ऐसे ही नहीं होते माला में 108 अंक, जानेंगे वजह तो ज्योतिष-विज्ञान के हो जाएंगे कायल

ज्योतिष के अनुसार ब्रह्मांड को 12 भागों में बांटा गया है। इन्हें हम 12 राशियों के नाम से जानते है। इन 12 राशियों में ही 9 ग्रहों का विचरण होता है। अगर 12 राशियों और 9 ग्रहों का गुणा किया जाए तो हमें 108 अंक प्राप्त होता है।

Update:2020-12-06 08:12 IST
साल भर में हर एक नक्षत्र के 4 अलग अलग चरण होते हैं। इस तरह 27 नक्षत्रों के कुल 108 चरण होते हैं। माना जाता है कि माला के 108 मनके इन 27 नक्षत्रों और उनके 4 चरणों को दर्शाते हैं।

लखनऊः हिन्दू पौराणिक शास्त्रों के में मंत्र जाप का बहुत महत्व बताया गया है। मंत्र जाप के लिए कई तरह की मालाओं का उपयोग किया जाता है। लेकिन सभी मालाओं में एक समानता होती है, वह है उसमें दानों की संख्या 108 होती है। शास्त्रों में 108 संख्या का अत्यधिक महत्व माना गया है। इसका धार्मिक महत्व होने के साथ ही ज्योतिष और वैज्ञानिक महत्व भी माना जाता है। मंत्र जाप में इस्तेमाल होने वाली माला में 108 मनके होते हैं। धार्मिक और पवित्र कामों में 108 अंक का विशेष महत्व है। इस 108 अंक का संबंध आध्यात्म के अलावा सांइस से भी हैं। तो जानते हैं 108 अंक के पवित्र होने और इससे जुड़े वैज्ञानिक कारण क्या हैं?

 

नक्षत्रों की संख्या और 108 अंक

ज्योतिष और अंतरिक्ष विज्ञान में नक्षत्रों की संख्या 27 बताई गई हैं। साल भर में हर एक नक्षत्र के 4 अलग अलग चरण होते हैं। इस तरह 27 नक्षत्रों के कुल 108 चरण होते हैं। माना जाता है कि माला के 108 मनके इन 27 नक्षत्रों और उनके 4 चरणों को दर्शाते हैं।

 

श्वास की संख्या

कहते हैं कि एक स्वस्थ आदमी दिन में 21600 बार श्वास लेता है। हर 12 घंटे में 10800 श्वास लेता है। दिन का समय दैनिक कामों में खत्म हो जाता है और शेष बचे समय में ध्यान करना चाहिए लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है, इसलिए माला में 108 मनके बनाए गए है। इससे हम आसानी से ध्यान करते हुए जप कर सके।

 

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सूर्य और 108 अंक

सांइस के अनुसार एक साल में सूर्य 216000 कलाएं बदलता है। इसके साथ साथ साल में दो बार सूर्य की स्थिति भी बदलती है। हर 6 महीने में सूर्य 108000 कलाएं बदलता है। इसी सिद्धांत पर माला में 108 मनके निर्धारित किए गए हैं, जिसका एक एक मनका सूर्य की कला का प्रतीक होता है।

 

ज्योतिष और 108 अंक

ज्योतिष के अनुसार ब्रह्मांड को 12 भागों में बांटा गया है। इन्हें हम 12 राशियों के नाम से जानते है। इन 12 राशियों में ही 9 ग्रहों का विचरण होता है। अगर 12 राशियों और 9 ग्रहों का गुणा किया जाए तो हमें 108 अंक प्राप्त होता है। इसी सिद्धांत पर माला में 108 मनके होते है, जो नवग्रह और 12 राशियों को प्रदर्शित करते हैं।

 

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माला के साथ मंत्र जाप करने से मनोकामना जल्दी पूरी होती है। मनको से हमारे मंत्र जाप का ज्ञान भी रहता है। हर माला में 108 मनकों के साथ एक बड़ा मनका भी होता है, इससे माला के पूरे होने का पता चलता है। शास्त्रों में कहा गया है कि संख्याहीन मंत्रों का जाप करने से फल देरी से मिलता है या कभी- कभी मंत्र जाप व्यर्थ हो जाते हैं। इसलिए हमेशा मंत्रों का जाप 108 मनकों की माला के साथ ही करना चहिए।

 

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