Falgun Amavasya Achuk Upay: फाल्गुन अमावस्या के दिन करें ये उपाय, मिलेगी शनि की साढ़ेसाती या कालसर्प दोष से मुक्ति

Falgun Amavasya Achuk Upay:फाल्गुन अमावस्या पर दो शुभ योग बन रहे है। इन दो योगों में किया गया काम शुभ और दोगुना फल देता है। अगर जीवन में को परेशानी हो , पैसे की कमी , या संतान सुख ना मिले तो फाल्गुन अमावस्या के दिन कुछ खास ज्योतिषीय उपाय करने से सुख समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।

Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update:2022-03-02 14:11 IST

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Falgun Amavasya Achuk Upay:

फाल्गुन अमावस्या पर करें अचूक उपाय:  हिंदू पंचांग के अनुसार साल में 12 अमावस्या होती है। हर अमावस्या का अपना महत्व है और फाल्गुन मास की अमावस्या को समृदिध का प्रतीक मानते हैं। फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह स्नान-दान का अपना महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या (Falgun Amavasya)  कहा जाता है। फाल्गुन अमावस्या पर गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है।

फाल्गुन अमावस्या पर दो शुभ योग शिव और सिद्धि बन रहे है। इन दो योगों में किया गया काम शुभ और दोगुना फल देता है। अगर जीवन में को परेशानी हो , पैसे की कमी , या संतान सुख ना मिले तो फाल्गुन अमावस्या के दिन कुछ खास ज्योतिषीय उपाय ( Astrology Tips) करने से सुख समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।

फाल्गुन अमावस्या के दिन करें ये काम 

  • फाल्गुन अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि से निवृत हो जाएं और सूर्यदेव को जल से अर्घ्य दें। इससे दरिद्रता दूर होती है और धन बढ़ता है।
  • जिन लोगों की जन्मकुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है। वे फाल्गुन अमावस्या के दिन गाय को दही और चावल खिलाएं। इससे मानसिक शांति प्राप्त होने के साथ चंद्र से जुड़े दोष समाप्त होते हैं।
  • फाल्गुन अमावस्या के दिन चांदी के नाग-नागिन की पूजा करें और सफेद पुष्पों के साथ इसे बहते जल में प्रवाहित करने से कालसर्प दोष, सर्प दोष आदि से मुक्ति मिलती है।
  • फाल्गुन अमावस्या के दिन थोड़े से चावल को केसर से रंगकर दिव्य या दक्षिण मुखी शंख में डालें। घी का दीपक जलाकर कमलगट्टे की माला से महालक्ष्मी के मंत्र ॐ श्रीं का 11 माला जाप करें। मान्यता है कि महालक्ष्मी के इस जाप से धन के भंडार भर जाते हैं।
  • फाल्गुन अमावस्या के दिन महामृत्युंजय मंत्र 1008 बार जाप करते हुए भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें। इससे आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलेगी।
  • यदि आपकी जन्मकुंडली में कालसर्प दोष बना हुआ है या पितृ दोष है तो फाल्गुन अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी के किनारे पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान करें। ऐसा करने से दोष शांत होंगे।
  • फाल्गुन अमावस्या के दिन अपनी शरीर की लंबाई जितनी मौली ले लें। इसके बाद उस धागे में एक आम का पत्ता लपेट लें। हाथ में इस पत्ते को लेकर जो भी मनोकामना हो ध्यान कर बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दें।
  • यदि आप शनि की साढ़ेसाती हैं तो फाल्गुन अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने के बाद सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद पेड़ के तने को हाथ से छूकर उसे प्रणाम करते हुए इसकी सात बार परिक्रमा भी अवश्य करें। ऐसा लगातार करने से साढ़ेसाती से संबंधित जीवन की हर तरह की परेशानी खत्म करता है।
  • यदि आपकी समस्या व्यवसाय से जुड़ी हुई है तो फाल्गुन अमावस्या के दिन बगैर नमक का भोजन ग्रहण करें। ऐसा करने से आपकी जॉब संबंधी समस्या समाप्त हो सकती है।
  • फाल्गुन अमावस्या पर किन्नरों को मिठाइयां और पैसे देकर बदले में किन्नर से एक रूपये का सिक्का मांग कर अपनी तिजोरी में रख लें, गरीबी दूर करने के लिए यह उपाय बड़ा ही कारगर माना जाता है।
  • फाल्गुन अमावस्या के दिन हो सके तो सफेद रंग की वस्तुओं का दान करें। बरगद के पत्ते पर हल्दी से स्वास्तिक बनाकर तिजोरी में रखें इससे तिजोरी में धन बढ़ता जाएगा।
  • फाल्गुन अमावस्या पर एक बिना कटा या फटा पीपल का पत्ता तोड़कर घर में ले आएं और इस पत्ते पर 'ओम महालक्ष्म्यै नमः' लिखकर पूजा स्थल पर रख दें। फिर पूजन से पहले लौंग और इलायची का मिश्रण बना लें। फिर इसको सभी देवी-देवताओं को तिलक लगाएं। इस प्रयोग से आपको लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।


    फाल्गुन अमावस्या के दिन ना करें ये काम 

  • अमावस्या के दिन सिर नहीं धोना चाहिए साथ ही अमावस्या के दिन किसी दूसरे का अन्न खाने से पुण्यह्रास होता है। अमावस्या को किसी के घर भोजन न करें। अमावस्या को सदाचरण और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। अमावस्या पर क्रोध, हिंसा, अनैतिक कार्य, मांस-मदिरा का सेवन एवं स्त्री से शारीरिक संबंध निषेध है।

    फाल्गुन अमावस्या कब है

    हिंदू धर्म में फाल्गुन मास का अपना महत्व है। यह हिंदू पंचांग का आखिरी माह होता है। इस माह में किए गए धार्मिक कर्मों से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। वैसे तो इस माह की सारी तिथि खास होती है। महाशिवरात्रि,एकादशी, प्रदोष, अमावस्या और पूर्णिमा का अपना महत्व है। खासकर कृष्ण पक्ष की अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या कहते हैं। इस दिन पितरों का श्राद्ध दान तर्पण करने से सुख समृद्धि के साथ वंशवृद्धि होती है।
  • कहा जाता है कि अमावस्या तिथि सुख, संपत्ति और सौभाग्य लेकर आती है। इस उपवास व्रत आदि कृत्य करने से जीवन में सुख और शांति आती है।

    फाल्गुन अमावस्या मुहूर्त और शुभ योग

    इस बार अमावस्या की तिथि इस तरह है।

    अमावस्या आरम्भ- मंगलवार को देर रात 1 मार्च 2022 को 01:03 से

    अमावस्या समाप्त- 2 मार्च 2022 को 23:07 तक है।

    फाल्गुन अमावस्या तिथि प्रारंभ 1 मार्च दिन मंगलवार को देर रात 01:00 बजे से होगी और 2 मार्च को रात 11:04 बजे तक रहेगी। दो शुभ योग, शिव और सिद्ध भी इस दिन बन रहे हैं। इस दिन शिव योग 08:21 बजे सुबह तक रहेगा, उसके बाद सिद्ध योग 3 मार्च को सुबह 05:43 बजे तक रहेगा। ऐसी मान्यता है कि इन शुभ योग में किया गया प्रत्येक कार्य सफल होता है

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