Jyeshtha Purnima 2022: आज ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि में इन उपायों को करने से मिलेंगे विशेष लाभ

Jyeshtha Purnima 2022: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का अत्यधिक विशेष महत्व बताया गया है। लोग इस दिन सुख -समृद्धि के उद्देश्य से व्रत और पूजा अर्चना करते हैं।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2022-06-14 14:06 IST

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2022

Jyeshtha Purnima 2022: आज 14 जून 2022, दिन मंगलवार को ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि है। बता दें कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को भक्त ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रखते है। इसी तिथि को जेठ पूर्णिमा या जेठ पूर्णमासी के भी नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का अत्यधिक विशेष महत्व बताया गया है। लोग इस दिन जीवन में सुख -समृद्धि और खुशहाली लाने के उद्देश्य से ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत और पूजा अर्चना करते हैं। 

उल्लेखनीय है कि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। भक्त इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद व्रत एवं दान-पुण्य करके शुभ फलों की प्राप्ति हेतु आराधना करते है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति की मनोकामनाएँ पूर्ण होने के साथ व्यक्ति के सभी पापों का नाश भी हो जाता है। 

इतना ही नहीं इस दिन दान करने से पितरों को भी मुक्ति की प्राप्ति हो जाती है। इसीलिए इस दिन विशेष तौर पर महिलाएं व्रत रखती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शंकर और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है ।आज का दिन बड़ा ही शुभ है। आज ज्येष्ठ पूर्णिमा के साथ साल का आखिरी बड़ा मंगल और वट पूर्णिमा व्रत भी है। ऐसे में इस दिन पूजा -अर्चना के साथ कुछ उपाय करने से भक्तों को विशेष लाभ की प्राप्ति होगी । 

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 2022 मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 13 जून, सोमवार, रात 09 बजकर 02 मिनट से

पूर्णिमा तिथि समापन: 14 जून, मंगलवार, शाम 05 बजकर 21 मिनट पर

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का महत्व और पूजा विधि तथा उपाय 

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान, ध्यान और पुण्य कर्म करने का विशेष महत्व माना जाता है। गौरतलब है कि जिन युवक और युवतियों का विवाह होते होते रुक जाता है या फिर उसमें किसी प्रकार की कोई बाधा आ रही होती है ऐसे लोगों के लिए आज का शुभ दिन विशेष फलदायक माना जाता है। कहा जाता है कि यदि ऐसे लोग आज के दिन श्वेत वस्त्र धारण करके शिवाभिषेक के साथ भगवान शिव की पूजा करें तो उनके विवाह में आने वाली हर समस्या दूर हो जाती है। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कोई भी व्यक्ति कुछ खास उपाय करके इस शुभ तिथि से शुभ लाभ उठा सकता है। 

तो आइये जानते है ज्येष्ठ पूर्णिमा के विशेष उपाय:-

  • मान्यताओं के अनुसार पीपल के पेड़ पर इस विशेष दिन भगवान विष्णु संग माँ लक्ष्मी वास करते हैं। इसलिए अगर कोई व्यक्ति एक लोटे में पानी भर कर उसमें कच्चा दूध और बताशा डालकर पीपल के पेड़ को अर्पित करता है तो इससे उस व्यक्ति को रुका हुआ धन प्राप्‍त होने के साथ उसके बिज़नेस में भी बड़ा लाभ मिलता है। 
  • इस दिन पति संग पत्नी को चंद्र देव को दूध से अर्ध्य देने से उनके जीवन में आ रही हर छोटी-बड़ी सभी समस्याये दूर हो जाती है। गौरतलब है कि यह काम पति या पत्‍नी दोनों में से कोई अकेला भी कर सकता है। 
  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज की रात अगर कोई किसी कुएं में एक चम्‍मच से दूध डालता है तो उसका भाग्‍य चमक उठने के साथ यदि उसे से किसी भी जरूरी कार्य में कोई बाधा आ रही होती है तो वो भी तत्काल दूर हो जाती है।
  • आज के दिन जिन जातकों की जन्म कुंडली में कोई ग्रह दोष हो तो उसे भी दूर करने के विशेष उपाय किये जाते हैं। इसके लिए पीपल और नीम की त्रिवेणी के नीचे विष्णु सहस्त्रनाम या शिवाष्टक का पाठ करना बेहतरीन उपाए होता है। 
  • आज के शुभ दिन माँ लक्ष्‍मी की तस्वीर पर 11 कौड़ियां चढ़ा कर उस पर हल्‍दी से तिलक लगाने से हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है। लेकिन ध्यान रखे अगली सुबह इन्‍हें किसी लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रख देने से आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत बनती है। 

ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व

हिन्दू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। आमतौर पर इस दिन से श्रद्धालु गंगा जल लेकर अमरनाथ यात्रा के लिये निकलते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह हिन्दू वर्ष का तीसरा महीना होता है। इस समय में धरती पर प्रचंड गर्मी रहती है और कई नदी व तालाब सूख जाते हैं या उनका जल स्तर कम हो जाता है। इसलिए इस महीने में जल का महत्व अन्य महीनों की तुलना में बढ़ जाता है। ज्येष्ठ माह में आने वाले कुछ पर्व जैसे- गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी के माध्यम से हमें ऋषि-मुनियों ने संदेश दिया है कि जल के महत्व को पहचानें और इसका सदुपयोग करें।

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर इन चीजों के दान का है विशेष महत्त्व :

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान के बाद चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का दान करने का विशेष महत्त्व बताया गया है। बता दें कि इस दिन किसी ब्राह्मण को सफेद वस्त्र, शक्कर, चावल, दही, चांदी, सफेद फूल, मोती आदि का दान करने से आपके चंद्रमा की स्थिति मजबूत बनने के साथ आपके जीवन में सुख -समृद्धि और खुशहाली आती है।

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