panchak 2022 list: जनवरी से दिसंबर तक में कब-कब लगेगा पंचक, जान लीजिए वो अशुभ समय जब लगता है मृत्यु पंचक, नहीं होते शुभ काम

panchak 2022 list: जनवरी से दिसंबर तक में कब-कब लगेगा पंचक (panchak date 2022 ): पंचक अशुभ नक्षत्रों का योग है।ज्योतिष शास्त्र में पंचक को अशुभ माना गया है। इसमें मुंडन,छत डालना , यात्रा करना, अंतिम संस्कार जैसे कृत्य नहीं किये जाते है। साल 2022 में सितंबर से दिसंबर तक कब-कब है पंचक का समय जानते हैं...

Update:2021-11-24 18:01 IST

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

2022 में पंचक जनवरी से दिसंबर तक में कब-कब लगेगा?

इस माह यानि सितंबर में पंचक की शुरुआत 5  जनवरी से हो रही है। इस बार पंचक की शुरुआत शनिवार को हो रही है। शास्त्रोनुसार शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है। नाम से ही पता चलता है कि अशुभ दिन से शुरू होने वाला ये पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला होता है। इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए। इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है। ज्योतिष में पंचक अशुभ नक्षत्रों का योग है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार समय-समय पर ग्रहों और नक्षत्रों की चाल की गणना के आधार पर किसी मांगलिक कार्य को करने के लिए समय निर्धारित किया जाता है। इसी को शुभ और अशुभ मुहूर्त कहा जाता है। साल 2022 में जनवरी में कब-कब है पंचक का समय जानते हैं।

ज्योतिष में पंचक अशुभ नक्षत्रों का योग है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार समय-समय पर ग्रहों और नक्षत्रों की चाल की गणना के आधार पर किसी मांगलिक कार्य को करने के लिए समय निर्धारित किया जाता है। इसी को शुभ और अशुभ मुहूर्त कहा जाता है। साल 2022 में जनवरी से दिसंबर तक कब-कब है पंचक का समय जानते हैं।

                                                                                                                              जनवरी से दिसंबर  2021 में पंचक का समय

  • जनवरी  में पंचक का आरंभ

5  जनवरी 2022, बुधवार को 07:55 PM बजे

पंचक का समापन

10  जनवरी 2022, सोमवार को 08:50 AM बजे- राज पंचक

  • फरवरी में पंचक का आरंभ

1 फरवरी 2022, मंगलवार को 30. 45  बजे

पंचक का समापन

6 फरवरी 2022, रविवार को 17:10  बजे- अग्नि पंचक

  • मार्च पंचक का आरंभ

28 मार्च 2022, सोमवार को 23 :56 PM बजे

पंचक का समापन

2 अप्रैल 2022 शनिवार को 29 : 24   बजे- राज पंचक

अप्रैल में पंचक का आरंभ

24  अप्रैल 2022, रविवार को 18: 43  बजे

पंचक का समापन

29 अप्रैल 2022, शुक्रवार को 08:15  बजे-रोग पंचक

  • मई में पंचक का आरंभ

22  मई 2022, रविवार को 11:13  बजे

पंचक का समापन

26  मई 2022, मंगलवार को 24 :39  बजे-रोग पंचक

जून  में पंचक का आरंभ

18 जून 2022, शनिवार को 18:44  बजे-

जून पंचक का समापन

23  जून 2022, गुरुवार को 06:01  बजे- मृत्यु पंचक 

जुलाई में पंचक का आरंभ

15 जुलाई 2022, शुक्रवार को 28 : 19 बजे

जुलाई पंचक का समापन

20  जुलाई 2022, बुधवार को  12:51  बजे- चोर पंचक

अगस्त में पंचक का आरंभ

12  अगस्त 2022 शुक्रवार 14.49 से

अगस्त  में पंचक का समापन

16 अगस्त 2022, मंगलवार को 21 :05 बजे- चोर पंचक

सिंतबर  में पंचक का आरंभ

9  सिंतबर 2022, बृहस्पतिवार को 10:10  बजे

सिंतबर पंचक का समापन

13 सिंतबर 2022, मंगलवार को 06:36 बजे-अग्नि पंचक

अक्टूबर में पंचक का आरंभ

अक्टूबर2022, बृहस्पतिवार को  08.29  बजे- अग्नि पंचक

अक्टूबर पंचक का समापन

10  अक्टूबर 2022, सोमवार को 16:02 बजे- अग्नि पंचक

नंवबर में पंचक का आरंभ

2  नंवबर 2022, बुधवार को 14:16  बजे

 नंवबर पंचक का समापन

नंवबर 2022, रविवार को 24 :05  बजे- राज पंचक

दिसम्बर में पंचक का आरंभ

26  दिसम्बर 2022 , सोमवार को 27:31  बजे

 दिसम्बर पंचक का समापन

31  दिसम्बर 2022, शनिवार को 11.:47  बजे- राज पंचक


  पंचक क्या होता है ?

ज्योतिष में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है। इसे अशुभ नक्षत्रों का योग मानते हैं। नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहते हैं। जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है, तब उस समय को पंचक कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में पंचक को अशुभ माना गया है। पंचक कितने प्रकार का होता है और इसमें कौन-कौन से काम नहीं करने चाहिए। पंचक के दौरान कुछ विशेष काम करने की मनाही है। इसके अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार समय-समय पर ग्रहों और नक्षत्रों की चाल की गणना के आधार पर किसी मांगलिक कार्य को करने के लिए समय निर्धारित किया जाता है। इसी को शुभ और अशुभ मुहूर्त कहा जाता है। शुभ मुहूर्त में कार्य करने पर उस काम में सफलता की प्राप्ति होती है, जबकि अशुभ मुहूर्त में किया गया कार्य में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न होती है। जब कभी अशुभ नक्षत्र का योग बनता है तब इस योग को पंचक कहा जाता है। ज्योतिष में पंचक को अशुभ माना गया है।

पंचक कब लगता है ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पांच नक्षत्रों के संयोग को पंचक कहा जाता है। इन पांच नक्षत्रों में घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती हैं। पंचक का स्वामी ग्रह कुंभ और राशि मीन होती है। प्रत्येक माह आने वाले पंचक में इन पांच नक्षत्रों की भी गणना की जाती है।घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद तथा रेवती ये नक्षत्र पर जब चन्द्रमा गोचर करते हैं तो उस काल को पंचक काल कहा जाता है। पंचक निर्माण तभी होता है जब चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि पर गोचर करते हैं।

पंचक के  प्रकार

रोग पंचक

रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है। इसके प्रभाव से ये पांच दिन शारीरिक और मानसिक परेशानियों वाले होते हैं। इस पंचक में किसी भी तरह के शुभ काम नहीं करने चाहिए। हर तरह के मांगलिक कार्यों में ये पंचक अशुभ माना गया है।

राज पंचक

सोमवार को शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है। ये पंचक शुभ माना जाता है। इसके प्रभाव से इन पांच दिनों में सरकारी कामों में सफलता मिलती है। राज पंचक में संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ रहता है।

अग्नि पंचक

मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है। इन पांच दिनों में कोर्ट कचहरी और विवाद आदि के फैसले, अपना हक प्राप्त करने वाले काम किए जा सकते हैं। इस पंचक में अग्नि का भय होता है। इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य, औजार और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है। इनसे नुकसान हो सकता है।

मृत्यु पंचक

शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है। नाम से ही पता चलता है कि अशुभ दिन से शुरू होने वाला ये पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला होता है। इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए। इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है।

चोर पंचक

शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है। विद्वानों के अनुसार, इस पंचक में यात्रा करने की मनाही है। इस पंचक में लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के सौदे भी नहीं करने चाहिए। मना किए गए कार्य करने से धन हानि हो सकती है।

बुधवार और गुरुवार को शुरू होने वाले पंचक में ऊपर दी गई बातों का पालन करना जरूरी नहीं माना गया है। इन दो दिनों में शुरू होने वाले दिनों में पंचक के पांच कामों के अलावा किसी भी तरह के शुभ काम किए जा सकते हैं।



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