Paush Purnima 2023 Taarikh Aur Samay पौष पूर्णिमा 2023 तारीख और समय : जानिए क्यों खास है यह दिन और बनने वाला खास शुभ संयोग

Paush Purnima 2023 Taarikh Aur Samay पौष पूर्णिमा 2023 तारीख और समय : पौष पूर्णिमा के दिन स्नान-दान और कल्पवास की शुरूआत के लिए शुभ माना जाता है। जानिए क्यों होता है इस दिन का धार्मिक महत्व

Update:2023-01-04 10:14 IST

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Paush Purnima 2023 Taarikh Aur Samay

पौष पूर्णिमा 2023 तारीख और समय :  हिंदुओं के लिए पवित्र माह  पौष में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का अलग महत्व है। इसको पौष पूर्णिमा कहते हैं।इस साल यह पूर्णिमा 6 जनवरी 2023 को है। पौष माह पूर्णिमा के दिन ही  मां दुर्गा के  शाकम्भरी स्वरूप का जन्म हुआ था। इसलिए इसे शाकम्भरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इसी दिन से एक माह तक माघ मास की पूर्णिमातक कल्पवास रहता है।

पूर्णिमा के दिन स्नान-दान और सूर्य देव को जल देने से बहुत अधिक लाभ होता है। कहते हैं पौष पूर्णिमा पर स्नान-दान से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन से कल्पवास भी शुरू हो जाता है माघ स्नान के साथ माघी पूर्णिमा के दिन कल्पवास का समापन होता है। ऐसा कहा जाता है कि कल्पवासी यहां जीवन-मृत्यु के बंधनों से मुक्ति की कामना लेकर यहां आते हैं।

पौष पूर्णिमा का मुहूर्त

पौष पूर्णिमा पर स्नान दान का बहुत महत्व है।इस साल पौष पूर्णिमा तिथि 06 जनवरी दिन शुक्रवार को 02:14सुबह से लग रही है, जो अगले दिन 07 जनवरी को प्रात: 04:37 सुबह तक है। पूर्णिमा के व्रत के लिए उस तिथि में चंद्रमा का उदय काल देखा जाता है, लेकिन पौष पूर्णिमा के दिन उदयातिथि भी 06 जनवरी को है। इस साल पौष पूर्णिमा का व्रत, स्नान दान और पूजा पाठ 06 जनवरी को ही किया जाएगा।

सर्वार्थ सिद्धि योग- पौष पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और इंद्र योग बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग देर रात 12:14 से लेकर अगले दिन सुबह 07:15 तक है।इस दिन सुबह 07.15 मिनट से दोपहर 03 .24 मिनट तक भद्रा लग रही है।

पौष पूर्णिमा का चंद्रोदय- शाम 05 बजे होगा। पूर्णिमा के चंद्रमा का चंद्रास्त नहीं होता है, इसलिए इसका चंद्रास्त समय नहीं है।

पौष पूर्णिमा की पूजा-विधि 

इस दिन व्रत रखकर घर में सत्य नारायण की कथा हो सके तो करवाना चाहिए। सबसे पहले गणेश जी की, इसके बाद इंद्र देव और नवग्रह सहित कुल देवी देवता की पूजा करनी चाहिए।  इसके बाद माता लक्ष्मी, पार्वती सहित सरस्वती की पूजा करें अंत में भगवान शिव और ब्रह्मा जी की पूजा करें। भगवान को भोग में चरणामृत, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, फल, फूल, पंचगव्य, सुपारी, दूर्वा आदि अर्पित करें। इससे सत्यनारायण देव प्रसन्न होते हैं। इसके बाद आरती और हवन कर पूजा सम्पन्न किया जाता है।

पौष पूर्णिमा पर मंत्र जाप

पौष पूर्णिमा पर स्नान के बाद कुछ विशेष मंत्रों के जाप से कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है। इसके लिए निम्न मंत्रों का जाप किया जा सकता है -

ओउम आदित्याय नमः,

ओउम सोम सोमाय नमः,

ओउम नमो नीलकंठाय,

ओउम नमो नारायणाय।


पौष पूर्णिमा पर उपाय

पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है। यह दिन माँ लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय है। पूर्णिमा के दिन इन खास उपाय करने से भाग्य चमकेगा।

चन्द्रमा मां का सूचक है और मन का कारक है। चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी है। स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है। घर में पानी की कमी आ जाती है। मानसिक तनाव, मन में घबराहट, मन में तरह-तरह की शंका बनी रहती है। व्यक्ति के मन में आत्महत्या करने के विचार भी बार-बार आते रहते हैं। चन्द्रमा जैसे-जैसे कृष्ण पक्ष में छोटा व शुक्ल पक्ष में पूर्ण होता है वैसे-वैसे मनुष्य के मन पर भी चन्द्र का प्रभाव पड़ता है।

शास्त्रों में कहा गया है कि हर पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है।आप सुबह उठकर पीपल के पेड़ के सामने कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करें।

सफल दाम्पत्य जीवन के लिए प्रत्येक पूर्णिमा को पति-पत्नी में कोई भी चन्द्रमा को दूध का अर्ध्य अवश्य ही दें, इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।

जब चन्द्र से कोई भी शुभ ग्रह जैसे शुक्र, बृहस्पति और बुध दसवें भाव में हो तो व्यक्ति दीर्घायु, धनवान और परिवार सहित हर प्रकार से सुखी होता है। चन्द्र से कोई भी ग्रह जब दूसरे या बारहवें भाव में न हो तो वह अशुभ होता है।

जिस भी व्यक्ति को जीवन में धन सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ता है उन्हें पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चन्द्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर "ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम:" अथवा " ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:. " मन्त्र का जप करते हुए अर्ध्य देना चाहिए। इससे धीरे धीरे उसकी आर्थिक समस्या खत्म होती है।

हर पूर्णिमा के दिन मंदिर में जाकर लक्ष्मी को इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती अर्पण करनी चाहिए। धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थाई रूप से निवास करने की प्रार्थना करें।

अपने घर के मंदिर में धन लाभ के लिए श्री यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, कुबेर यंत्र, एकाक्षी नारियल, दक्षिणवर्ती शंख रखें। इनको साबुत अक्षत के ऊपर स्थापित करना चाहिए। पूर्णिमा की रात में 15 से 20 मिनट तक चन्द्रमा को लगातार देखें इससे नेत्रों की ज्योति तेज होती है।

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