अक्षय तृतीया पर राशि अनुसार करें पूजा, होगी अक्षय वरदान की प्राप्ति

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है। यह दिन शादी-विवाह और खरीददारी के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बार अक्षय तृतीया 7 मई यानी मंगलवार को है। अक्षय तृतीया को सर्वसिद्ध मुहूर्त माना जाता है।

Update:2019-05-06 14:49 IST

नई दिल्ली: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है। यह दिन शादी-विवाह और खरीददारी के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बार अक्षय तृतीया 7 मई यानी मंगलवार को है। अक्षय तृतीया को सर्वसिद्ध मुहूर्त माना जाता है।

अपने नाम के अनुरूप इस दिन किए गए कार्य का कभी क्षय नहीं होता। इसीलिए शुभ और मंगल कार्यों के लिए अक्षय तृतीय का दिन बहुत शुभ है। इस दिन रिश्ता रोकना, वाग्दान संस्कार, विवाह संस्कार आदि कार्य होते हैं।

व्यापार आरम्भ, नींव पूजन, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, कोई नई वस्तु खरीदना आदि कार्य किए जा सकते हैं। इस दिन दान करने का भी विधान है। अक्षय तृतीया पर आप अपनी राशि के अनुसार पूजा एवं दान कर पुण्य कमा सकते हैं।

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मेष- इस राशि का स्वामीग्रह मंगल है। सुंदरकांड का पाठ करें। स्वर्ण खरीदें। गेहूं का दान करने से मंगल संबंधित दोष दूर होंगे।

वृष- इस राशि का स्वामीग्रह शुक्र है। श्री सूक्त का पाठ करें। सोने चांदी के सामान खरीदें। चावल का दान करें। संपन्नता आएगी।

मिथुन- इस राशि का स्वामीग्रह बुध है। श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। गो माता की पालक खिलाएं। धन में वृद्धि होगी।

कर्क- इस राशि का स्वामीग्रह चंद्रमा है। शिव उपासना करें। रुद्राभिषेक कराएं। सुख तथा संपन्नता में वृद्धि होगी।

सिंह- इस राशि का स्वामीग्रह सूर्य है। स्वर्ण खरीदें। श्री आदित्यहृदयसोत्र का पाठ करें। यश तथा प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।

कन्या- इस राशि का स्वामीग्रह बुध है। श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। यश तथा प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।

तुला- इस राशि का स्वामीग्रह शुक्र है। श्री सूक्त का पाठ करें। चांदी खरीदें।सुख तथा समृद्धि बढ़ेगी।

वृश्चिक- इस राशि का स्वामीग्रह मंगल है। बजरंगबाण का पाठ करें । कष्टों से मुक्ति मिलेगी।

धनु- इस राशि का स्वामीग्रह गुरु है। श्री रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें। स्वर्ण खरीदें। मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।

मकर- इस राशि का स्वामीग्रह शनि है। हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ कीजिये। शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी।

कुंभ- इस राशि का स्वामीग्रह शनि है। शनि के बीज मंत्र का जप करें। हनुमान बाहुक का पाठ करें। आरोग्यता प्राप्त होगी।

मीन- इस राशि का स्वामीग्रह गुरु है। श्री रामचरित मानस के अरण्यकाण्ड का पाठ करें। यश तथा प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी।

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