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सुपरमैन पुतिन: जासूस से राष्ट्रपति तक का सफर, देखें Y-FACTOR Yogesh Mishra के साथ

Y-FACTOR Yogesh Mishra: व्लादिमीर पुतिन दुनिया के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली लोगों में गिने जाते हैं। रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान उनकी शख्सियत के अन्य पहलुओं से भी दुनिया रूबरू हुई।

Yogesh Mishra
Report Yogesh MishraWritten By Neel Mani Lal
Published on: 4 March 2022 1:25 PM IST (Updated on: 4 March 2022 1:54 PM IST)
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Y-FACTOR Yogesh Mishra : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) एक ऐसी शख्सियत हैं, जिसकी गूंज आज पूरी दुनिया में हो रही है। पुतिन आज दुनिया के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में गिने जा रहे हैं। 69 की उम्र पार कर चुका यह ताकतवर नेता अपनी फिटनेस से लेकर अपनी निर्भयता के लिए जाना जाता रहा है।

शुरुआती जीवन

व्लादिमीर पुतिन का जन्म 7 अक्टूबर, 1952 को लेनिनग्राद (अब सेंट पीटर्सबर्ग) में हुआ था। इनके पिता का नाम व्लादिमीर स्पिरिदोनोविच पुतिन था। जो सोवियत नौसेना में कार्यरत थे। जबकि पुतिन की मां मारिया शेलोमोवा एक फैक्ट्री में मजदूर थीं। पुतिन के पिता ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गुरिल्ला स्क्वाड में काम किया था। युद्ध की समाप्ति के बाद उन्होंने एक कारखाने में काम किया। व्लादीमिर अपने परिवार में तीसरे बच्चे थे। उनके दो बड़े भाइयों की बाल अवस्था में ही मृत्यु हो गई थी। उन्होंने अपनी शिक्षा लेनिनग्राड राजकीय विश्वविद्यालय से पूरी की थी।

1975 में ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने सोवियत संघ की गुप्तचर संस्था केजीबी के लिए काम करना शुरू किया। रूसी के अलावा पुतिन जर्मन बोलते हैं। उनका परिवार भी घर में जर्मन में ही बातचीत करता था। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने अंग्रेजी सीखी। हालांकि, औपचारिक वार्ता के लिए वह अब भी दुभाषियों का सहारा लेते हैं। पुतिन ने 2003 में बकिंघम पैलेस में राजकीय रात्रिभोज के दौरान महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मां की मृत्यु पर अपनी संवेदना प्रकट करते हुए पहली बार सार्वजनिक रूप से अंग्रेजी में बात की। 2013 में एक साक्षात्कार में क्रेमलिन चीफ ने उजागर किया कि पुतिन कभी-कभी स्विडिश में भी बातचीत करते हैं।

शादी और प्रेम संबंध

28 जुलाई, 1983 को पुतिन ने ल्युडमिला से शादी की थी। जर्मन संघीय खुफिया सेवा के अभिलेखागारों के मुताबिक, ल्युडमिला एक जर्मन जासूस थी। पुतिन का शादीशुदा जीवन काफी उथल-पुथल वाला रहा। ल्युडमिला ने पुतिन पर मारने-पीटने के आरोप भी लगाए थे। पुतिन के कई प्रेम संबंधों की बात की जाती रही है। पुतिन और ल्युडमिला की दो बेटियां हैं- मारिया पुतिना और येकातेरिना पुतिना है। 2013 में पुतिन और ल्युडमिला आधिकारिक रूप से एक-दूसरे से अलग हो चुके हैं।

राजनीतिक जीवन

1990 में व्लादिमिर पुतिन को लेनिनग्राद के मेयर अनातोली सब्चाक के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया। 28 जून, 1991 को वे सेंट पीटर्सबर्ग महापौर कार्यालय की विदेश संबंध समिति के प्रमुख बने। जहां उन्हें अंतरराष्ट्रीय संबंधों और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की ज़िम्मेदारी मिली। पुतिन की अध्यक्षता में यह समिति व्यापार उद्यमों का पंजीकरण भी करती थी। 1994 से 1996 तक पुतिन सेंट पीटर्सबर्ग में कई अन्य राजनीतिक और सरकारी पदों पर रहे। 1996 में मेयर अनातोली सब्चाक के चुनाव हारने के बाद उन्हें मॉस्को बुला लिया गया। जहां वे राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के प्रशासन कार्यालय में काम करने लगे। मार्च 1997 तक वह इस पद पर बने रहे।

26 मार्च, 1997 को राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने पुतिन को राष्ट्रपति प्रशासन का उप प्रमुख नियुक्त किया, जहां वह मई 1998 तक बने रहे। इसके साथ ही 1998 जून तक वह राष्ट्रपति संपत्ति प्रबंधन विभाग के मुख्य नियंत्रण निदेशालय के प्रमुख भी थे। 25 मई , 1998 में पुतिन को संघीय सुरक्षा सेवा, एफएसबी (केजीबी की उत्तराधिकारी एजेंसियों में से एक) के प्रमुख के पद पर नियुक्त किया गया। वह 1 अक्टूबर, 1998 को रूसी संघ के सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य और फिर 29 मार्च,1999 को परिषद के सचिव बने।

प्रधानमंत्री का पद

9 अगस्त, 1999 को व्लादिमीर पुतिन की नियुक्ति तीन प्रथम उप-प्रधानमंत्रियों में से एक के रूप में हुई। बाद में उसी दिन राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने उन्हें रूसी संघीय सरकार के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया। एक टेलीविज़न संबोधन में राष्ट्रपति येल्तसिन ने पुतिन को अपने उत्तराधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया। उसी दिन, पुतिन ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए की अपनी रजामंदी जताई। 16 अगस्त को स्टेट ड्यूमा ने पुतिन के पक्ष में 233 वोट देकर प्रधानमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी। इसी के साथ वे अट्ठारह महीनों के अंदर रूस के पांचवें प्रधानमंत्री बने। शुरुआत में उन्हें येल्तसिन के समर्थक के रूप में देखा जाता था। बोरिस येल्तसिन व अन्य प्रधानमंत्रियों की तरह, पुतिन ने अपने मंत्रियों का चयन खुद नहीं किया। उनका मंत्रिमंडल राष्ट्रपति प्रशासन द्वारा निर्धारित किया गया।

चेचन्या संघर्ष

इस बीच चेचन्या में रूस से अलगाव की लड़ाई चल रही थी। रूसी सैनिकों ने चेचन्या पर जल्द नियंत्रण कर लिया। पुतिन की कानूनी व्यवस्था की समर्थ छवि एवं चेचन्या में कड़े रूख़ के कारण पुतिन की लोकप्रियता काफी बढ़ी। हालाँकि पुतिन औपचारिक रूप से किसी भी पार्टी के साथ जुड़े नहीं थे ।लेकिन उन्होंने नवगठित यूनिटी पार्टी के प्रति अपना समर्थन जताया। इस पार्टी ने दिसंबर 1999 में हुए ड्यूमा चुनावों में लोकप्रिय मत का दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा जीता था। बदले में पार्टी ने भी उनका समर्थन किया।

पुतिन का राष्ट्रपति के रूप में पहला कार्यकाल वर्ष 2000 से 2004 तक रहा। इसके बाद राष्ट्रपति के रूप में दूसरा कार्यकाल 2004 से 2008, तीसरा कार्यकाल 2012 से 2018 और चौथा कार्यकाल 2018 से अब तक जारी है।

केजीबी जीवन

1975 में पुतिन ने केजीबी में काम करना शुरू किया था। केजीबी में थोड़े ही समय में उन्हें लेनिनग्राद में विदेशियों और वाणिज्यिक दूतावास के अधिकारियों की निगरानी का कार्य मिला। पुतिन साम्यवादी पूर्वी जर्मनी में जासूस भी रहे। केजीबी के कुछ सहयोगी पुतिन युग में शीर्ष पदों पर रहे हैं।

कार्यवाहक राष्ट्रपति

31 दिसम्बर, 1999 को राष्ट्रपति येल्तसिन ने समय से पहले ही अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया।

रूस के संविधान के अनुसार, पुतिन को रूस के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने। उसी दिन उन्होंने अपने पहले आदेश पर हस्ताक्षर किया, जिसके अनुसार यह सुनिश्चित किया गया कि "निवर्तमान राष्ट्रपति और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी"। येल्तसिन के इस्तीफे के परिणामस्वरूप तीन महीनों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव आयोजित किये गए, जिसमें पुतिन ने 52.94 प्रतिशत मत लेकर जीत हासिल की।

राष्ट्रपति के रूप में पहला कार्यकाल (2000-2004)

पुतिन ने 7 मई, 2000 को राष्ट्रपति कार्यालय सम्भाला। उन्होंने वित्त मंत्री मिखाइल कास्यानोव को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया। पुतिन ने राष्ट्रपति पद संभालने के लगभग तुरंत बाद उन तथाकथित बड़े व्यवसायियों और अरबपतियों के विरुद्ध संघर्ष शुरू कर दिया, जो देश की राजनीति को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे। पुतिन के शासनकाल में रूस को कई बड़ी आर्थिक सफलताएँ हासिल हुईं। उनके कार्यकाल के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की औसत वार्षिक विकास दर 6.5 प्रतिशत थी। रूस पर विदेशी ऋण में कमी आई। विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि भी हुई। यूरोपीय संघ और अमेरिका के साथ रूस के संबंध को मजबूत बनाने, नाटो के साथ सहयोग की शुरुआत शुरू करने और रूस को विश्व व्यापार संगठन का सदस्य बनाने के लिए गए प्राथमिक कदमों में पुतिन को कामयाबी हासिल हुई। 2003 में चेचन्या में एक जनमत संग्रह आयोजित किया गया जिसमें एक नए संविधान को अपनाया गया। इस संविधान के अनुसार चेचन्या को रूस का हिस्सा घोषित किया गया।

राष्ट्रपति के रूप में दूसरा कार्यकाल (2004 - 2008)

साल 2004 में 71 प्रतिशत मतों के साथ पुतिन दोबारा राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए। सितम्बर, 2004 में आतंकवादियों ने बेसलान में स्थित एक स्कूल में 1,100 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया। इस घटना में सैकड़ों लोगों की मृत्यु हुई। घटना के बाद पुतिन ने कई व्यापक सख्त कदम उठाये। रूस में मीडिया की स्वतंत्रता के खिलाफ व्यापक पैमाने पर कदम उठाने के लिए पश्चिम जगत और रूसी उदारवादियों ने पुतिन की आलोचना की। पुतिन पर देश के नए स्वतंत्र मीडिया की रक्षा करने में नाकाम रह पाने के आरोप लगाये गए। 12 सितंबर, 2007 को पुतिन ने प्रधानमंत्री मिखाइल फ्राडकोव के अनुरोध पर सरकार भंग कर दी। विक्टर जुबकोव को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।

प्रधानमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल (2008 से 2012)

रूसी संविधान मुताबिक पुतिन लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य थे। सन् 2008 में राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन ने दिमित्री मेदवे देव का समर्थन किया, जिन्होंने अपनी ओर से वचन दिया कि यदि वह चुनाव जीतेंगे तो वह पुतिन को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति करेंगे। मेदवेदेव 70.28 प्रतिशत मतों के साथ चुनाव भारी बहुमत से जीत गए और उन्होंने अपना वचन पूरा करते हुए पुतिन को प्रधानमंत्री बना दिया। इस बीच रूसी अर्थव्यवस्था पर उत्तरार्द्ध की आर्थिक मंदी का गहरा असर पड़ा, एवं पश्चिमी क्रेडिट और निवेश के प्रवाह में रुकावटें आने लगीं। इसी समय 2008 का दक्षिण ओसेशिया युद्ध भी हुआ। युद्ध में रूस ने नाटो सहयोगी जॉर्जिया को हरा दिया और परिणामवश यूरोपीय संघ और अमेरिका के साथ रूस के रिश्तों में तनाव आ गए।

रूस के स्थिरीकरण कोष में संचित एक बड़े वित्तीय भंडार, एवं कुशल प्रबंधन के कारण संकट से निपटने और तत्पश्चात मध्य 2009 के बाद से आर्थिक वृद्धि के दौर की शुरुआत करने में देश को सहायता मिली। संकट से निपटने लिए गए उठाये गए कदमों की विश्व बैंक ने नवंबर 2008 की रूस आर्थिक रिपोर्ट में प्रशंसा भी की। 24 सितंबर, 2011 को मास्को में संयुक्त रूस कांग्रेस में राष्ट्रपति मेदवेदेव ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि वह ख़ुद राष्ट्रपति पद के चुनाव में खड़े नहीं होंगे और इस पद के लिए पुतिन के दावे का समर्थन करेंगे।

4 दिसम्बर, 2011 को आयोजित हुए संसदीय चुनावों में राष्ट्रपति समर्थक सत्तारूढ़ पार्टी "संयुक्त रूस" को लगभग 50 प्रतिशत मत प्राप्त हुए। इसके तुरंत बाद, मास्को और रूस के अन्य शहरों में चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा की गई कथित धांधलियों के खिलाफ सड़कों पर हुए विरोध प्रदशनों में हज़ारों लोगों ने हिस्सा लिया। यह पुतिन के समय का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन था। प्रदर्शनकारियों ने पुतिन और संयुक्त रूस की आलोचना की। चुनाव परिणाम रद्द करने की मांग की। बदले में पुतिन के समर्थकों द्वारा कई रैलियां आयोजित की गयी, जो कि विरोध प्रदर्शनों से अधिक व्यापक थीं।

राष्ट्रपति के रूप में तीसरा कार्यकाल (2012 से 2018)

4 मार्च, 2012 को पुतिन ने 63.6% मतों के साथ 2012 का राष्ट्रपति चुनाव पहले ही दौर में जीत लिया। चुनाव को पारदर्शी बनाने के लिए मतदान केन्द्रों में वेबकैम के उपयोग सहित अन्य प्रयास प्रचारित किये गए थे, हालांकि रूसी विपक्ष और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने चुनाव का आलोचना करते हुए प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोप लगाये। राष्ट्रपति पद के प्रचार अभियान के तुरंत बाद पुतिन-विरोधी प्रदर्शन हुए। राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले दिन, पुतिन ने 14 फरमान जारी किए जो अर्थव्यवस्था, शिक्षा, आवास, कुशल श्रम प्रशिक्षण, यूरोपीय संघ के साथ संबंधों, रक्षा उद्योग, अंतर-जातीय संबंधों और अन्य नीति क्षेत्रों से सम्बंधित थे। 2012 और 2013 में, पुतिन और संयुक्त रूस पार्टी ने सेंट पीटर्सबर्ग, अर्चँगेल्स्क और नोवोसिबिर्स्क में समलैंगिक, उभयलिंगी और ट्रांसजेंडर समुदायों के खिलाफ और सख्त कानून बनाने का समर्थन किया। जून, 2013 में राज्य ड्यूमा में "समलैंगिक प्रचार" के खिलाफ एक कानून पास किया गया।

राष्ट्रपति के रूप में चौथा कार्यकाल (2018 से जारी)

2018 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन ने 76 फीसदी वोट से अधिक के साथ जीत हासिल की।उनका कार्यकाल मई 2018 से प्रारम्भ हुआ है।

निजी संपत्ति और निवास

2007 में जारी आंकड़ों के मुताबिक पुतिन के पास बैंक खातों में लगभग 37 लाख रूसी रूबल, सेंट पीटर्सबर्ग में 833 वर्ग फुट का अपार्टमेंट, सेंट पीटर्सबर्ग बैंक के 260 शेयर और पिता से विरासत में मिले 1960 के दशक की दो वोल्गा एम21 गाड़ियां हैं। 2012 में पुतिन ने 36 लाख रूबल आय की घोषणा की।कुछ रूसी विपक्षी नेताओं और पत्रकारों द्वारा किये गए अपुष्ट दावों के मुताबिक पुतिन की कई रूसी कंपनियों में शेयर होल्डिंग है और वे 70 अरब डालर की संपत्ति के मालिक हैं।

अगस्त 2012 में एक सूची जारी हुई जिसमें 20 बंगलों एवं महलों के नाम हैं । जिनमें से 9 पुतिन की सत्ता के 12 वर्षों के दौरान बनाये गए थे। इसके अलावा, प्रस्कोवीवका गांव के पास इतालवी शैली की एक विशाल हवेली भी है। करीब 1 अरब अमरीकी डालर की लागत से बन रही इस ईमारत को "पुतिन का महल" करार दिया गया है



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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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