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दो सियासी दिग्गजों की गुपचुप मुलाकात से भूचाल, पार्टी के पाला बदलने के कयास

बॉलीवुड के कई बड़े सितारों के ड्रग कनेक्शन को लेकर मचे बवाल के बीच शिवसेना नेता संजय राउत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की गुपचुप मुलाकात हुई है।

Shivani
Published on: 26 Sep 2020 4:52 PM GMT
दो सियासी दिग्गजों की गुपचुप मुलाकात से भूचाल, पार्टी के पाला बदलने के कयास
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच जुबानी जंग का दौर चल रहा है मगर इस बीच शनिवार को एक गुपचुप मुलाकात ने भूचाल खड़ा कर दिया। बॉलीवुड के कई बड़े सितारों के ड्रग कनेक्शन को लेकर मचे बवाल के बीच शिवसेना नेता संजय राउत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की गुपचुप मुलाकात हुई है।

मुंबई के एक पांच सितारा होटल में दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात के बाद चर्चाओं और अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। सियासी हलकों में यह सवाल उठाए जाने लगे हैं कि क्या शिवसेना एक बार फिर पाला बदलने वाली है?

भाजपा अध्यक्ष ने की मुलाकात की पुष्टि

हालांकि अभी दोनों नेताओं की ओर से इस गुपचुप मुलाकात के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है मगर महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने दोनों नेताओं की मुलाकात की पुष्टि की है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि दोनों नेताओं की मुलाकात को लेकर अटकलें लगाने की कोई जरूरत नहीं है।

सामना के लिए इंटरव्यू की बात

महाराष्ट्र भाजपा के एक और नेता प्रवीण दारेकर ने भी राउत और फडणवीस की मुलाकात की पुष्टि की है मगर इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इस मुलाकात का कोई सियासी मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा की राउत ने बिहार चुनाव को लेकर फडणवीस का इंटरव्यू किया है और इसी सिलसिले में यह मुलाकात हुई है।

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संजय राउत सामना के संपादक भी हैं और और सामना के लिए ही यह इंटरव्यू किए जाने की बात कही जा रही है। उल्लेखनीय है कि भाजपा की ओर से फडणवीस को बिहार का प्रभारी बनाया गया है।

विभिन्न मोर्चों पर घिरी हुई है उद्धव सरकार

महाराष्ट्र की सियासत में महत्वपूर्ण माने जाने वाले इन दोनों नेताओं की मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब महाराष्ट्र के उद्धव सरकार विभिन्न मोर्चों पर घिरी हुई है। हालांकि प्रत्यक्ष तौर पर उद्धव सरकार किसी बड़ी सियासी मुश्किल में फंसी हुई नहीं दिख रही है मगर बीच-बीच में सरकार में शामिल दलों के बीच सियासी मतभेद की खबरें बाहर आती रही हैं।

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कोरोना से सर्वाधिक संक्रमित है महाराष्ट्र

कोरोना संक्रमण ठीक से सामना न कर पाने के कारण भी उद्धव सरकार को निशाना बनाया जा रहा है। महाराष्ट्र देश में कोरोना से सर्वाधिक संक्रमित राज्य है। कोरोना वायरस की शुरुआत के समय से ही यहां वायरस से संक्रमित होने वाले सर्वाधिक केस दर्ज किए जा रहे हैं।

सुशांत और कंगना मामले में किरकिरी

हाल में सुशांत मामले और कंगना को लेकर भी भाजपा और शिवसेना के बीच खूब जुबानी जंग हुई थी। दरअसल शिवसेना चाहती थी कि मुंबई पुलिस से ही सुशांत मामले की जांच पड़ताल करे मगर बिहार सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है।

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उधर कंगना के दफ्तर में तोड़फोड़ के बाद भी भाजपा की ओर से तीखी आपत्ति जताई गई थी। कंगना का विवाद संजय राउत से ही हुआ था जिसके बाद कंगना ने कई ट्वीट के जरिए राउत पर बड़ा हमला बोला था। अब यह मामला बाम्बे हाईकोर्ट पहुंच चुका है और हाईकोर्ट ने भी बीएमसी की जल्दबाजी पर सवाल खड़े किए हैं।

आखिर क्या गुल खिलाएगी यह मुलाकात

शिवसेना लंबे समय तक भाजपा की सहयोगी रही है मगर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवसेना ने गठबंधन तोड़ लिया था और एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार का गठन किया था।

दरअसल शिवसेना महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाना चाहती थी मगर भाजपा इसके लिए तैयार नहीं थी। बाद में इसी मुद्दे को लेकर यह गठबंधन टूट गया था। अब देखने वाली बात यह होगी कि दो सियासी दिग्गजों की गुपचुप हुई यह मुलाकात क्या गुल खिलाती है।

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