Hartalika Teej 2022: इस साल हरतालिका तीज पर शुभ संयोग, महिलाएं इस मुहुर्त पर ऐसे करें पूजा, मिलेगा मनवांछित फल

Hartalika Teej 2022: हरतालिका तीज व्रत में महिलाएं भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। साथ ही स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं।

Report :  Vidushi Mishra
Update: 2022-08-21 12:42 GMT

हरतालिका तीज (फोटो- सोशल मीडिया)

Hartalika Teej 2022: हिंदू धर्म में हरतालिका तीज व्रत का बहुत महत्व है। भगवान शंकर और माता पार्वती जैसा वैवाहिक जीवन व्यतीत करने के लिए स्त्रियां ये व्रत करती हैं। ये हरतालिका तीज(hartalika teej) भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है। इस साल 2022 में हरतालिका तीज का व्रत 30 अगस्त दिन मंगलवार को पड़ रहा है। इस दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजन का विशेष महत्व बताया जाता है। हरतालिका तीज व्रत को कुंवारी कन्याएं और विधवाएं भी कर सकती है। इस व्रत को निर्जला रखा जाता है। जीं हां स्त्रियां को इस व्रत(hartalika teej vrat) के दौरान जल नहीं पीना होता है। इस व्रत को करने से स्त्रियों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। 

हरतालिका तीज व्रत (hartalika teej) में महिलाएं भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। साथ ही स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं। 

ज्योतिषों का कहना है कि इस बार यानी 2022 को हरतालिका तीज पर बहुत शुभ संयोग बन रहा है। हरतालिका तीज पर्व सुबह से ही शुभ योग में बन रहा है। जोकि रात को 12.04 बजे तक बना रहेगा। इस तरह से पूरा दिन व्रत के दौरान शुभ योग मिल रहा है। इसके अलावा कई और ऐसे शुभ संयोग बन रहे हैं जोकि व्रत(hartalika teej vrat) रखने वालों के लिए और पूजा अर्चना करने वालों के लिए फलदायी है।

हरतालिका तीज व्रत की पूजा विधि
Hartalika Teej 2022 Puja Vidhi

ज्योतिषों के मुताबिक, स्त्रियों को कन्याओं को हरतालिका तीज (hartalika teej) वाली सुबह सबसे पहले स्नान करना चाहिए। इसके बाद शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

इस व्रत में तीन प्रहर की पूजा की जाती है। इसलिए सुबह पूजा करने के बाद शाम की पूजा के लिए स्त्रियों को केले का एक मंडप तैयार करना चाहिए। इस मंडप को बहुत अच्छे से सजाना चाहिए। फिर बालू से भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति को बनाना चाहिए। मंडप में मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए। इसके बाद शाम के समय भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। माता को सुहाना का सामना अर्पित करना चाहिए। कथा पढ़नी या सुननी चाहिए। 

हर व्रत के दौरान महिलाओं को पूरी रात जागरण करना चाहिए। 

जो भी स्त्रियां इस व्रत (hartalika teej vrat) को करती हैं उन्हें निर्जला व्रत करना चाहिए। यानी न तो जल ग्रहण करना चाहिए न ही फूल या किसी प्रकार का कोई भोजन ग्रहण करना चाहिए। दूसरे दिन सुबह व्रत पूर्ण होने पर भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा अर्चना करनी चाहिए। व्रत खोलने से पहले सुहाग की साम्रगी किसी सुहागन स्त्री को दान देना चाहिए। इसके बाद व्रत(hartalika teej vrat) को खोलना चाहिए।

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