बहुत खास तिथि आज, संतान और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करें ये व्रत
भगवान शिव को भोग लगाएं।इसके बाद व्रत का संकल्प लें। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव त्रयोदशी तिथि में शाम के समय कैलाश पर्वत पर स्थित अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं।इस दिन भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
जयपुर आज फाल्गुन मास का पहला प्रदोष व्रत है। 11 मार्च यानी कल महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। हर महीने कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। आज द्वादशी तिथि दोपहर तक है, उसके बाद से त्रयोदशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा और व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
विधि-विधान से पूजा
आज बुध प्रदोष व्रत है। प्रदोष काल में आज भगवान शिव के साथ गणेश जी की विधि विधान से पूजा की जाएगी। आज बुधवार के दिन विघ्नहर्ता गणेश की भी पूजा करनी चाहिए। वे सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करेंगे। आज बुधवार के दिन गणेश चालीसा, उनके मंत्रों का जाप, शिव चालीसा और गणेश जी की आरती करना अत्यंत मंगलकारी माना जाता है। आज आप कोई नया कार्य करना चाहते हैं तो शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें।
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पूजा विधि
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव का अभिषेक करें। पंचामृत का पूजा में प्रयोग करें। धूप दिखाएं और भगवान शिव को भोग लगाएं।इसके बाद व्रत का संकल्प लें। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव त्रयोदशी तिथि में शाम के समय कैलाश पर्वत पर स्थित अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं।इस दिन भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। निसंतान को संतान मिलती है। संतान सत्कर्मों में लगी रहती है।
शुभ मुहूर्त-
प्रदोष व्रत तिथि – 10 मार्च 2021(बुधवार), फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ – 10 मार्च 2021 बुधवार को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट से
त्रयोदशी तिथि समाप्त – 11 मार्च 2021 गुरुवार को 02 बजकर 39 मिनट तक।
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व्रत के नियम-
प्रदोष व्रत करने के लिए व्रती को त्रयोदशी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए। नहाकर भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए। इस व्रत में भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है। गुस्सा या विवाद से बचकर रहना चाहिए। प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दिन सूर्यास्त से एक घंटा पहले नहाकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।प्रदोष व्रत की पूजा में कुशा के आसन का प्रयोग करना चाहिए।