इन 5 बातों को गंभीरता से लेंगे, तभी पाएंगे समृद्धि व रहेंगे खुशहाल
मनुष्य को हर दिन की शुरुआत ईश्वर की आराधना से करनी चाहिए। सुबह का कुछ पल भगवान को समर्पित करना हर इंसान का कर्तव्य है। ताकि अपने लिए कुछ अर्जित कर सके।ये हम नहीं धर्मशास्त्र कहते है पूजा-पाठ का अर्थ केवल भगवान की स्तुति कर उन्हें प्रसन्न करना नहीं होता
जयपुर : मनुष्य को हर दिन की शुरुआत ईश्वर की आराधना से करनी चाहिए। सुबह का कुछ पल भगवान को समर्पित करना हर इंसान का कर्तव्य है। ताकि अपने लिए कुछ अर्जित कर सके।ये हम नहीं धर्मशास्त्र कहते है पूजा-पाठ का अर्थ केवल भगवान की स्तुति कर उन्हें प्रसन्न करना नहीं होता बल्कि यह अपने मन की शांति के साथ अपने आस-पास सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए भी पूजा-पाठ का बहुत महत्व है लेकिन पूजा करते समय कुछ बातें ऐसी हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी है।
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*प्रणाम, भगवान के सामने या पूजा-हवन में शामिल होते वक्त हमेशा हाथों को मजबूती के साथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए। इससे यह पता चलता है कि आप पूरी सकारात्मक ऊर्जा के साथ भगवान को धन्यवाद दे रहे हैं। प्रणाम करने के बाद दोनों हाथों को माथे पर जरूर लगाना चाहिए।
*जाप ,जाप करते या माला फेरते हुए आपको जीभ या होठों को नहीं हिलाना चाहिए बल्कि मन-मन में जप करना चाहिए। इसे उपांशु जप कहा जाता है। ऐसे जप में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हमारे पूरे शरीर में होता है। जिससे हमारा चित्त शांत होता है।
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*तुलसी तोड़ते,बिना नहाए हुए कभी भी तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए। साथ ही तुलसी तोड़ते हुए ध्यान रखें कि कभी भी नाखून का इस्तेमाल करके तुलसी न तोड़ें। इसके अलावा संक्रांति, द्वादशी, अमावस्या, पूर्णिमा और रविवार के दिन तुलसी तोड़ने से परहेज करें।
*पीपल पर जल ,पीपल पर हमेशा जल नहीं चढ़ाना चाहिए बल्कि शनिवार के दिन पीपल की जड़ों को सींचना चाहिए। शनिवार के दिन पीपल की विशेष पूजा करनी चाहिए। साथ ही पीपल की सात परिक्रमा करनी चाहिए।
*जानवरों को खिलाएं प्रसाद , जानवरों पर भगवान की विशेष कृपा होती है क्योंकि जानवर छल-कपट से दूर होते हैं। जानवरों को पूजा पाठ के बाद हमेशा प्रसाद देना चाहिए। साथ ही इनके जीवन को आसान बनाने के लिए आपको सामर्थ्यनुसार मदद करनी चाहिए जैसे सर्दी में इनके लिए बिछौना, चटाई या बारिश में इन्हें शरण देनी चाहिए।