Earthquake in Arunachal Pradesh: अंडमान के बाद अरुणाचल में हिली धरती, पश्चिम सियांग में भूकंप के झटके, 5.7 थी तीव्रता

Earthquake Hits Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग में गुरुवार (10 नवंबर) की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.7 मापी गई।

Written By :  aman
Update: 2022-11-10 05:55 GMT

Earthquake Today (Social Media)

Earthquake in Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग में गुरुवार (10 नवंबर) की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.7 मापी गई। इससे पहले आज ही अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 थी। 

देश के पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश में गुरुवार सुबह भूकंप के तेज झटकों ने लोगों में दहशत पैदा कर दी। जानकारी के अनुसार, दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप का पहला झटका सुबह करीब 10:31 बजे महसूस किया गया। इसकी तीव्रता 5.7 मापी गई। वहीं, दूसरा झटका 10:59 मिनट पर आया। इसकी तीव्रता 3.5 थी, जो पहले की तुलना में कम थी। भूकंप के दोनों झटकों का केंद्र राज्य का पश्चिम सियांग क्षेत्र था। भूकंप की गहराई जमीन से 10 किलोमीटर नीचे बताई जा रही है। 

अंडमान-निकोबार में तड़के आया भूकंप

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Island) में आज तड़के जब सब सो रहे थे तब लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) के अनुसार, पोर्टब्लेयर से करीब 253 किमी दक्षिण-पूर्व में भूकंप आया था। तड़के करीब 2:29 बजे 4.3 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किमी नीचे था। हालांकि, भूकंप के इन झटकों से किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

दिल्ली-एनसीआर में महसूस हुए तेज झटके 

गौरतलब है कि, इससे पहले 2 और 3 सितंबर को भी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब इनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.9 के करीब थी। 9 नवंबर की सुबह 1:58 बजे के करीब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में 10 सेकंड तक भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। 

बता दें कि, राजधानी दिल्‍ली और नेपाल में मंगलवार देर रात भूकंप के झटकों से भारी क्षति हुई थी। आइआइटी आइएसएम ने अपने ऑब्जर्वेशन में बताया कि, इस भूकंप से पहले भी नेपाल में चार छोटे भूकंप आए थे। लेकिन, उनकी तीव्रता कम थी। इसलिए उनका पता नहीं चल पाया था।

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