घातक योग: कुंडली में इन ग्रहों से रहें सावधान, नहीं मिलता यश, जातक रहते हैं परेशान

किसी भी व्यक्ति की कुंडली उसके भूत-भविष्य का लेखा-जोखा है। कुंडली के किसी भी भाव में चंद्रमा के साथ राहु और केतु बैठे हों तो यह 'ग्रहण योग' बनाते हैं।

Update:2020-08-16 07:28 IST
जीवन में यश नहीं मिल रहा तो ज्योतिषीय उपाय

लखनऊ: किसी भी व्यक्ति की कुंडली उसके भूत-भविष्य का लेखा-जोखा है। कुंडली के किसी भी भाव में चंद्रमा के साथ राहु और केतु बैठे हों तो यह 'ग्रहण योग' बनाते हैं। इसके साथ अगर सूर्य भी हों तो यह व्‍यक्ति की मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है। इस योग के कारण जीवन में स्थिरता नहीं होती।

 

पीड़ित ग्रह से प्रभाव

राहु के साथ सूर्य और चंद्रमा की योग होने पर ग्रहण योग बनता है। जब कुंडली में सूर्य और राहु एकसाथ हों या चंद्रमा और राहु एकसाथ हों तो यह ग्रहण बनता है। ग्रहण योग विपरीत परिणाम देने वाला योग होता है। ज्‍योतिष के अनुसार यदि कुंडली में ग्रहण योग है तो जिस भाव में यह योग बना हुआ है उस भाव को पीड़ित करके उस भाव से संबंधित वस्‍तु या सुखों में कमी आती है। ग्रहण योग जिस ग्रह से बनता है वह ग्रह भी स्‍वयं पीड़ित हो जाता है क्‍योंकि राहु, चंद्रमा और सूर्य दोनों परम शत्रु हैं। ऐसे में राहु सूर्य और चंद्रमा दोनों को पीड़ित करता है।

 

यह पढ़ें...बढ़ती उम्र में भी दिखेंगी जवान, जानें चेहरे पर निखार लाने के ये घरेलू उपाय

प्रतीकात्मक

सेहत खराब और नहीं मिलता पिता का प्यार

जब सूर्य और राहु की युति ग्रहण योग बनता है तो व्‍यक्‍ति को जीवन में यश नाम मान नहीं मिलता। प्रतिष्‍ठा और प्रसिद्धि नहीं मिलती। ऐसा व्‍यक्‍ति भले ही कितना भी अच्‍छा काम करे उसे प्रशंसा मिल ही नहीं पाती। इस ग्रहण से पीड़ित व्‍यक्‍ति को पिता के सुख की भी कमी रहती है। स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍यांए भी जीवन में बनी रहती हैं।

चंद्रमा और राहु के योग से बनने वाले ग्रहण योग में व्‍यक्‍ति को मानसिक रूप से अनेक समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों को मानसिक शांति नहीं मिल पाती। ऐसे व्‍यक्‍ति पर नकारात्‍मक सोच हावी रहती है। ये लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर बहुत परेशान रहते हैं।

इनसे बचने के लिए कई ज्योतिषीय उपाय है।

यह पढ़ें...राशिफल 16अगस्त:इन राशियों के लिए सफलता और असफलताओं वाला रहेगा दिन,जानें

 

प्रतीकात्मक

उपाय...

*रोज एक माला ऊं घृणि सूर्याय नम: का जाप करें।

*आदित्‍य हृदय स्‍तोत्र का पाठ करें।

*प्रतिदिन सूर्य को जल दें।

*रविवार को गाय को गुड़ खिलाएं।

*एक माला प्रतिदिन ऊं सोम सोमाय नम: का जाप करें।

*शिवलिंग पर प्रतिदिन अभिषेक करें।

*गरीब व्‍यक्‍ति को सोमवार को दूध का दान करें।

*महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप करें।

इन उपायों को करके जातक ग्रहण योग के दुष्प्रभावों से बच सकता हैं। तो फिर देर किस बात किसी योग्य ज्योतिषाचार्य से अपनी कुंडली दिखाएं और ज्योतिष के उपायों से खुद खुशहाल बनाने का काम करें।

Tags:    

Similar News