30 नवंबर को चंद्रग्रहण: जानिए ग्रहण से जुड़ी बातें, यहां मिलेगी सारी जानकारी

चंद्रगहण तीन तरह के होते है। पूर्ण, आशिंक और पेनुब्रल। पूर्ण चंद्रग्रहण के समय पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के ठीक बीच में आ जाती है। इससे सूर्य की रोशनी को चंद्रमा पर जाने से रोकती है। आंशिक चंद्रग्रहण में पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच पूरी तरह से नहीं आ पाती है। इस वजह से पृथ्वी पूरी तरह से चंद्रमा को ढक नहीं पाती है

Update: 2020-11-29 13:06 GMT
30 नवंबर को चंद्रग्रहण: जानिए ग्रहण से जुड़ी बातें, यहां मिलेगी सारी जानकारी

लखनऊ: 30 नवंबर को इस साल का अंतिम चंद्रगहण लगेगा। ज्योतिष शास्त्र अनुसार चंद्रग्रहण बहुत अधिक प्रभावपूर्ण माना जाता है। 30 नवंबर को परम पावन कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को लगने वाला है यह चंद्रगहण। यह चंद्रग्रहण उपछाया ग्रहण होगा। उपछाया होने के कारण यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, क्योंकि 82 फीसदी हिस्से पर पृथ्वी की छाया सूर्य की रोशनी रोकेगी, इस वजह उपच्छाया ग्रहण होगा। इस चंद्रग्रहण को अन्य कई देशों में ऑनलाइन देख सकेंगे।

इस समय भारत में लगेगा चंद्रग्रहण

यह चंद्रग्रहण इस साल का चौथा चंद्रग्रहण और आखिरी चंद्रग्रहण है। साल का पहला चंद्रग्रहण 10 जनवरी, दूसरा चंद्रग्रहण 5 जून, तीसरा चंद्रग्रहण 5 जुलाई और आखरी चंद्रग्रहण 30 नवंबर को देखा जायेगा। यह चंद्रग्रहण कुल 04 घंटे 18 मिनट 11 सेकंड तक रहेगा 1.04 बजे से शुरू होकर शाम 5.22 बजे तक रहेगा। 3:13 मिनट पर यह अपने चरम पर होगा। इस चंद्र ग्रहण को भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और एशिया में देखा जा सकता है। कई देशो में इस चंद्रग्रहण बीवर चंद्रग्रहण भी कहा जाता है। तो वही कुछ देशों में इसे 'फ्रोस्टी मून' और 'ओक मून' कहा जाता है।

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इसलिए खास है ये चंद्रगहण

लीमा में इस चंद्रगहण देखने वाला पहला देश होगा। जो वहां सुबह 2.30 बजे से लगना शुरू होगा। इस साल लगे सभी चंद्रग्रहण पेनुब्रल चंद्रग्रहण होंगे। 26 मई 2021 ने अगला चंद्रगहण लगेगा। यह सम्पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। चंद्रगहण तीन तरह के होते है। पूर्ण, आशिंक और पेनुब्रल। पूर्ण चंद्रग्रहण के समय पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के ठीक बीच में आ जाती है। इससे सूर्य की रोशनी को चंद्रमा पर जाने से रोकती है। आंशिक चंद्रग्रहण में पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच पूरी तरह से नहीं आ पाती है। इस वजह से पृथ्वी पूरी तरह से चंद्रमा को ढक नहीं पाती है। पेनुब्रल चंद्रग्रहण में हमेशा आंशिक चंद्रग्रहण से शुरू होता है। इसमें पृथ्वी की बाहरी छाया चंद्रमा पर पड़ने लगती है और देख नहीं सकते है। इस बार ये चंद्रग्रहण बहुत विशेष हैं। इसी दिन कार्तिक स्नान खत्म होगा।

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