4 September 2021 Ka Panchang in Hindi: कैसा रहेगा आज का दिन, शुभ-अशुभ मुहूर्त के लिए देखिए आज का पंचांग
4 September 2021 Ka Panchang in Hindi: आज शनिवार का दिन है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की प्रदोष तिथि है। भगवान शिव की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना के लिए उत्तम दिन है। सूर्य सिंह राशि में योग- वरीयान, करण -तैतिल के साथ भाद्र मास है।
4 September 2021 Ka Panchang in Hindi:
ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का बहुत महत्व है । पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। इसकी मदद से हम दिन के हर बेला के शुभ और अशुभ समय का पता लगाते हैं। उसके आधार पर अपने खास कर्मों को इंगित करते हैं।
आज शनिवार का दिन है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की प्रदोष व्रत तिथि है। भगवान शिव की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना के लिए उत्तम दिन है। सूर्य सिंह राशि में योग- वरीयान, करण -तैतिल के साथ भाद्र मास है। आज चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे।, देखिए आज का पंचांग...
हिन्दू मास एवं वर्ष शक सम्वत- 1943 प्लव विक्रम सम्वत- 2078 |
आज का करण-तैतिल आज का पक्ष- कृष्ण पक्ष आज का योग-वरीयान आज का वार- शनिवार सूर्योदय-6:14 AM सूर्यास्त-6:37 PM आज चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय चन्द्रोदय-3:16 AM चन्द्रास्त- 5:08 PM , सूर्य -सिंह राशि चन्द्रमा राशि चन्द्रमा -कर्क राशि पर संचार करेगा दिन -शनिवार माह- भाद्रमास व्रत – शनि प्रदोष |
सर्वार्थ सिद्धि योग- नहीं रवि पुष्य योग -नहीं है अमृतसिद्धि योग- नहीं |
राहु काल-9:19 AM से 10:52 PM तक कालवेला / अर्द्धयाम-13:12 से 14:02 तक दुष्टमुहूर्त-05:39AM से 06:29AM तक, 06:29 AMसे 07:20AM तक कुलिक- 6:13 AM से 7:46 AM तक भद्रा-नहीं यमगण्ड- 13:31 से 15:05 तक गुलिक काल-05:39 AMसे 07:13 AMतक गंडमूल -05:45 PM से 05:40 AM, 05सितंबर |
रात का चौघड़िया लाभ – 18:37 PM से 20:04 PM तक उद्बेग – 20:04 PM से 21:31 PM तक शुभ – 21:31 PM से 22:58 PM तक अमृत – 22:58 PM से 00:26 AM तक चर – 00:26 AM से 01:53 AM तक रोग – 01:53 AM से 03:20 AM तक काल – 03:20 AM से 04:47 AMतक लाभ – 04:47 AMसे 06:14 AM तक |
पंचांग क्या होता है?
पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। हर दिन की तिथि का निर्धारण सूर्य और चंद्मा में भेद के आधार पर होता है और पंचांग के आधार पर हर दिन के शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करते हैं। इसके आधार पर अपने काम को आसान बनाते हैँ। आज का पंचांग में तिथि, पक्ष, माह, नक्षत्र भी देखना जरुरी होता है। क्योंकि हर एक शुभ कार्य के लिए अलग अलग नक्षत्र होता है। सूर्योदय से दूसरे दिन सूर्योंदय के कुछ पहर पहले तक ही एक तिथि मानी जाती। चंद्रमा का स्थान जिस दिन चंद्रमा जिस स्थान पर होता है। उस दिन वही नक्षत्र और राशि मानी जाती है। चंद्रमा एक राशि में ढ़ाई दिन तक रहते हैं।
तिथि वारं च नक्षत्रं योगं करणमेव च।
पंचांगस्य फलं श्रुत्वा गंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
आदिकाल में ही इस श्लोक के माध्यम से पंचांग को परिभाषित किया है।
- तिथि- पंचांग का पहला अंग तिथि है। जो 16 है। इनमें पूर्णिमा और अमावस्या दो प्रमुख तिथियां है। जो दो पक्षों का निर्धारण करते हैं। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। पूर्णिमा और अमावस्या दोनों तिथि माह में एक बार आती है।
- नक्षत्र- नक्षत्र 27 होते हैं। लेकिन एक मुहूर्त अभिजीत नक्षत्र है जो शादी विवाह के समय देखा जाता है। इसे मिला कर 28 नक्षत्र भी कहे जाते है।
- योग- 27 होते है। मनुष्य के जीवन में योग का बहुत महत्व है।
- करण- 11 होते हैं। 4 स्थिर व 7 परिवर्तनशील है।
- वार- सप्ताह में 7 दिन होते हैं। जो रविवार से शुरू, सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, और शनिवार पर खत्म होते हैं।
4 सितंबर शनिवार का दिन भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रदोष तिथि लग रही है। आज के दिन कोई भी शुभ काम करना हो तो कर सकते हैं। आज का दिन हर दृष्टि से शुभ फलदायी है। अगर किसी शुभ काम को शुरू करना हो, गाड़ी, मकान वस्त्र -आभूषण कुछ भी खरीदना हो तो यहां जान लीजिए शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त। शनिवार के दिन कुछ लोगों के लिए भाग्यशाली रहने वाला है।