Chandra Grahan 2020:आने वाला ग्रहण इस राशि को करेगा प्रभावित, जानें पूरी बात

 5 जुलाई 2020 को इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण होगा। इससे पहले 21 जून को सूर्य ग्रहण लगा था। 30 दिन के अंदर ये तीसरा और साल का चौथा ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक माह में दो या इससे अधिक ग्रहण को शुभ नहीं होते है। इस साल 6 ग्रहण लग रहे हैं।

Update: 2020-06-28 13:15 GMT

जयपुर : 5 जुलाई 2020 को इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण होगा। इससे पहले 21 जून को सूर्य ग्रहण लगा था। 30 दिन के अंदर ये तीसरा और साल का चौथा ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक माह में दो या इससे अधिक ग्रहण को शुभ नहीं होते है। इस साल 6 ग्रहण लग रहे हैं।

 

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उपच्छाया चंद्र ग्रहण

ये ग्रहण खास है, इस दिन आषाढ की पूर्णिमा है। और ग्रहण के समय उतराषाढ़ा नक्षत्र है। चंद्र ग्रहण का अद्भुत नजारा रविवार को सुबह 08:38 बजे से 11:21 बजे तक देखा जा सकेगा। जो एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने वाला है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण के समय, परिक्रमा करते हुए पृथ्वी की छाया वाले क्षेत्र में चंद्रमा आ जाता है। जिससे चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी कुछ कटी हुई सी प्रतीत होती है।विशेषज्ञों अनुसार 10 बजे ये ग्रहण अपने चरम पर पहुंचेगा।

 

इन देशों में देखा जाएगा

इस चंद्र ग्रहण को भारत, दक्षिण एशिया के कुछ स्थान, अमेरिका, यूरोप और अस्ट्रेलिया में देखा जा सकेगा। इस ग्रहण की अवधि 2 घंटा 43 मिनट और 24 सेकेंड की होगी।

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ये राशि होगी प्रभावित

5 जुलाई को लगने वाला चंद्र ग्रहण धनु राशि में लग रहा है। धनु राशि पर चंद्र ग्रहण का अधिक प्रभाव देखा जाएगा। ग्रहण के समय चंद्रमा पीड़ित हो जाता है। पंचांग के अनुसार इस दिन सूर्य मिथुन राशि में होंगें। चंद्रमा धनुराशि के बाद मकर में जाएंगे। ग्रहण के कारण मानसिक तनाव, सेहत से जुड़ी कोई समस्या और माता को कष्ट आदि हो सकता है। ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए भगवान शिव की पूजा करें। सोमवार का व्रत रखें।

 

सूतक काल

इस चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल मान्य नहीं है। सूतक काल में किसी भी प्रकार के धार्मिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। लेकिन 5 जुलाई को लगने जा रहे चंद्र ग्रहण में सूतक काल नहीं माना जाएगा, क्योंकि इस ग्रहण को उपछाया ग्रहण कहा जाता है। इस तरह के ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होता है।

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