हो जाएंगे मालामाल, जब धनतेरस की रात करेंगे ये एक उपाय, जो है बहुत सरल

हर साल की तरह इस साल भी दीपावली को लेकर लोगों में उत्साह बरकरार है। घ का साज-सजा से लेकर तरह तरह के नए-नए समान खरीदने की तैयारी हर कोई कर लेता है। दिवाली से पहले धनतेरस मनाया जाता है, परंपरा के अनुसार इस दिन घर के जरूरी सामानों की खरीद करते हैं। धन तेरस के दिन नए बर्तन या कोई भी नयी वस्तु आदि की खरीददारी कर घर लाना फलदायक है। 

Update: 2019-10-20 16:00 GMT

जयपुर: हर साल की तरह इस साल भी दीपावली को लेकर लोगों में उत्साह बरकरार है। घ का साज-सजा से लेकर तरह तरह के नए-नए समान खरीदने की तैयारी हर कोई कर लेता है। दिवाली से पहले धनतेरस मनाया जाता है, परंपरा के अनुसार इस दिन घर के जरूरी सामानों की खरीद करते हैं। धन तेरस के दिन नए बर्तन या कोई भी नयी वस्तु आदि की खरीददारी कर घर लाना फलदायक है। धनतेरस की रात कुछ उपाय से आप रातोंरात धनवान बन सकते है। मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। कहते है कि बिना मेहनत के कोई सफल नहीं होता और सफलता की पहली सीढ़ी कड़ी मेहनत है। धनतेरस के दिन भी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।है ताकि उनके घर सुख समृद्धि का वास हो और कभी भी आर्थिक तंगी से ना जूझे। इस दिन एक छोटा सा उपाय जीवन भर के लिए समृद्धि से भर देगा।

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भोजन में इस्तेमाल होने वाला लौंग खाने का स्वाद बढ़ने के साथ-साथ जिंदगी का भी स्वाद बढ़ा सकता है। अगर नौकरी ना मिलने की वजह से परेशान हैं या पैसों की तंगी है एक विशेष उपाय करने से जरूर लाभ होगा।

धनतेरस के दिन किसी कपडे में पांच लौंग लेकर बांध लें और ये पलंग की पोटली लेकर मां लक्ष्मी और कुबेर की आराधना करें और मन्त्र जाप करें। पूजा समाप्ति के बाद इस लौंग की पोटली को वैसे स्थान पर रखें। जहां अपने जेवरात या फिर पैसे आदि रखते हैं। इस विधि को करते समय इस बात पर अवश्य ध्यान देना चाहिए की किसी को पता ना चले, ये विधि चुपचाप की जाती है।

धनतेरस के दिन इस विधि को करना सबसे ज्यादा लाभकारी माना जाता है वैसे आप किसी शुक्रवार या शनिवार के दिन इस विधि को कर सकते हैं। इस करने के महज सात दिनों के अंदर ही आपको अपनी आर्थिक स्थति में बदलाव आते नज़र आएंगे

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कथा- एक दिन मृत्यु के देवता यमराज को एक विचार आया की मेरे आदेश पर मेरे दूत किसी के भी प्राण हर लेते हैं, क्या कभी उन्हें किसी पर दया नहीं आती व किसी नौजवान के प्राण हरण करने का उनका मन नहीं पसीजता ? तभी इसके बारे में जानने के लिए यमराज ने यमदूत को बुलाया और कहा कि हंस नामक राजा के घर पुत्र हुआ तो ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी थी की विवाह के चार दिन बाद ही युवराज की मृत्यु हो जाएगी तो इसी कारण राजा ने उनकी प्राण रक्षा के लिए कहा कि वो राजकुमार का विवाह नहीं करेंगे। तभी एक दिन रूपवती कन्या रास्ता भूल के वहा आ गई। राजकुमार ने उस सुंदरी के साथ गन्धर्व विवाह कर लिया। विवाह के चार दिन बाद ही राजकुमार की मृत्यु हो गई।

जब राजकुमार की मृत्यु पर उनकी पत्नी विलाप कर रही थी उसी समय यमदूत आये और पत्नी की विलाप को देखकर यमदूत का दिल पसीज गया था। जिसके बाद उन्‍होंने यमराज से इस बारे में बताया तभी यमराज ने कहा कि जो व्यक्ति कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी के दिन मेरे नाम का दीपक सच्चे मन से जलायेगा, उसके परिवार में कभी अकाल और जवान मृत्यु नहीं होंगी। इसी कारण धनतेरस की रात को यम दीपक जलाया जाता है। साथ ही ये भी कहा जाता है कि उस दिए में अगर एक लौंग डाल दिया जाए तो इतना पैसा आता है कि सात पीढ़ी तक राज करता है।

 

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