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इस्लामी जम्हूरियाते पाकिस्तान के वजीरे—आजम, खान मोहम्मद इमरान खान अपनी प्रथम सरकारी यात्रा पर कोलम्बो पहुंचे।

Yogesh Mishra
Written By Yogesh Mishra
Published on: 3 April 2021 1:18 PM IST (Updated on: 9 Aug 2021 5:31 PM IST)
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PM Imran Khan: इस्लामी जम्हूरियाते पाकिस्तान के वजीरे—आजम, खान मोहम्मद इमरान खान अपनी प्रथम सरकारी यात्रा पर कोलम्बो पहुंचे। वे कम्युनिस्ट चीन की व्यापारिक योजना ''एक बेल्ट, एक मार्ग'' की मार्केटिंग करने गये थे। भारत इसके जमीनी मार्ग का विरोध करता है, क्योंकि यह पाक—अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। इससे चीन की सेना का कश्मीर और लद्दाख पहुंचना आसान करता है।

मगर इमरान खान उलझ गये कोविड—19 से मरे श्रीलंकाई मुसलमानों के दाह संस्कार के मसले पर। श्रीलंका अब तक 19 श्रीलंकाई मुसलमानों के शव को जला चुका है। इमरान खान श्रीलंकाई राष्ट्रपति को समझाने आये है कि कयामत के दिन हर मुसलमान को सशरीर उपस्थिति होना पड़ता है।

यूं श्रीलंका में मुस्लिम आबादी करीब ग्यारह प्रतिशत (पच्चीस लाख) है। बौद्ध—मुसलमान दंगें भी काफी होते रहते हैं। इमरान खान गये थे , नमाज अता कराने, मगर रोजे गले पड़ गये। कोलंबो हवाई अड्डे पर श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने पाकिस्तान की ​क्रिकेट टीम के 1986 में श्रीलंकाई यात्रा का स्मरण किया।

इमरान के प्रधानमंत्री के रुप में कप्तानी के दृढ़ता की प्रशंसा कर दी। उस दौर में इमरान खान ने श्रीलंकाई अम्पायर को बेइमान और पक्षपातपूर्ण कहा था। अपनी टीम को जिताने में वे जानबूझ कर गलत निर्णय दे रहे थे। इमरान की इस आलोचना ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड की छवि को कलंकित किया था। उसी के बाद अब तीसरे राष्ट्र के अम्पायर ही नियुक्त किये जाते हैं। शायद महिन्दा राजपक्षे ने इमरान की कप्तानी की श्लाधा मजाक में की होगी। क्योंकि ''व्यंगे- विपरीतार्थ:'' कहावत भी है।

अड़सठ - वर्षीय खान की इस प्रथम यात्रा के पहले कौर में ही मक्खी टपक गयी। श्रीलंकाई संसद को इमरान खान के संबोधन का कार्यक्रम था , अचानक निरस्त हो गया। आशंका थी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अपने भाषण में कश्मीर का उल्लेख कर डालते। श्रीलंका बेवजह क्यों भारत-पाकिस्तान के कलह का बटाईदार बनें? श्रीलंका सहमत हो गया था कि मुसलमानों के शवों को दफनाने की अनुमति दी जायेगी। मगर ऐन वक्त पर यह निर्णय भी रद्द कर दिया गया। गुनाह बेलज्जत ही हुआ।

श्रीलंकाईयों को मोहम्मद नवाज शरीफ की 2016 की सफल यात्रा याद है । जब बिना भारत की निंदा किये पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आपसी सौहार्द की भावनाओं को पनपाया था। आजकल मरियम शरीफ लाहौर से इस्लामाबाद पर गरज रहीं हैं। लाखो श्रोता जमा होते हैं। यह श्रीलंकाई देख रहें हैं। मरियम के पिता हैं नवाज साहब जो जमानत पर लंदन में इलाज करा रहे हैं। उनकी बीवी का इसी दौर में इंतकाल भी हो गया। दोनों देशों में कटुता हुयी। इस वास्तविकता के बावजूद कि चीन ने श्रीलंका में अरबों डालर का निवेश किया है।

कुछ वर्ष पूर्व श्रीलंकाई तमिलभाषियों के मसले पर भारत और श्रीलंका के रिश्तों में खटास आ गयी थी। खासकर लिट्टे द्वारा राजीव गांधी की निर्मम हत्या के बाद। तब चीन, पाकिस्तान और श्रीलंका का त्रिभुज भारत के खिलाफ बन रहा था। सरदार मनमोहन सिंह स्थिति बचा नहीं पाये थे। अब नरेन्द्र मोदी की भाग्य रेखा का कमाल ही कहेंगे कि इमरान की आर्थिक यात्रा में अनर्थ हो गया। सौदा घाटे का हो गया।



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Shashwat Mishra

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