2024 Maha Shivratri Kab Ayegi: 2024 में महाशिवरात्रि कब आएगी, जानिए निशितकाल समेत चार पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त कब है

Maha Shivratri 2024: फाल्गुन मास की शिवरात्रि तिथि को महाशिवरात्रि कहते हैं। इस दिन शिव की पूजा व्रत करने से उनकी कृपा बरसती है, जानते हैं महाशिवरात्रि कब है...

Update: 2023-12-16 04:19 GMT

2024 में महाशिवरात्रि कब आएगी Maha Shivratri 2024 Me Kab Hai
भगवान शिव की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। कहते हैं कि शिव की पूजा हर दिन खासकर सोमवार और हर माह की शिवरात्नि  करने से भगवान शिव  प्रसन्न होते हैं। हर माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली मासिक त्रयोदशी-चतुरर्दशी  तिथि भगवान शिव को प्रिय है इसे ही मासिक शिवरात्रि कहते है। साल में 12 मासिक शिव रात्रि पड़ती है। इसमें फाल्गुन मास की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते है। इसी दिन शिव और प्रकृति का मिलन हुआ था।

इसलिए इस तिथि को व्रत पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और आदिशक्ति का विवाह हुआ था। और भगवान शिव शिवरात्रि के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे।

इस दिन विधिवत आदिदेव महादेव की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है व कष्टों का निवारण होता है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि (Mahashivratri ) का व्रत करने से सुहाग सदा अटल रहता है तथा व्यक्ति काम, क्रोध व लोभ के बंधन से मुक्त होता है। इस साल 2024 में महाशिवरात्रि 8 मार्च को पड़ रहा है।

महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

फाल्गुन की महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 को मनाई जाएगी। 2024 में महाशिवरात्रि तिथि 08 मार्च को रात 9 . 57 मिनट पर प्रारंभ होगी और चतुर्दशी तिथि 9 मार्च को शाम 06 . 17 मिनट पर समाप्त होगी।

 2024 चतुर्दशी तिथि की शुरुआत: 8 मार्च 2024, रात्रि 9:57 बजे

 2024 चतुर्दशी तिथि समाप्ति: 9 मार्च 2024, शाम 6:17 बजे

महाशिवरात्रि 2024 की पूजा रात्रि के प्रथम प्रहर में: 8 मार्च 2024, शाम 6:25 से 9:28 बजे तक

महाशिवरात्रि 2024 की पूजा रात्रि के दूसरे प्रहर में: 8 मार्च 2024, रात्रि 9:28 से 9 मार्च 2024, रात्रि 12:31 बजे तक

महाशिवरात्रि 2024 की पूजा रात्रि के तीसरे प्रहर में: 9 मार्च 2024, रात्रि 12:31 से 3:34 बजे तक

महाशिवरात्रि 2024 की पूजा रात्रि के चौथे प्रहर में: 9 मार्च 2024, रात्रि 3:34 से 6:37 बजे तक3:33 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त - 12:18 PM – 01:03 PM

अमृत काल –12:02 PM – 01:27 PM

ब्रह्म मुहूर्त –- 05:25 AM – 06:13 AM

विजय मुहूर्त- 05:42 PM से 06:06 PM

गोधूलि बेला- 05:48 PM से 06:12 PM

निशिता काल-11:46 PM से 12:37 AM, 9 मार्च

महाशिवरात्रि के एक दिन पहले से नियमो का पालन होता है। इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए और व्रत का संकल्प लेकर सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव की पूजा और व्रत का संकल्प लें। भगवान शिव से अपने व्रत के लिए शक्ति की मांग करें। इस दिन 4 प्रहर में पूजा करने का महत्व है। शिव चालीसा, शिव मंत्र ॐ नमः शिवाय का जप करें। इसके अलावा शिवाष्टकम, रुद्राष्टकम आदि का भी पाठ कर सकतें हैं।

कहते है इस दिन भगवान शिव की पूजा बेलपत्र भांग धतूरा से करने के बाद ॐ नमः शिवाय का 108 बार जाप करने से हर इच्छा पूरी होती है। सुहाग अमर रहता है। मां पार्वती और भगवान शिव का सदैव आपके परिवार पर सानिध्य बना रहता है।

महाशिवरात्रि पूजा विधि

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है। यह दिन शिव और शक्ति के मिलन का संकेत होता है। रात्रि के चार प्रहरों में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। महाशिवरात्रि का यह महत्वपूर्ण त्योहार भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और शक्ति की पूजा करने से मनुष्य की सारी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं और सभी संकट दूर होते हैं।

फाल्गुन के महीने में पड़ने वाली महा शिवरात्रि को साल की सबसे बड़ी शिवरात्रि में से एक माना जाता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके जल से भरा कलश घर के पूजा स्थल पर स्थापित करें। इसके पश्चात भगवान शिव व माँ पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें। फिर अक्षत, रोली, मौली, चंदन, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि भगवान को अर्पित करें। पूजन करें और अंत में आरती करें।

इस दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था। इसलिए रात में शिव की बारात निकाली जाती है। रात्रि में पूजा के बाद फलाहार किया जाता है। अगले दिन सुबह जौ, तिल, खीर और बेलपत्र का हवन करके व्रत समाप्त किया जाता है।

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