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Sardar Vallabhbhai Patel History: लौह पुरुष- सरदार बल्लभ भाई पटेल, देखें Y-Factor...

29 सौ करोड़ रुपये की लागत वाली यह मूर्ति 42 महीने में बनी।

Yogesh Mishra
Written By Yogesh Mishra
Published on: 9 Aug 2021 3:06 PM GMT
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Sardar Vallabhbhai Patel History: भारत के आज के स्वरूप के सरदार। जब देश आजाद हुआ था तो 565 रियासते थीं। हर रियासत के राजा की अपनी-अपनी अभिलाषा थी। अपनी-अपनी शर्तें थीं। पर सरदार पटेल ने सब पर भारत की शर्तें थोपी। वे भारतीय एकता के सूत्रधार हैं। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने देशभर के किसानों से लोहा इक्कट्ठा करके दुनिया की सबसे ऊंची उनकी मूर्ति नर्मदा के तट पर तामीर करवायी है। इससे स्टैच्यु आॅफ यूनिटी का नाम दिया गया है।

यह स्टैच्यु आॅफ लिबर्टी से आकार में दोगुनी है। 2010 में जब गुजरात में निकाय चुनाव होने थे तब मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की मूर्ति लगाये जाने की घोषणा की थी। अब राष्ट्रीय एकता की प्रतीक 182 फीट ऊंची यह मूर्ति सामने है। हालांकि मूर्ति की वास्तविक ऊंचाई 157 मीटर है। 25 मीटर बुनियाद है। जिसमें प्रदर्शनी हाॅल है। एलएनटी के तीन हजार इंजीनियरों और तीस हजार मजदूरों की मेहनत से प्रोजेक्ट डायरेक्टर मुकेश रावल की निगरानी में आकार ले सका है। विभिन्न राज्यों के 15 करोड़ किसानों से 116 टन लोहा जमा किया गया।

29 सौ करोड़ रुपये की लागत वाली यह मूर्ति 42 महीने में बनी। मूर्तिकार राम वी. सुतार ने इसे डिजाइन किया। उन्हीं के डिजाइन पर एक चीनी ढलाई घर जियांग्जी टोकिन कंपनी (जेटीक्यु) में की गई सुंदर ढलाई प्रतिमा को भव्य बनाती है। तीन परत वाली मूर्ति की पहली परत रिइंफोसर्ड सीमेंट कंकरीट (आरसीसी) की है। आरसीसी टाॅवर में लिफ्ट लगी है। जो 127 मीटर ऊंचे दो टाॅवर में बनी है। दूसरी परत स्टील का ढांचा है। तीसरी परत 8 मिली मीटर कांस्य को मढ़कर तैयार की गई है।

सरदार पटेल की जो मूर्ति बनी है। वह फोटो 1949 में खींची गई थी। मूर्ति को पटेल के जन्म स्थान करमसाड ले जाया गया। जहां दो ऐसे व्यक्ति मिले जिन्होंने सरदार पटेल को देखा था। उन्होंने मूर्ति को पास किया। सरदार पटेल अपनी कूटनीतिक क्षमता के लिए जाने जाते हैं। 22 साल की उम्र में वह दस पास कर पाये थे। वकालत पढ़ने इंग्लैंड गये। 36 महीने का कोर्स 30 महीने में पास कर लिया।

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