Gaja Keshari Yoga in Astrology : गुरु का गोचर देगा इन लोगों को अप्रत्याशित लाभ, जानिए कब बनता है गजकेसरी योग

Gaja Keshari Yoga in Astrology : गुरु सुख-समृद्धि का योग बनाता है। इसका गोचर अप्रेल में मेष राशि में होने वाला है। तब कई लोगों के जीवन में गजकेसरी योग का लाभ मिलने वाला है। जानते हैं गुरू कब गजकेसरी योग बनाते हैं और किन लोगो को इसका लाभ मिलेगा।

Update:2023-03-20 21:04 IST
सांकेतिक तस्वीर,सौ. से सोशल मीडिया

Gaja Keshari Yoga in Astrology :

नए साल 2023 में कई ग्रहों ने अपनी स्थिति में परिवर्तन किया है। जिन ग्रहों का राशि परिवर्तन हुआ है। उनमें शनि, राहु-केतु और गुरु बृहस्पति प्रमुख हैं। गुरु को सुख, वैभव, धन, वैवाहिक जीवन, संतान और विवाह के लिए शुभ मानते हैं। ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह उच्च राशि में होते हैं उन्हें सदैव खुशियां मिलती है। इन दिनों गुरु बृहस्पति मीन राशि में विराजमान है।

अब गुरु 22 अप्रैल 2023 को 06.12 मिनट पर मीन से मेष राशि में प्रवेश करेंगे। मेष में पहले से ही राहु विद्यमान है। बृहस्पति जैसे ही राशि चक्र की पहली राशि मेष में प्रवेश करेंगे, उससे गजलक्ष्मी योग का निर्माण होगा। इस योग के प्रभाव से जातकों के जीवन में सुख-शांति और धन-दौलत की वृद्धि होती है। नए साल 2023 के मध्य में एक बार फिर गुरु बृहस्पति राशि परिवर्तन करेंगे।

2023 में गुरु का गोचर कब है ?

22 अप्रैल 2023, शनिवार को गुरु शाम को 6.12 मिनट में मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं। बृहस्पति आपकी राशि के प्रथम भाव में जब गोचर करेगा तो आप करियर में नई ऊंचाइयां हासिल करने में सफल होंगे। नौकरीपेशा हैं तो मान सम्मान और वेतन में वृद्धि होगी और व्यापारी हैं तो मुनाफा बढ़ जाएगा। पारिवारिक जीवन की बात करें तो दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा और संतान पक्ष की ओर से शुभ समाचार मिलेगा। लंबे समय से अटके कार्य पूर्ण होंगे।

गजकेसरी योग कब बनता है

कुंडली में कई तरह के योग बनते हैं, जिसमें से कुछ जातक को शुभ प्रभाव प्रदान करते हैं और कुछ अशुभ प्रभाव देते हैं। कुंडली में शुभ योगों में से गजकेसरी योग को भी शुभ माना जाता है। इस योग के निर्माण से जातक को प्रबल धन लाभ के योग बनते हैं और वित्तीय स्थिति मजबूत हो जाती है। उसको जीवन में पदोन्नति प्राप्त होती है और वह मजबूती, फुरती और कुशल वक्ता के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त करता है।

गजकेसरी योग का निर्माण तब होता है, जब कुंडली में बृहस्पति चंद्रमा से केंद्र भाव से (पहले, चौथे, सातवें और दशवें भाव) में स्थित होते हैं। तब एक फलदायी गजकेसरी योग बनता है लेकिन इस योग के निर्माण में भाव, राशि, नक्षत्र और बृहस्पति की स्थिति का अत्यंत महत्व होता है। बृहस्पति को संतान, धार्मिक कार्य, धन, दान और पुण्य का कारक माना जाता है और चंद्रमा को मन, माता, मानसिक स्थिति, मनोबल, द्रव्य वस्तुओं, सुख-शांति, धन-संपत्ति आदि का कारक माना जाता है।

गजकेसरी योग का प्रभाव

इस योग के लोग कुशल वक्ता, राजसी सुख भोगने वाला और उच्च पद पर आसीन होता है। इनपर भगवान गणपति की कृपा सदैव बनी रहती है। इसकी वजह से जातक बुद्धिमान होता है और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। गजकेसरी योग में पैदा हुए जातक चुस्तदुरुस्त, फुर्तीले और साहसी होते हैं। उनके अंदर हर कार्य को करने की क्षमता होती है और उसमें सफलता भी पाते हैं।

20 से 33 प्रतिशत लोगों को कुंडली में गजकेसरी योग बनता है। लेकिन इस योग का शुभ फल तभी मिलता है जब कुंडली में वक्री या नीच गृह की दृष्टि ना हो। गजकेसरी योग का निर्माण बृहस्पति और चंद्रमा की युति से होता है या फिर केंद्र में गुरु और चंद्रमा एक दूसरे को देख रहे हों तो भी गजकेसरी योग का निर्माण होता है।

कुंडली में शुक्र चंद्रमा से केंद्र (पहले, पांचवें, सातवें और दशवें) भाव में हो तो तब भी गजकेसरी योग बनता है। वहीं अगर बुध और बृहस्पति पर चंद्रमा की दृष्टि हो और चंद्रमा दोनों ग्रहों से सातवें भाव में हो तो बुध से भी गजकेसरी योग का निर्माण होता है।

जब कुंडली के पहले घर में इस लाभकारी और शक्तिशाली योग का निर्माण होता है, तब ये व्यक्ति को स्वस्थ, प्रतिष्ठित और प्रभावशाली बनाते हैं।

7वें आव में चंद्रमा और बृहस्पति की युति जातक को कुशल, व्यापारी, धनवान बनाती है। इस घर में गजकेसरी योग बनने से साझेदारी के माध्यम से जातक को धन लाभ होता है।

चौथे भाव में गजकेसरी योग जातक को राजा, मंत्री और विद्वान व्यक्ति के समतुल्य बनाता है। साथ ही घरेलू सुख-सुविधा का भोग भी प्रदान करता है।

9वें घर में चंद्रमा और गुरु की युति जातक को धार्मिक कार्यों से जोड़ती है और जातक को भाग्य का भरपूर साथ मिलता है।

10वें भाव में गजकेसरी योग का निर्माण जातक को विद्वान, धनी, सम्मानित बनाता है। इस घर में चंद्रमा-बृहस्पति की उपस्थिति करियर की संभावनाओं, उच्च स्थिति और वित्तीय समृद्धि के लिए बहुत अनुकूल और लाभदायक है।

11वें भाव में गजकेसरी योग धन, प्रसिद्धि, राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों के साथ अच्छे संबंध बनाता है। साथ ही व्यापार में आपको धन लाभ भी प्रदान करता है।

12वें भाव में गुरु और चंद्रमा की युति से मोक्ष की प्राप्ति होती है और ऐसे लोग कम उम्र में ही तपस्वी जीवन जीने लगते है। उनका व्यवहार पवित्र और बुद्धिमान संन्यासी या योगी जैसा होता है।

गजकेसरी योग इन लोगों को फायदा

मेष राशि- साल 2023 में गुरु के गोचर से गजलक्ष्मी राजयोग का शुभ असर मेष राशि के जातकों पर होगा। इन पर आर्थिक रूप से बहुत ही ज्यादा लाभ होगा। इन्हें करियर में सफलता के नए आयाम देखने को मिलेंगे। नौकरी में पदोन्नति हो सकती है। कारोबारियों को इस योग से आर्थिक लाभ होंगे। बिजनेस में तरक्की मिलेगी।

गजकेसरी योग मिथुन राशि

इस योग से मिथुन राशि के जातकों को भी बंपर लाभ मिलेगा। इन लोगों को भाग्य का पूरा साथ होगा। कहीं निवेश करना चाहते है, तो यह अच्छा समय साबित हो सकता है। वहीं पहले किए गए निवेश से अब मुनाफा कमा सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों की पदोन्नति हो सकती है।अविवाहित लोगों को शादी का प्रस्ताव मिल सकता है।

गजकेसरी योग धनु राशि

धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से छुटकारा मिलेगा। गजलक्ष्मी राजयोग से धनु राशि वालों को अचानक धन मिलेगा। आर्थिक लाभ से भरा ये साल आपके लिए सुखदायक रहेगा। कोई नया बिजनेस भी आप कर सकते हैं। नौकरी कर रहे लोगों को कार्य के आधार पर सफलता हासिल हो सकती है। बिजनेस करने वालों को भी मुनाफा मिलेगा लंबे समय से रुका हुआ काम पूरा होगा। वैवाहिक जीवन में खुशियां ही खुशियां आएगी।

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