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Chile new Constitution: यहां जनता लिख रही नया संविधान, बदल रही देश की तकदीर, देखें Y-Factor

दुनिया में ऐसा शायद कहीं पर पहले नहीं हुआ है जो अब लैटिन अमेरिकी देश चिली में होने जा रहा है...

Yogesh Mishra
Written By Yogesh MishraPublished By Praveen Singh
Published on: 26 July 2021 2:36 PM IST (Updated on: 26 July 2021 4:53 PM IST)
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Chile new Constitution Y-Factor: यहां जनता लिख रही नया संविधान, बदल रही देश की तकदीर...दुनिया में ऐसा शायद कहीं पर पहले नहीं हुआ है जो अब लैटिन अमेरिकी देश चिली में होने जा रहा है। इस देश में नया संविधान लिखने का काम शुरू हुआ है । यह काम कर रहे हैं देश के विभिन्न तबकों के लोग। लम्बे समय तक संघर्ष और गरीबी झेल चुके इस देश के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है जो इसकी तकदीर लिखेगा।

देश की नवगठित संविधान सभा में छात्र और आम गृहणी तक शामिल हैं। चिली में नया संविधान बनाने के लिए गठित संविधान सभा नेतृत्व करने के लिए एक आदिवासी महिला को चुना गया है। सबसे बड़े आदिवासी समुदाय मापुशे से जुड़ीं 58 वर्षीय एलिसा लोंकन संविधान सभा की अध्यक्ष होंगी।

मापुशे समुदाय को फिलहाल देश की मौजूदा नियम पुस्तिका में मान्यता तक हासिल नहीं है। एलिनास लोंकन किसी राजनीतिक दल की सदस्य नहीं हैं। वह सैनटिआगो यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर हैं । मापुशे समुदाय के लोगों के अधिकारों के लिए काम करती हैं। 155 सदस्यों वाली संविधान सभा में उन्हें 96 लोगों के मत मिले। इस सभा में 17 सदस्य आदिवासी समुदाय के हैं।

लोंकोन ने इस पद को स्वीकार करते हुए कहा,उत्तर से लेकर पैटागोनिया तक, पहाड़ों से लेकर समुद्र तक, द्वीपों तक और जो भी हमें आज देख रहे हैं मैं चिली के उन लोगों को सलाम करती हूं। विभिन्न गठबंधनों ने मुझे जो समर्थन दिया है। अपने सपनों को पूरा करने का जो भरोसा मापुशे राष्ट्र पर सौंपा है। जिन्होंने एक मापुशे को वोट किया, एक महिला को देश का इतिहास बदलने के लिए वोट दिया, मैं उनकी आभारी हूं।

काउंसिल में ज्यादातर सदस्य निर्दलीय और वामपंथी दलों के हैं। रूढ़िवादी और दक्षिणंपथी दलों को बहुत कम सीटें मिली हैं। जिन बदलावों को लेकर ज्यादा चर्चा है । उनमें जमीन और पानी पर निजी अधिकार और रोजगार कानूनों में फेरबदल शामिल हैं। काउंसिल के सदस्यों ने केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता और कामगार नीतियों पर बदलाव करने की बात भी कही है। चिली दुनिया का सबसे बड़ा कांसा उत्पादक देश है। खनन उद्योग काफी प्रभावशाली माना जाता है।

संविधान सभा के पास नियमावली बनाने, समितियां स्थापित करने और नए संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए एक साल का वक्त है। फिर अंतिम प्रस्तावों पर देश के लोग फिर से मतदान करेंगे। अगर यह प्रस्ताव पारित नहीं होते हैं तो मौजूदा संविधान ही लागू रहेगा।

नया संविधान बनाने वाली काउंसिल के लिए 155 उम्मीवारों का चुनाव मई में हुआ था। देश का नया संविधान बनाने की मांग अक्टूबर 2019 में उठी जब जगह-जगह गैरबराबरी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हुए थे। मौजूदा संविधान 1973-1990 के बीच ऑगस्टो पिनोशे की तानाशाही के दौरान बनाया गया था और आमतौर पर इसे बड़े व्यापारियों के पक्ष में माना जाता है।

विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान संविधान में ऐसे प्रावधान हैं जो असमानता को बढ़ावा देते हैं। इनमें संपत्ति के अधिकारों को वरीयता, सेवा के क्षेत्र में निजी कंपनियों की मजबूत भूमिका और प्रमुख कानूनों को बदलने में मुश्किल प्रमुख रूप से शामिल है। ये लोग चाहते हैं कि नया संविधान सरकार की सामाजिक भूमिका को बढ़ाए. रोजगार, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा का अधिकार मिले।

इसके साथ ही देसी लोगों के सांस्कृतिक और भूमि अधिकार को मान्यता दी जाए। विरोध करने वाले लोग मुख्य रूप से रुढ़िवादी हैं। उनकी दलील है कि बदलावों से देश का आर्थिक मॉडल खतरे में पड़ जाएगा जिसने तेज विकास और तुलनात्मक रूप से स्थिरता दी है। संविधान सभा की खासियत ये है कि इसमें छात्र, आम गृहणी, कामकाजी व्यक्ति तक शामिल हैं । इनमें ज्यादातर वे लोग हैं जिन्होंने देश में बदलाव की मांग को लेकर चले आन्दोलन में भाग लिया था।



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