Maha Shivratri 2024 Rules: महाशिवरात्रि के दिन इन नियमों का पालन करें,आपके लिए रहेगा सही

Maha Shivratri 2024 Rules: महाशिवरात्रि के नियमों को अच्छे से पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे हम इस पवित्र दिन के महत्व को समझ सकते हैं और इसके आध्यात्मिक फायदों को प्राप्त कर सकते हैं।

Update:2024-03-08 10:10 IST

Maha Shivratri 2024 Rules

Maha Shivratri 2024 Rulesसनातन धर्म के पवित्र त्योहारों में से एक महाशिवरात्रि बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यह त्योहार हर साल फाल्गुन मास में मनाया जाता है, जबकि इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है और उनके प्रति भक्ति एवं श्रद्धा व्यक्त की जाती है। महाशिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस अवसर पर शिव भक्तों द्वारा भगवान शिव के मंदिरों में भजन-कीर्तन किया जाता है और विभिन्न प्रकार की पूजा-अर्चना की जाती है।

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया था, जिसका महत्वपूर्ण स्थान है। इसे महाशिवरात्रि के रूप में मनाकर लोग भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद का अनुमोदन करते हैं।इस त्योहार के दिन ज्योतिष शास्त्र में कुछ नियम भी बताए गए हैं, जिनका पालन करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यह नियम और विधियाँ लोगों को धार्मिक और आध्यात्मिक भावना से जुड़ने में मदद करती हैं।

इस पवित्र त्योहार के माध्यम से लोग अपने आत्मा को शुद्धि देते हैं और भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त करते हैं। यह त्योहार ध्यान, ध्यान और अनुष्ठान का प्रतीक है, जो लोगों को आध्यात्मिक उत्थान में मदद करता है।

सनातन धर्म के पवित्र त्योहारों में से एक महाशिवरात्रि है। इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 को मनाई जाएगी। यह त्योहार हर साल फाल्गुन महीने में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है। वहीं, यह भी मान्यता ​​है कि इस दिन भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया था। इस दिन को लेकर ज्योतिष शास्त्र में कुछ नियम भी बताए गए हैं। अगर इनका पालन किया जाए, तो भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

महाशिवरात्रि पर करें ये कार्य

ब्रह्म मुहूर्त में उठें: इस पवित्र दिन में ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए, जो आध्यात्मिक ऊर्जा को ऊर्जावान करता है।

स्नान करें: सुबह नए साफ कपड़े पहनकर स्नान करें।

सफेद वस्त्र पहनें: महाशिवरात्रि के दिन सफेद वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है, जो पवित्रता का प्रतीक है।

मंत्र जाप: व्रत करने वाले लोगों को "ओम नमः शिवाय" का जाप करना चाहिए, जो भगवान शिव की प्रसन्नता में मददगार होता है।

संकल्प: उपवास शुरू करने से पहले व्रत का संकल्प लेना चाहिए, जिससे आदम्यता और समर्पण की भावना उत्पन्न हो।

सेवा: व्रत रखने वाले लोगों की मदद करें, जो उनके उपवास के दिनों में आसानी से किया जा सकता है।

पारण: व्रत का पारण सूर्योदय के बीच और चतुर्दशी तिथि समाप्त होने से पहले करें, जो पवित्रता का अधिकारी बनाता है।

बेलपत्र चढ़ाएं: भगवान शिव को बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं, जो उनकी पूजा में प्रसन्नता और आनंद का प्रतीक है।

पंचामृत अभिषेक: भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें, जो उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने में सहायक होता है।

इन कार्यों को महाशिवरात्रि पर अच्छे से पालन करके आप भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण को प्रकट कर सकते हैं।

महाशिवरात्रि पर न करें ये कार्य

तामसिक भोजन से दूर रहें: इस दिन प्याज, लहसुन, मांस, और शराब जैसे तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये आध्यात्मिक ऊर्जा को हानि पहुंचा सकते हैं।

अन्यान्य आहार का सेवन न करें: व्रत रखने वाले लोगों को इस दिन चावल, दाल, और गेहूं से बने खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये भगवान शिव की पूजा में उच्चतमता को प्रतिष्ठित कर सकते हैं।

नारियल का पानी न चढ़ाएं: इस दिन शिवलिंग पर नारियल का पानी चढ़ाना नहीं चाहिए, क्योंकि यह शास्त्रों के अनुसार अशुभ माना जाता है।

सिंदूर का उपयोग न करें: शिव जी की पूजा में सिंदूर का उपयोग न करें, क्योंकि इसे तामसिक भोजन के अंतर्गत देखा जाता है।

तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं: शिव जी को भूलकर भी तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं, क्योंकि यह उनकी पूजा में अनुचित माना जाता है।

अपशब्दों से बचें: किसी को भी अपशब्द न कहें, क्योंकि यह आध्यात्मिकता और शिव की पूजा में बाधाएं उत्पन्न कर सकता है।

बुजुर्गों का सम्मान करें: बुजुर्गों का अपमान न करें, क्योंकि इसे शिव जी की पूजा में अनुचित माना जाता है।

हल्दी न चढ़ाएं: शिव जी को हल्दी चढ़ाना न भूलें, क्योंकि इसे भगवान शिव के उपासना में नकारात्मकता के रूप में माना जाता है।

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