बच्चे की सफलता: इन ग्रहों पर करता है निर्भर, जानें कैसे बनाएं इनको मजबूत
शनि का मजबूत होना बच्चे को स्वास्थ्य और शिक्षा में संघर्ष कराता है पर करियर में बड़ी सफलता देता है। इन तीन में से अगर दो ग्रह मजबूत हों तो बच्चा उच्च स्तर की सफलता पाता है।
लखनऊ : हर माता पिता की इच्छा होती है कि उनके बच्चे जीवन के हर क्षेत्र में सफल रहे ह। इसके लिए मां-बाप बच्चों के जन्म से ही प्रयत्न करने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि बच्चों की सफलता तीन चीजों पर निर्भर करती है- सेहत, शिक्षा और उनका करियर। इसमें सेहत शनि से, करियर बृहस्पति से और शिक्षा सूर्य से मिलती है। अगर बच्चे की कुंडली में ये ग्रह मजबूत है तो आपके बच्चे की सफलता के मार्ग में कोई भी रोड़ा नहीं बन सकता हैं।
वैसे जिस बच्चे की कुंडली में सूर्य मजबूत होगा तो उस बच्चे को औसत दर्जे की सफलता मिलेगी। बृहस्पति का मजबूत होना बच्चे को स्वास्थ्य और शिक्षा में सफलता देता है पर करियर में देरी कराता है। शनि का मजबूत होना बच्चे को स्वास्थ्य और शिक्षा में संघर्ष कराता है पर करियर में बड़ी सफलता देता है। इन तीन में से अगर दो ग्रह मजबूत हों तो बच्चा उच्च स्तर की सफलता पाता है।
पंचम भाव असफलता का कारक
*बृहस्पति के दूसरे या पांचवे भाव में होने पर असफलता मिलती है। अग्नि तत्त्व की मात्रा ज्यादा होने पर यानी सूर्य या मंगल की खराब स्थिति होने पर असफलता मिलती है। पंचम भाव के मजबूत होने पर बच्चा आसानी से सफल होता है। शनि या बृहस्पति के मजबूत होने पर यानी वायु तत्त्व की प्रधानता होने पर अच्छी शिक्षा होती है। मध्य रात्रि या मध्य दोपहर का जन्म होने पर बिना प्रयास के ही अतीव ज्ञान मिलता है।
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बच्चे का मन संतुलित
*अच्छे स्वास्थ्य के लिए सूर्य और चंद्रमा का अच्छा होना जरूरी है। लग्न के स्वामी का अच्छा होना अच्छा स्वास्थ्य देता है। राशि के स्वामी के मजबूत होने पर बच्चे का मन संतुलित होता है। पाप ग्रहों के मजबूत होने पर बच्चा कमजोर होता है। चंद्रमा के कमजोर होने पर बच्चे की एकाग्रता काफी कमजोर हो जाती है,मानसिक कमजोरी आती है। पृथ्वी तत्व के दूषित होने पर स्वास्थ्य कुछ न कुछ खराब रहता है और पढाई छूटती रहती है।
*राहू या नीच ग्रहों का प्रभाव होने पर बच्चों को करियर में बाधा आती है। अग्नि तत्त्व के मजबूत होने पर भी करियर में काफी संघर्ष करना पड़ता है। शनि-चंद्रमा-और राहू का कोई भी सम्बन्ध करियर में खूब उतार-चढ़ाव दिखाता है। बिना शनि की कृपा के कोई भी करियर में सफल नहीं हो सकता। मंगल और चंद्रमा भी अगर मजबूत हों तो बिना परिश्रम के ही सफलता मिल जाती है। बृहस्पति के मजबूत होने पर कम आयु में ही व्यक्ति ऊंचाई पा जाता है मात्र शनि के मजबूत होने पर भी करियर में अच्छी सफलता मिलती है।
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डाले ये आदत
*सूर्य को नियमित रूप से जल चढ़ायें. नित्य गायत्री मंत्र का जप करें. कम से कम एक फल रोज खाएं. सप्ताह में एक बार किसी धर्म स्थल पर जरूर जाएं.