Guruvar Ke Upay गुरुवार के उपाय : होगी शुभ फलों की बढ़ोतरी, दूर होगा हर दोष, गुरुवार के दिन करें ये सारे काम

Update:2023-03-15 15:25 IST

गुरुवार के उपाय

Guruvar Ke Upay:

गुरु को कुंडली में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। अगर किसी की जन्मपत्री में बृहस्पति खराब है तो उसे अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गुरु को मान -सम्मान और धन , का कारक माना जाता है। अगर आपकी भी जन्मपत्री में गुरु खराब है तो गुरुवार के दिन करें कुछ उपाय। जिनको करने से भी गुरु के अच्छे फल मिल सकेंगे। इसलिए कुछ ऐसे ही उपायों के बारे में बता रहे हैं जिनको करने से गुरु के अच्छे परिणाम मिलेंगे।

गुरु और भगवान विष्णु गुरुवार का दिन समर्पित है। यह दिन कई प्रकार से व्यक्ति के जीवन की परेशानियां दूर करने में मददगार है। यह दिन लक्ष्मी प्राप्ति के लिए भी मददगार है। जो लोग इस दिन का व्रत करते हैं। उनके सभी कार्य भगवान बृहस्पति की कृपा से पूर्ण होते हैं।

गुरुवार के उपाय

गुरुवार के दिन किसी मंदिर में जाकर केले के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं। किसी मंदिर या धार्मिक स्थल पर जाकर सेवा करने से गुरु के शुभ फलों में बढ़ोतरी होती है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा और व्रत करना चाहिए।

गुरुवार के दिन ‘ॐ बृं बृहस्पतये नमः!मंत्र का जाप करने से लाभ मिलता है।गुरुवार के दिन अक्षत, पीले फूल, पीले पकवान और पीले वस्त्र का दान करना चाहिए।

गुरुवार के दिन धार्मिक पुस्तकों को लोगों को बीच में बांटे।गुरुवार के दिन आटे की लोई में चने की दाल, गुड़ और हल्दी डालकर गाय को खिलानी चाहिए। गाय को हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है।

गुरुवार के दिन किसी ब्राह्मण को स्वर्ण दान करने से भी गुरु के शुभफल मिलते हैं।बुजुर्गों और ब्राह्मणों की सेवा करने से भी गुरु के अच्छे फल मिलते हैं। नियमित रूप से मंदिर जांए और वहां जाकर निस्वार्थ सेवा करें।

यदि गुरुवार का व्रत हर कोई कर सकता है यदि वह सच्चे मन से करना चाहे तो इस व्रत में किसी भी प्रकार का खर्च नहीं होता। यहां तक की इस व्रत में यदि आप भगवान विष्णु को भोग लगाने के लिए लड्डू भी लाने में सक्षम नहीं हैं तो उन्हें श्रद्धा से चने की दाल और चीनी या मिश्री का भोग लगा दें।

केले के पेड़ में प्रत्येक गुरुवार जल दें व उसकी पूजा करें। गुरुवार के दिन सुबह-सवेरे जल्दी उठें। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद स्नानादि से निवृत्त होकर पीले रंग के वस्त्र धारण करें।

घर के मंदिर अथवा बाहर किसी मंदिर में बृहस्पति देव की प्रतिमा या तस्वीर को स्वच्छ कपड़ें से साफ करें। उसके बाद उनके माथे पर हल्दी का तिलक लगाएं और भोग स्वरूप चने की दाल व मिश्री अर्पित करें।

यदि आप भगवान बृहस्पति को अत्याधिक प्रसन्न करना चाहते हैं तो उन्हें एक तुलसी का पत्ता भएंट स्वरूप चढ़ाएं।

घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। कलह-कलेश दूर रहता है।धन व अन्न की कभी कमी नहीं रहती। नौकरी हो या प्रमोशन कोई भी कार्य नहीं रुकता, तरक्की ही तरक्की मिलती।कुंडली में गुरू मजबूत होता है जिससे की व्यक्ति के सभी कार्य पूरे होते चले जाते हैं।

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