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Corona Vaccination: क्यों धीमी पड़ी वैक्सीनेशन की रफ़्तार, देखें Y-Factor Yogesh Mishra के साथ...

दरअसल, वैक्सीनेशन अभियान के युवाओं के लिए खुलने के बाद से दिल्ली में कई बार वैक्सीन की कमी हो चुकी है।

Yogesh Mishra
Written By Yogesh MishraPublished By Praveen Singh
Published on: 14 Aug 2021 3:23 PM IST
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Corona Vaccination: देश में कोरोना वैक्सीनेशन की रफ़्तार थोड़ी धीमी पड़ गयी है। जून के आखिरी दस दिनों की अपेक्षा जुलाई के पहले दस दिनों में दैनिक वैक्सीनेशन काफी घटा है। पहली जुलाई ,2021 से 10 जुलाई, 2021,के बीच 40 लाख 3 हजार डोज़ औसतन रोजाना लगाई गईं हैं। जबकि 21 से 30 जून,2021 के बीच यह आंकड़ा 55 लाख 7 हजार डोज़ का था। साप्ताहिक औसत की बात करें तो प्रतिदिन डोज़ का औसत 10 जुलाई,2021,को 40 लाख 54 हजार हो गया था। सबसे अधिक कमी राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में दर्ज की गयी है । जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब में वैक्सीनेशन का औसत बढ़ा है।

31 दिसंब,2021 तक सभी वयस्कों को वैक्सीन लगा देने के लिए अब बाकी के दिनों में रोजाना औसतन 80 लाख 65 हजार डोज़ लगानी होंगी। अभी तक देश की जनसंख्या के सिर्फ 7.7 फीसदी को दोनों डोज़ वैक्सीन लग पाई है । जबकि 32.1 फीसदी लोगों को कम से कम एक डोज़ लग चुकी है। पांच राज्यों में पांच फीसदी से भी कम लोगों को दोनों डोज़ लग पाई हैं। 11 जुलाई,2021 को मात्र 13.3 लाख खुराकें लगीं , जो 30 मई के बाद सबसे कम हैं। अभी देश में तीन कोरोना वायरस वैक्सीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है , जिनमें कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक शामिल हैं। कोविशील्ड का उपयोग सबसे ज्यादा हो रहा है।

राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से कोरोना वायरस (Coronavirus) वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield vaccine Registration) खत्म हो गई। इसके कारण मंगलवार 13 जुलाई ,2021 को कई सरकारी वैक्सीनेशन केंद्र बंद रहे। दिल्ली में पिछले रविवार से ही खुराकें कम थीं । इसी कारण 12 जुलाई,2021 को रात 10 बजे तक मात्र 36,310 खुराकें लगाई जा सकीं। अन्य राज्य भी वैक्सीन की कमी का सामना कर रहे हैं।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए वैक्सीन की कमी के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, दिल्ली में वैक्सीन फिर खत्म हो गई है। केंद्र सरकार एक-दो दिन की वैक्सीन देती है, फिर हमें कई दिन वैक्सीन केंद्र बंद रखने पड़ते हैं। केंद्र सरकार की क्या मजबूरी है? इतने दिन बाद भी हमारे देश का वैक्सीन प्रोग्राम लड़खड़ा कर क्यूं चल रहा है?

दरअसल, वैक्सीनेशन अभियान के युवाओं के लिए खुलने के बाद से दिल्ली में कई बार वैक्सीन की कमी हो चुकी है। दिल्ली सरकार बार-बार केंद्र को खुराकें कम पड़ने का अलर्ट भेजती रहती है। उसने केंद्र से अपनी आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध भी किया है, हालांकि अभी तक इसकी सुनवाई नहीं हुई है।

जब दिल्ली में खुराकें होती हैं तो वैक्सीनेशन तेजी से होता है। पिछले 10 दिन में ही 14 लाख खुराकें लगाई जा चुकी हैं। दिल्ली से सटे गुरूग्राम में भी इस हफ्ते वैक्सीन की कमी देखी गई। इस वजह से कई दिनों बाद 13 जुलाई, 2021 को पहली बार 10,000 से कम लोगों को वैक्सीन की खुराक लगाई गई थी। साथ ही कई वैक्सीनेशन केंद्रों पर सिर्फ दूसरी खुराक दी गई।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने हाल ही में कहा था कि राज्य सरकार रोजाना 15 लाख लोगों को वैक्सीन लगा सकती है। लेकिन खुराकों की कमी के कारण रोजाना मात्र दो-तीन लाख लोगों को वैक्सीन लग पा रही है। वहीं कोविशील्ड खत्म होने के कारण ओडिशा सरकार को राज्य के 30 में से 24 जिलों में वैक्सीनेशन अभियान रोकना पड़ा है।

इस महीने यह दूसरी बार है, जब वैक्सीनेशन रोका गया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वैक्सीनेशन केंद्रों के बाहर लंबी लाइन लगती हैं। अगर वैक्सीनेशन बंद न किया जाता और रोजाना थोड़ी-थोड़ी खुराकें दी जाती तो इससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। इस परेशानी से बचने के लिए वैक्सीनेशन बंद किया गया है। उन्होंने कहा कि इस महीने ओडिशा को कम से कम 31 लाख खुराकों की जरूरत है। फिलहाल राज्य के पास कोविशील्ड की लगभग 60,000 और कोवैक्सिन की 3.93 लाख खुराकें बची हैं।

इससे पहले अप्रैल-मई2021 में भी वैक्सीन की भारी कमी महसूस की गई थी। मई में कई राज्यों ने खुराकों की कमी के चलते वैक्सीनेशन अभियान रोक दिया था। महामारी की दूसरी लहर के बीच घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगाई थी। इसके बावजूद पर्याप्त मात्रा में खुराकें उपलब्ध नहीं हैं।

21 जून,2021 से केंद्र सरकार ने वैक्सीन नीति में बड़ा बदलाव किया है। पहले जहां राज्यों को सीधी कंपनियों से वैक्सीन खरीदनी होती थी, वहीं 21 जून, 2021 से यह काम केंद्र सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है। अब केंद्र सरकार कंपनियों से वैक्सीन की खुराकों की खरीद करती है। फिर राज्यों को इनका वितरण किया जाता है। निजी अस्पताल अब भी पहले की तरह वैक्सीन कंपनियों से खुराकें खरीद सकते हैं। सरकार ने जुलाई,2021 मध्य से रोजाना कोरोना वायरस वैक्सीन की एक करोड़ खुराकें लगाने का लक्ष्य रखा था, जो मौजूदा गति से बहुत दूर दिख रहा है।

(लेखक अपना भारत/न्यूजट्रैक के संपादक हैं)



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