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Indian Property in London: लंदन में भारतीयों का राज, अंग्रेजों से ज्यादा प्रॉपर्टी इनके पास
Indian Property in London: रिपोर्ट के अनुसार, ये ऐसे भारतीय निवेशक हैं जो भारत और लंदन दोनों जगहों पर रह रहे हैं। लंदन में दो, तीन चार बेडरूम के फ़्लैट ख़रीदने को अपनी पसंद बता रहे हैं।
Indian Property in London: आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि लंदन में ब्रिटेनवासियों की तुलना में भारतीय लोगों ने संपत्तियाँ ज़्यादा ख़रीदी हैं। भारतीय लोग अब मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरू जैसी जगहों पर प्रापर्टी ख़रीदने से ज़्यादा बेहतर यह समझ रहे हैं कि उन्हें लंदन में प्रॉपर्टी ख़रीद लेना चाहिए। लंदन उनको रहने को लिए ज़्यादा मुफ़ीद लग रहा है। दूसरा लंदन के प्रॉपर्टी की क़ीमत हमारे यहाँ के तमाम शहरों के प्रॉपर्टी के क़ीमत के तक़रीबन बराबर आ गयी है।
लंदन में कई पीढ़ियों से रह रहे भारतीय, एनआरआई, अन्य जगहों पर रहने वाले निवेशक, शिक्षा के लिए यूके जाने वाले छात्र - ये भारतीय लंदन में संपत्ति के मालिकों का सबसे बड़ा समूह है।इसके बाद अंग्रेज और पाकिस्तानी लोग आते हैं। लंदन स्थित आवासीय डेवलपर "बैरट लंदन" ने यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, ये ऐसे भारतीय निवेशक हैं जो भारत और लंदन दोनों जगहों पर रह रहे हैं। लंदन में दो, तीन चार बेडरूम के फ़्लैट ख़रीदने को अपनी पसंद बता रहे हैं। लंदन में एक, दो या तीन बेड रूम वाले अपार्टमेंट के लिए 290,000 से 450,000 पाउंड के बीच कहीं भी खर्च करने को तैयार हैं।
एक पाउंड की क़ीमत आज के तारीख़ में 92 रुपये बैठती है। इस लिहाज़ से आप सोच सकते हैं कि लंदन में एक कमरे का, दो कमरे का और तीन कमरे का फ़्लैट भारत के महत्वपूर्ण शहरों की तुलना में कितना सस्ता है।
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बैरट लंदन के हवाले से बताया गया है कि लंदन में संपत्ति खरीदने और दीर्घकालिक संपत्ति बाजार में निवेश करने वाले भारतीय निवेशकों की मजबूत मांग देखी जा रही है। लंदन के बाहर, बैरेट लंदन के अधिकांश उत्पाद यूके के आवासीय खरीदारों को बेचे जाते हैं, जो इन संपत्तियों को खरीदते हैं और उनमें रहते हैं। राजधानी लंदन में इस कंपनी की लगभग 30 प्रतिशत विदेशी बिक्री शुद्ध निवेशकों को होती है। जो उन्हें किराये की संपत्ति के रूप में उपयोग करना चाहते हैं।
दरअसल, लंदन एक वित्तीय और शैक्षिक केंद्र होने के साथ-साथ निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण वैश्विक प्रवेश द्वारों में से एक है। इसके अलावा यह शहर भारतीय निवेशकों और घर खरीदारों के बीच में वैश्विक रूप से लोकप्रिय है। लंदन और मुंबई में प्रति वर्ग फुट की कीमतें लगभग समान हैं। ऐसे में भारतीय घर ख़रीदारों के लिए लंदन के रियल इस्टेट बाज़ार को देखना स्वाभाविक है।
बैरेट लंदन के एक अधिकारी के मुताबिक़ भारतीय लोग संपत्ति खरीदने में ज़्यादा सहज होते हैं। इसका कारण बाजार की बुनियादी बातों और विश्वास के साथ-साथ भारतीयों के लंदन में घरों में निवेश करने का इतिहास है। वे यूके के आवासीय बाजारों में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं। क्योंकि वर्तमान में विनिमय दरों और बाजार की उपस्थिति के कारण उन्हें बेहतर रिटर्न मिल रहा है। यह निवेश संयुक्त अरब अमीरात या दूसरे किसी देश की तुलना में ब्रिटेन में ज़्यादा अच्छा है।
आवासीय अचल संपत्ति के लिए एक 'स्थिर बाजार' होने के अलावा, यूके में अन्य विदेशी बाजारों की तुलना में सुखद मौसम और कम यात्रा समय जैसी सकारात्मकताएं हैं। इसकी बड़ी वजह है कि बहुत से भारतीय छात्र ब्रिटेन में पढ़ने के लिए जाते हैं। और जब वे वहाँ पढ़ने के लिए जाते है, तो वहाँ पर एक, दो कमरे का फ़्लैट ले लेना उनके अभिभावकों के लिए बहुत आसान होता है। ब्रिटेन के लंदन और उसके दूसरे शहरों में तालीम के लिए जाने वाले लोगों की संख्या में 128 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
कुल मिलाकर, अच्छे शिक्षण संस्थान, व्यापार करने में आसानी, एक महानगरीय दृष्टिकोण, भाषा की जानकारी और बढ़ते निवेश के अवसर कुछ ऐसे प्रमुख कारण हैं जिनकी वजह से लंदन भारतीयों के लिए एक अच्छा निवेश डेस्टिनेशन बन गया है। भारत सरकार और उसके राज्य की तमाम सरकारें भले ही निवेश को लेकर इतराती हों पर जिस तरह भारतीय निवेशक लंदन में घर ख़रीदने के लिए तेज़ी दिखा रहे हैं।
यह भारत सरकार के लिए भी सोचने का विषय होना चाहिए । क्योंकि अगर ऐसा होता रहेगा तो आने वाले समय में भारतीय रियल इस्टेट की कमर टूट जायेगी। और यह भी देखना ज़रूरी हो जाता है कि आख़िर क्या वजह है कि लंदन और मुंबई के रियल इस्टेट की दरें लगभग समान हैं।