महीने का सबसे खास दिन, 16 फरवरी बदलेगा किस्मत, राशि के अनुसार करें मंत्र जाप
बसंत पंचमी का स्वागत करते हैं। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, जो यह संदेश देता है कि हमें सूर्य की तरह गंभीर और प्रखर बनना चाहिए। बसंत पंचमी के दिन सिर्फ कपड़े ही नहीं बल्कि खाने में भी पीले रंग की चीजें बनायी जाती हैं।
लखनऊ ऋतुओं का राजा कहे जाने वाला मौसम बसंत पंचमी खुशियां लेकर आता हैै सर्दियां सुहावनी होने लगती हैं, खेतों में पीली सरसों लहलहा उठती हैं। पेड़-पौधों में फिर से नई कलियां खिल उठती हैं और हर तरफ सकारात्मक माहौल हो उठता है। इसके साथ ही हर तरफ मां सरस्वती की पूजी की जाएंगी। इसी दिन से ही मथुरा में रंगोउत्सव शुरू हो जाता है।
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। सरस्वती मां ज्ञान और बुद्धि देती हैं।ऐसी मान्यता है कि सरस्वती मां की पूजा करने से आज्ञानी व्यक्ति भी ज्ञानी बन जाता है। इनकी आराधना करने से व्यक्ति को हर प्रकार का ज्ञान, कला, संगीत और वाणी का वरदान मिल जाता है आपको अगर पढ़ाई में दिक्कतें आती हैं या पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की उपासना से लाभ होगा। बसंत पंचमी के दिन राशि अनुसार अलग-अलग रंग की कलम मां सरस्वती को चढ़ाने से विद्या की अधिक प्राप्ति होती है।
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इस दिन कई लोग अपने शिशुओं को पहला अक्षार लिखना सिखाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन को लिखने पढ़ने का सबसे उत्तम दिन माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करना अनिवार्य है। इस दौरान सरस्वती स्तोत्रम का पाठ किया जाता है।
शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी तिथि प्रारंभ - 16 फरवरी को सुबह 03 बजकर 36 मिनट से
बसंत पंचमी तिथि समाप्त - 17 फरवरी को सुबह 5 बजकर 46 मिनट तक
राशि के अनुसार
वसंत-पंचमी यानी मां सरस्वती के जन्मदिन पर देवी को प्रसन्न करने के लिए राशि अनुसार वंदना करें। राशि के अनुसार मंत्र जपने से मां शारदा सुख, संपत्ति, विद्या, बुद्धि, यश, कीर्ति, पराक्रम, प्रतिभा और विलक्षण वाणी का आशीष प्रदान करती है। प्रस्तुत है आपकी राशि के अनुसार सरस्वती मंत्र-
मेष- ॐ वाग्देवी वागीश्वरी नम:
वृषभ- ॐ कौमुदी ज्ञानदायनी नम:
मिथुन- ॐ मां भुवनेश्वरी सरस्वत्यै नम:
कर्क- ॐ मां चन्द्रिका दैव्यै नम:
सिंह- ॐ मां कमलहास विकासिनी नम:
कन्या- ॐ मां प्रणवनाद विकासिनी नम:
तुला- ॐ मां हंससुवाहिनी नम:
वृश्चिक- ॐ शारदै दैव्यै चंद्रकांति नम:
धनु- ॐ जगती वीणावादिनी नम:
मकर- ॐ बुद्धिदात्री सुधामूर्ति नम:
कुंभ- ॐ ज्ञानप्रकाशिनी ब्रह्मचारिणी नम:
मीन- ॐ वरदायिनी मां भारती नम:
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पीले रंग का है खास महत्व
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का खास महत्व है। दरअसल, वसंत ऋतु में सरसों की फसल की वजह से धरती पीली नजर आती है। इसे ध्यान में रखकर इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनकर बसंत पंचमी का स्वागत करते हैं। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, जो यह संदेश देता है कि हमें सूर्य की तरह गंभीर और प्रखर बनना चाहिए। बसंत पंचमी के दिन सिर्फ कपड़े ही नहीं बल्कि खाने में भी पीले रंग की चीजें बनायी जाती हैं।