक ए तालिबान ने तभी पाकिस्तान को सबक सिखाने का फैसला ले लिया था।
बता दें कि टीटीपी ने देशभर में मौजूद अपने लड़ाकों से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जेहाद छेड़ने की अपील की है। जिसके बाद से देश में छोटे-बड़े आतंकी हमलों का सिलसिला शुरू हो गया है।