कुछ के रिश्ते होंगे दागदार, कुछ को मिलेगा माल,जानिए शुक्र के धनु में गोचर का प्रभाव
मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी यानी कल दिन में बारह बजकर तेईस मिनट के बाद शुक्र वृश्चिक राशि से निकल कर धनु राशि और मूल नक्षत्र में प्रस्थान करेगा | जो भ्रमण करते हुए 2 दिसम्बर को पूर्वाषाढ़ और 13 दिसम्बर को उत्तराषाढ़ नक्षत्रों पर विचरण करते हुए अन्त में 15 दिसम्बर को सायंकाल 5:59 के लगभग अपने मित्र ग्रह शनि की मकर राशि में प्रस्थान कर जाएगा। शुक्र के धनु राशि में गोचर का राशियों पर कुछ सकारात्मक व कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
जयपुर: मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी यानी कल दिन में बारह बजकर तेईस मिनट के बाद शुक्र वृश्चिक राशि से निकल कर धनु राशि और मूल नक्षत्र में प्रस्थान करेगा | जो भ्रमण करते हुए 2 दिसम्बर को पूर्वाषाढ़ और 13 दिसम्बर को उत्तराषाढ़ नक्षत्रों पर विचरण करते हुए अन्त में 15 दिसम्बर को सायंकाल 5:59 के लगभग अपने मित्र ग्रह शनि की मकर राशि में प्रस्थान कर जाएगा। शुक्र के धनु राशि में गोचर का राशियों पर कुछ सकारात्मक व कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
मेष जातक का द्वितीयेश और सप्तमेश होकर शुक्र का गोचर आनवम भाव में हो रहा है। आपके लिए यह गोचर अत्यन्त भाग्यवर्धक है। परिवार से प्रेम के साथ धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में भी रूचि बढ़ेगी।|
वृषभ जातक का षष्ठेश होकर शुक्र का गोचर अष्टम भाव में हो रहा है। इस अवधि में विरोधियों की ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है। साथ ही विशेष रूप से स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहे।
मिथुन जातक का पंचमेश और द्वादश होकर शुक्र का गोचर राशि से सप्तम भाव में हो रहा है जो निर्णायक क्षमता, उत्साह और मनोबल में वृद्धि के साथ ही व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाएगा।
कर्क जातक का चतुर्थ और एकादश होकर शुक्र का गोचर राशि से छठे भाव में हो रहा है जो उत्साह में वृद्धि के योग दे रहा हैं तो वहीं दूसरी ओर यह गोचर चुनौतियों से भरा भी होगा।
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सिंह जातक का तृतीय-दशम होकर शुक्र गोचर राशि से पंचम भाव में है। सन्तान के साथ यदि कुछ समय से किसी प्रकार की अनबन चल रही है तो उसके दूर होने की सम्भावना है। इस दौरान मान सम्मान में वृद्धि होगी।
कन्या जातक का द्वीतया और भाग्येश होकर शुक्र राशि से चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा है। यह गोचर अत्यन्त भाग्यवर्द्धक है। धन वृद्धि का समय है। सुख सुविधाओं के साधनों में वृद्धि के संकेत हैं। राजनीति से जातक का सम्बन्ध है तो यह गोचर अत्यन्त भाग्यवर्द्धक है
तुला लग्नेश और अष्टम होकर शुक्र जातक की राशि से तीसरे भाव में है। यह गोचर कुछ अधिक अनुकूल नहीं है, भाई बहनों के साथ किसी कारण से तनाव होगा, वहीं पति-पतिनी में भी अलगाव की स्थिति होगी।
वृश्चिक जातक के लिए सप्तम और द्वादश होकर शुक्र दूसरे भाव में गोचर कर रहा है। आर्थिक रूप से स्थिति में दृढ़ता आने के साथ ही आपके लिए कार्य से सम्बन्धित लम्बी विदेश यात्राओं के योग भी प्रतीत होते हैं।सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ ही मान सम्मान में वृद्धि के भी संकेत हैं ।
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धनु जातक का षष्ठम-एकादश होकर शुक्र आपकी लग्न में ही गोचर कर रहा है। इस अवधि में अपने शारीरिक सौन्दर्य को निखारने में अधिक व्यस्त रहेंगे। राजनीति से यदि सम्बद्ध हैं तो जातक के लिए भी यह गोचर अनुकूल है ।
मकर जातक की राशि से बारहवें भाव में गोचर कर रहा है । जो उच्च शिक्षा, कला के प्रदर्शन अथवा अन्य किसी कार्य के निमित्त विदेश यात्राओं में वृद्धि के संकेत दो रहा है। इन यात्राओं से कार्य व मान सम्मान में प्रगति व आर्थिक स्थिति में दृढ़ता आने की सम्भावना है।
कुम्भ जातक का शुक्र आपकी राशि से लाभ स्थान में गोचर कर रहा है। उत्साह तथा कार्य में वृद्धि के साथ ही धनलाभ के भी संकेत हैं यदि आपका कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसके अनुकूल दिशा में प्रगति की सम्भावना है। साथ ही मान सम्मान में भी वृद्धि की सम्भावना है ।
मीन जातक तृतीय और अष्टम होकर शुक्र का गोचर दशम भाव में हो रहा है यह गोचर जातक के लिए अधिक अनुकूल नहीं है। स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है।