जानिए चंद्र ग्रहण से पड़ने वाले प्रभाव, सावधानी व उससे मिलने वाले लाभ के बारे में

चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान करा कर उनकी पूजा करें। जरूरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मणों को अनाज का दान करना चाहिए। 

Update:2019-07-11 14:31 IST

जयपुर: चंद्र ग्रहण 2019, 16-17 जुलाई 2019 को यानि मंगलवार की रात 1 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। पंचांग के अनुसार यह चंद्र ग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लग रहा है। यह चंद्र ग्रहण खंडग्रास चंद्र ग्रहण है। चंद्र ग्रहण की यह अवधि लगभग 3 घंटे की होगी । चंद्र ग्रहण का सभी लोगों पर अलग पड़ने वाला है।

16 जुलाई को साल का दूसरा चंद्रग्रहण, जानिए कितने बजे तक रहेगा ग्रहण का असर

प्रभाव - कहते हैं कि किसी भी ग्रहण का असर सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं पर होता है। क्योंकि ग्रहण के वक्त वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा ज्यादा होती है। ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। बाहर निकलना जरूरी हो तो गर्भ पर चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप कर लें। इससे ग्रहण का प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर नहीं होगा।

ग्रहण काल के दौरान यदि खाना जरूरी हो, तो सिर्फ खानपान में उन्हीं वस्तुओं का उपयोग क, जिनमें सूतक लगने से पहले तुलसी पत्र या कुशा डला गया हो। गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान चाकू, छुरी, ब्लेड, कैंची जैसी काटने की किसी भी वस्तु का प्रयोग न करें। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे के अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है। इस दौरान सुई धागे का प्रयोग भी वर्जित है। ग्रहण काल के दौरान भगवान का नाम लेने के अलावा कोई दूसरा काम न करें।

11 जुलाई: किसके लिए अच्छा किसके लिए खराब है गुरुवार, जानिए पंचांग व राशिफल

सावधानी -ग्रहणकाल में कई हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। इसलिए कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल के दौरान नहीं किया जाता है। ग्रहणकाल में अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए। ग्रहणकाल में स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें। ग्रहण को खुली आंखों से न देखें। हालांकि चंद्र ग्रहण देखने से आंखों पर कोई बुरा असर नहीं होता। ग्रहणकाल के दौरान गुरु प्रदत्त मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।

मिलेगा लाभ- कहते हैं कि ग्रहण के बाद घी और खीर से हवन करने से लाभ होता है। यदि लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो उसमें आराम मिलता है। चंद्र देव की आराधना करना चाहिए, यदि चंद्रमा कमजोर स्थिति में है तो 'ऊं चंद्राय नम:' मंत्र का जाप करने से लाभ मिलेगा। प्राणायाम और व्यायाम करना चाहिए, सोच को सकारात्मक रखना चाहिए। चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान करा कर उनकी पूजा करें। जरूरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मणों को अनाज का दान करना चाहिए।

Tags:    

Similar News