Aaj Ka Panchang: आज का हिन्दू पंचांग
Aaj Ka Panchang: 19 जून को स्थानीय सूर्योदय के बाद निर्जला एकादशी का पारण करना है।
दिनांक - 18 जून 2024
दिन - मंगलवार
विक्रम संवत् - 2081
अयन - उत्तरायण
ऋतु - ग्रीष्म
मास - ज्येष्ठ
पक्ष - शुक्ल
तिथि - एकादशी प्रातः 06:24 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र - स्वाति दोपहर 03.56 तक तत्पश्चात विशाखा
योग- शिव रात्रि 09:39 तक तत्पश्चात सिद्ध
राहु काल - शाम 04:04 से शाम 05:46 तक
सूर्योदय - 05:54
सूर्यास्त - 07:27
दिशा शूल - उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08 तक
निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 19 से रात्रि 01:02 जून 19 तक
व्रत पर्व विवरण - निर्जला एकादशी, गायत्री माता जयंती
विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
निर्जला एकादशी विशेष
18 जून को सूर्योदय से पूर्व जल ग्रहण करना है।
19 जून को स्थानीय सूर्योदय के बाद निर्जला एकादशी का पारण करना है।
निर्जला एकादशी 18 जून 2024
एकदाशी में क्या करें, क्या ना करें ?
1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें, नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करे।
2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, विष्णु सहस्रनाम पाठ करें । हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l
राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जाप करना चाहिए ।
4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।
5. एकदशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाएं । इस दिन फल आहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।
6. व्रत के ( दशमी, एकादशी और द्वादशी ) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।
7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।
8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।
9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।
10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें, इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।
11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।
12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।
13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1बजे तक) ।
14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।